संविधान दिवस: वन नेशन वन इलेक्शन बहस का विषय नहीं बल्कि देश की जरूरत: पीएम मोदी

80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के समापन सत्र को किया संबोधित, हर नागरिक के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बताया संविधान की अपेक्षा, मुंबई हमले में शहीद हुए लोगों को दी श्रद्धांजलि

Pm Narendra Modi On Constitution Day
Pm Narendra Modi On Constitution Day

Politalks.News/Delhi/ConstitutionDay. राष्ट्रीय संविधान दिवस पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन पर जोर देते हुए कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव सिर्फ बहस का विषय नहीं है बल्कि यह भारत की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि देश में हर कुछ महीनों में कहीं न कहीं चुनाव होता है और इसका प्रभाव विकास कार्य पर पड़ता है. इस मुद्दे का अध्ययन करने की आवश्यकता है और पीठासीन अधिकारी इसके लिए मार्गदर्शक हो सकते हैं. 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के समापन सत्र में पीएम मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए. बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं.

भारतीय संविधान की विश्वसनीयता पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश की 130 करोड़ से ज्यादा जनता ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया है, उसकी एक बड़ी वजह, सभी भारतीयों का संविधान के तीनों अंगों पर पूर्ण विश्वास है. इस विश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर काम भी हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि इस बार संसद के दोनों सदनों में तय समय से ज्यादा काम हुआ है. सांसदों ने अपने वेतन में भी कटौती करके अपनी प्रतिबद्धता जताई है. अनेक राज्यों के विधायकों ने भी अपने वेतन का कुछ अंश देकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना सहयोग दिया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के इसी कठिन समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती भी दुनिया ने देखी है. इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है. हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है. पीएम मोदी ने कहा कि हर नागरिक का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़े, ये संविधान की भी अपेक्षा है और हमारा भी ये निरंतर प्रयास है.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे यहां बड़ी समस्या ये भी रही है कि संवैधानिक और कानूनी भाषा, उस व्यक्ति को समझने में मुश्किल होती है जिसके लिए वो कानून बना है. मुश्किल शब्द, लंबी-लंबी लाइनें, बड़े-बड़े पैराग्राफ, क्लॉज-सब क्लॉज, यानि जाने-अनजाने एक मुश्किल जाल बन जाता है. हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके.

पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत के लोगों ने ये संविधान खुद को दिया है जिसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, ये सुनिश्चित करना होगा. अब हमारा प्रयास ये होना चाहिए कि संविधान के प्रति सामान्य नागरिक की समझ और ज्यादा व्यापक हो. पीएम ने कहा कि KYC यानि Know Your Constitution हमारे संवैधानिक सुरक्षा कवच को भी मज़बूत कर सकता है.

26/11 के हमले का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है. 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था. इस हमले में अनेक लोगों की मृत्यु हुई थी. अनेक देशों के लोग मारे गए थे. प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मुंबई हमले के जख़्म भारत भूल नहीं सकता. इस हमले में हमारे पुलिस बल के कई जाबांज भी शहीद हुए थे. आज भी भारत नई नीति-नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है.

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