Politalks.News/RajasthanBudget. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) अपनी तीसरी सरकार का चौथा बजट 2022-23 (Rajasthan Budget- 2022-23) कल यानी बुधवार को विधानसभा में पेश करेंगे. वहीं इससे पहले आज मंगलवार को बजट को अंतिम रुप देने के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मुझे आशा है कि यह बजट प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं और उम्मीदों पर खरा उतरेगा‘. सबसे अहम बात इस बजट की यह है कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसानों के लिए अलग से कृषि बजट (agriculture budget) पेश किया जाएगा. सियासी जानकारों की मानें तो संभवत: पूरे देश में अपने आप में यह पहला उदाहरण होगा जब स्पेशल किसानों के लिए अलग से बजट जारी किया जा रहा है.
किसानों को मिल सकती हैं ये बड़ी सौगातें
माना जा रहा है कि सीएम गहलोत प्रदेश के किसानों बड़ी सौगातें दे सकते हैं. जानकारों की माने तो केन्द्रीय बैंकों के कर्जे माफ करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भिजवाने और कॉमर्शियल बैंकों के कर्जे प्रदेश सरकार की ओर से माफ करने की घोषणा की जा सकती है. बजट में ऑर्गेनिक खेती और शुष्क खेती को बढ़ावा देने, सिंचाई एरिया बढ़ाने, पुरानी नहरों और बांधों को रिपेयर कराने पर बजट दिया जा सकता है. किसानों की उपज को स्टोर करने के लिए हर ग्राम पंचायत में आधुनिक स्टोरेज गोदाम बनाने पर भी सरकार का फोकस है. फूड प्रोसेसिंग यूनिट और एग्री प्रोसेसिंग यूनिट से किसानों की आमदमी बढ़ाने पर सरकार जोर दे सकती है.
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‘किसान के पास राजनीतिक सत्ता के साथ हर किस्म की होनी चाहिए सत्ता’
सियासी जानकारों की माने तो किसी भी राजनीतिक दल के लिए किसान भी एक बड़ा वोट बैंक होता है और हर चुनाव का मुद्दा भी. इसी कारण से यह अब देखा जा रहा है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अलग से कृषि बजट लाने का जो ऐलान किया था, उस पर इस मर्तबा अमल होने वाला है. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी यह कहा गया था कि अन्नदाता के बेहतर भविष्य और उनके हितों का संरक्षण करने के लिए साल 2022-23 के राज्य बजट में अलग से कृषि बजट को पेश किया जाएगा. इस दौरान महात्मा गांधी की ओर से लिखे गए एक लेख जो कि 12 जनवरी 1945 को मुंबई क्रॉनिकल में छपा था, हवाला देते हुए कहा था कि किसान के पास राजनीतिक सत्ता के साथ हर किस्म की सत्ता होनी चाहिए.
किसान संगठनों को हैं ये बड़ी उम्मीदें
किसान संगठनों की माने तो मरुप्रदेश के प्रदेश में किसान आज पानी की समस्या से जूझ रहा है. शेखावाटी में यमुना का पानी लाने का सपना सालों पुराना है. ऐसे में सरकार के प्रयास होने चाहिए कि इस बजट में यमुना के पानी के लिए नहर बनाने को लेकर अलग से बजट प्रस्ताव लाए जाए ताकि किसान को राहत मिले. कृषि बजट में एमएसपी की गारंटी को लागू किए जाने की भी मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई है. किसानों ने कहा कि, ‘यह किसानों का हक है और सरकार को इसके लिए कानून बनाकर आने वाले बजट में काश्तकारों को राहत देने की राह तैयार करनी चाहिए’.
शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा पर रहेगा फोकस
वहीं बजट में जिला और विधानसभा स्तर तक प्राथमिकता के आधार पर गर्ल्स कॉलेजों की संख्या बढ़ाने,कस्बाई और ग्रामीण क्षेत्रों में भी महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलकर स्कूलों की संख्या बढ़ाने, विधवा,विकलांग और बुजुर्गों के पेंशन,प्रमाण पत्र जैसे कामों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम डवलप करने की सरकार घोषणा कर सकती है. टूटी फूटी सड़कों की मरम्मत के लिए बजट प्रावधान और मिसिंग लिंक सड़कों का निर्माण करवाने, ट्रैफिक दबाव से रोड एक्सीडेंट में कमी लाने, हाईवेज पर लोगों की सुरक्षा के लिए बंदोबस्त की घोषणा की जा सकती है.
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इंदिरा रसोई का दायरा बढ़ाने,पंचायतराज में भर्ती घोषणा सम्भव
इंदिरा रसोई योजना में 8 रुपए का खाना विधानसभा स्तर तक मुहैया कराने और रसोई संख्या बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है. सामाजिक समरसता बढ़ाने, गरीबों, एससी,एसटी, माइनॉरिटी, ओबीसी वर्ग का ख्याल रखते हुए विशेष घोषणा की जा सकती है. रोजगार और निवेश बढ़ाने के लिए नीतिगत फैसले, संविदाकर्मियों के नियमितिकरण की दिशा में सरकार पॉलिसी बेस्ड निर्णय की घोषणा कर सकती है. पंचायतीराज विभाग के तहत खाली पड़े पदों को भरने, खारे और दूषित पानी की समस्या को देखते हुए शुद्ध पेयजल पहुंचाने की स्कीम सरकार ला सकती है. गहलोत सरकार बजट में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाने, राइट टू हेल्थ और राइट टू फूड का अधिकार लोगों को देने की घोषणा भी कर सकती है. उड़ान योजना को लेकर भी सीएम गहलोत बजट बढ़ा सकते हैं.