किसान बिल का विरोध कर रही कांग्रेस, क्या इसका जिक्र उनके घोषणा पत्र में नहीं था: पूनियां

पीसीसी चीफ डोटासरा और प्रदेश कांग्रेस पर साधा निशाना, किसानों को गुमराह करने का लगाया आरोप, कहा- किसी भी सूरत में एमएसपी को प्रभावित नहीं करता ये बिल

Rajasthan (6)
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POlitalks.News/Rajasthan. कृषि विधेयक को लेकर देशभर की सड़कों पर किसानों का विरोध जारी है. वहीं सदन के अंदर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष बीजेपी/एनडीए पर हमलावर है. किसानों से जुड़े बिल को लेकर कांग्रेस ने राजस्थान में भी हल्ला बोला है और प्रदेश के जिलों में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इस संबंध में बीजेपी राजस्थान के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने तीखा निशाना साधा और कहा कि जिस बिल का कांग्रेस विरोध कर रही है, क्या ये उनके 2019 के चुनावी घोषणा में शामिल नहीं था.

राजस्थान के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को टैग करते हुए पूनियां ने एक ट्वीट कर कांग्रेस से सवाल पूछा. पूनियां ने लिखा, ‘गोविंद डोटासराजी.. कांग्रेस वर्षों तक राज में रही, कर देते कल्याण. अब किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हो. इतना बताओ कि जिस बात का विरोध कर रहे हो, क्या ये आपके 2019 के घोषणा पत्र में नहीं है? उत्तर हां या ना में देना है.. जनता की अदालत है.’

पोस्ट में कांग्रेस के चुनावी घोषणा का 11वां और 21वां पॉइंट दिखाया गया है जिसमें किसानों से संबंधित बिलों को दिखाया गया है. पोस्ट में दर्शाया गया है, कांग्रेस भ्रम फैला रही है कि कृषि बिल किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के सुरक्षा जाल से बाहर निकालने की एक साजिश है जबकि सच ये नहीं है. सच ये है कि कृषि बिल एमएसपी से प्रभावित नहीं होगा. एमएसपी प्रणाली जारी रहेगी. किसानों को फसल का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए ये अतिरिक्त व्यापारिक अवसर है.

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इधर, प्रदेशभर में कांग्रेस ने सांकेतिक तौर पर संसद से पास हुए दोनों कृषि बिलों पर विरोध जताया और राज्यपाल के नाम पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. राजधानी जयपुर में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक कृष्णा पूनियां के साथ हरिश चौधरी और राजेंद्र यादव कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा.

पीसीसी चीफ डोटासरा ने राज्यसभा में 8 सांसदों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई को भी गलत बताया. डोटसरा ने कहा कि किसान विरोधी काले कानून के खिलाफ आवाज़ उठाने पर 8 सांसदों को निलंबित करना भाजपा की दमनकारी नीति को दर्शाता है. देश की धरोहरों को बेचते बेचते यह सरकार इतनी अंधी हो चुकी है कि अब इस कानून से अन्नदाता की ज़मीन का सौदा भी कारोबारियों से कर चुकी है, लेकिन यह आज होने देंगे ना कल.

डोटासरा ने कहा कि राज्यसभा में किसान विरोधी काला कानून ज़रूर पास हो गया लेकिन इसके खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश जो लोग इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जो नोटबंदी और GST को देशहित में बता रहे थे. ऐसे सभी लोगों को आज पार्टी लाइन से ऊपर उठकर किसानों के साथ खड़े होना चाहिए.

इसके विपरित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बिल पर अपना रूख साफ कर चुके हैं और बिल को किसान विरोधी नहीं बल्कि अन्नदाताओं के लिए हितकारी बता चुके हैं. इसके बावजूद बिलों पर बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. बिल का विरोध सड़कों से लेकर सदन तक में हो रहा है. बिल का विरोध कर रहे सांसदों के निलंबन की वजह से आज राज्यसभा में भी जमकर हंगामा हुआ और सदन को कल सुबह तक के लिए स्थगित करना पड़ा.

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