चुनाव आयोग की कार्रवाई के लपेटे में आ चुके यूपी सीएम योगी, बसपा सुप्रीमो मायावती, बीजेपी नेता मेनका गांधी व सपा नेता आजम खान के बाद अब ये सिलसिला और आगे बढ़ता नजर आ रहा है. विवादित बयानों की कड़ी में भला नवजोत सिंह सिद्धू कहां पीछे रहने वाले थे, सिद्धू ने बिहार की कटिहार लोकसभा सीट क्षेत्र में बलरामपुर विधानसभा में आयोजित एक जनसभा में मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया है. सिद्धू का ये बयान सियासी गलियारों की सुर्खियां बना हुआ है. बता दें कि, सिद्धू का ये बयान बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा दिए गए बयान से मिलता-जुलता है.
वोट बटोलने के लिए अपने बयानों के जरिए जाति-धर्म का जहर घोलने वाले नेताओं पर चुनाव आयोग की सख्ती लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन फिर भी नेता विवादित बयान देने से बाज नहीं आते दिख रहे हैं. अब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कटिहार के बलरामपुर में मुस्लिमों को संबोधित करते हुए एक विवादित बयान दे दिया है, जिसमें वे एकजुट होकर कांग्रेस के समर्थन में वोट करने की बात कह रहे हैं. इसके अलावा भी सिद्धू ने इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर लेते हुए पीएम मोदी की तुलना फेंकू से कर डाली.
सिद्धू ने कहा कि आपकी कटिहार सीट ऐसी लोकसभा सीट है जहां अल्पसंख्यक भी बहुसंख्यक है, इसलिए आप अगर एकजुटता दिखाते हैं तो तारिक अनवर को हराने वाला कोई नहीं है. बता दें कि मायावती ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया था जिसपर चुनाव आयोग ने उनके चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के लिए रोक लगा दी. इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू ने रैली में कहा कि, ‘इस क्षेत्र में आपका वर्चस्व 62 फीसदी का है और ये बीजेपी वाले षडयंत्रकारी लोग आपको बांटने का प्रयास करेंगे, आप इकठ्ठे रहें तो कांग्रेस को दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकेगी.’
कुछ ऐसा ही बयान दिया था मायावती ने
बता दें कि, हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कुछ इसी तरह का बयान मुस्लिम समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए दिया था, जिस पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए 48 घंटे के लिए उनपर प्रचार-प्रसार के लिए पाबंदी लगा दी है. मायावती ने ये बयान देवबंद की रैली में दिया था और एकजुट होकर महागठबंधन के लिए मतदान करने को कहा था.
गौरतलब है कि, निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता के नियमों के मुताबिक कोई भी नेता, प्रत्याशी या पार्टी धर्म के आधार पर वोट नहीं मांग सकता है और ना ही किसी एक समुदाय से इस प्रकार एकजुट मतदान की अपील कर सकता है. बता दें कि, इस तरह के बयान देकर आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों में केवल मायावती ही शामिल नहीं है. इनके अलावा यूपी सीएम आदित्यनाथ भी अली-बजरंगबली वाला बयान देकर चुनाव आयोग की 72 घंटे प्रचार पर रोक की कार्रवाई झेल रहे हैं. अब इस तरह के बयान के बाद सिद्धू पर भी चुनाव आयोग की तलवार लटकती दिख रही है.