politalks.news

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार को अभी तक भूल नहीं पाई कांग्रेस के लिए महाराष्ट्र से बुरी खबर है. यहां पार्टी के विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपना इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े को अपना इस्तीफा सौंपा है. वे एमएलए के अलावा नेता प्रतिपक्ष भी थे. यह पद भी उन्होंने छोड़ दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. साथ ही बताया जा रहा है कि उनके अलावा कुछ दूसरे कांग्रेस विधायक और नेता इसी राह पर निकल सकते हैं.

बता दें कि कुछ दिन पहले यह खबर आम हुई थी कि कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल 4 जून को बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. आज वही तारिख है और राधाकृष्ण पाटिल ने पहले नेता प्रतिपक्ष पद से व उसके बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. पाटिल ने इस्तीफे से पहले पार्टी के दो विधायकों से मुलाकात की थी. उनके आवास पर कांग्रेस नेता अब्‍दुल सत्‍तार और जय कुमार गोरे ने पहुंच कर मुलाकात की थी. गौरतलब है कि इससे पहले अब्दुल सतार पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं जबकि मोरे अभी तक पार्टी में है.

इनके अलावा राजू शेट्टी की शेतकरी स्वाभीमानी पार्टी के विधायक भारत भालके भी पाटिल से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. इन सभी नेताओं की राधाकृष्ण विखे पाटिल से मुलाकात से अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये सभी नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. क्योंकि कुछ दिन पहले सामने आई खबर के मुखाबिक उन्हें बीजेपी में शामिल होने के साथ-साथ मंत्रिमंडल में भी जगह मिलने की बात चली थी. उस वक्त उन्होंने बीजेपी नेता गिरीश महाजन से उनके बंगले पहुंचकर मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों नेताओं में काफी देर चर्चा हुई थी.

रामकृष्ण विखे पाटिल के बीजेपी में जाने की अटकलों को इसलिए भी मजबूती मिलती दिख रही है कि तीन दिन पहले ही विखे पाटिल की अकोला में एक शादी में प्रदेश के सीएम फडणवीस से मुलाकात हुई थी. इसके बाद से ही उनके बीजेपी में शामिल होने के चर्चे और ज्यादा तेजी से बढ़ गए और मंगलवार को आखिर उन्होंने इस्तीफा देकर चर्चा को इस ओर मोड़ भी दिया. उनके बेटे सुजय विखे पाटिल पहले ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं और इस बार अहमदनगर से सांसद भी चुने गए हैं.

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से राधाकृष्ण विखे पाटिल की नाराजगी साफ दिखी है, जब सुजय को कांग्रेस से टिकट न मिलने के कारण उन्होंने इसे अन्याय बताया था. सुजय की जीत के बाद राधाकृष्ण पाटिल ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उन्होंने बेटे के खुला लिए प्रचार किया है. इनके अलावा विधायक अब्‍दुल सत्‍तार, जयकुमार गोरे, कालीदास कोलंबकर के भी बीजेपी में जाने की चर्चाएं जोरों पर है.

नेता प्रतिपक्ष व विधायक पद से इस्तीफे के बाद राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार भी नहीं किया था. हांलाकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कांग्रेस हाईकमान से कोई दिक्कत नहीं है. हाईकमान ने उन्हें विपक्ष का नेता बनाकर मौका दिया है. मैंने भी अच्छा काम करने की कोशिश की लेकिन परिस्थितियों ने मुझे इस्तीफा देने पर लाकर खड़ा कर दिया.

वहीं हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस से निष्कासित विधायक अब्दुल सतार ने विखे पाटिल के इस्तीफे के बाद मीडिया को बताया कि 8 से 10 कांग्रेसी विधायक बीजेपी के संपर्क में है और जल्द ही वे कांग्रेस छोड़ सकते हैं. प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व के वे निराशा महसूस कर रहे हैं. साथ ही नेतृत्व के कामकाज का तरीका ही इस फैसले का कारण है. प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य यहां पार्टी को खत्म करने में लगे हैं.

(लेटेस्ट अपडेट्स के लिए  फ़ेसबुक ट्वीटर और  यूट्यूब पर पॉलिटॉक्स से जुड़ें)

Leave a Reply