मुख्यमंत्री गहलोत की बड़ी घोषणा- अब निजी अस्पतालों में भी मिलेगा गम्भीर कोविड रोगियों को फ्री इलाज

हाई फ्लो ऑक्सीजन युक्त तथा आईसीयू बैड चार गुना तक बढाएं जाएं, जरूरतमंद 4.14 लाख परिवारों को मिलेगा निशुल्क गेहूं एवं चना, सभी सांसद और विधायक करवाएंगे कोरोना की जांच

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. रविवार को आई चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घण्टों में राजस्थान में एक दिन में सर्वाधिक 1450 नए पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इनमें से सबसे अधिक जयपुर से 241 नए केस हुए दर्ज हुए. राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों अनुसार कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 80 हजार 227 पहुंच गया है, जिसमें से 14 हजार 91 एक्टिव केस हैं. अब तक कुल पॉजिटिव से नेगेटिव यानि रिकवर मरीजों की संख्या 65 हजार 93 पहुंच गई है. वहीं अब तक प्रदेश में कुल कोरोना पॉजिटिव 1 हजार 43 लोगों की मौत हो गई है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण से चिंतित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निजी अस्पतालों में फ्री इलाज, गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज की घोषणा करते हुए सभी सांसद और विधायकों को कोरोना की जांच करवाने के लिए कहा है.

अब निजी अस्पतालों में भी मिलेगा फ्री इलाज

प्रदेश में कोविड-19 के गंभीर रोगियों को आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों में भी निशुल्क उपचार मिल सकेगा. रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित हुई कोरोना संक्रमण की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी घोषणा की. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने राजकीय अस्पतालों में ऑक्सीजन बैड्स की समुचित व्यवस्थाएं की हैं. इसके बाद भी भविष्य में और बैड्स की आवश्यकता होने पर निजी अस्पतालों से सहयोग लिया जाए. सीएम गहलोत ने कहा कि इसके लिए जिला कलक्टर निजी अस्पतालों में राज्य सरकार की निर्धारित दरों पर कोविड के गंभीर रोगियों के निशुल्क इलाज की व्यवस्था करेंगे.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे निर्देशित करते हुए कहा कि निजी अस्पताल एसिम्प्टोमैटिक मरीजों को बैड उपलब्ध कराने के लिए होटल संचालकों के साथ बातचीत कर अनुबंध करें. जिससे गंभीर रोगियों के लिए अस्पताल में बैड उपलब्ध रह सकें. सीएम गहलोत सभी जिला कलेक्टर्स यह व्यवस्था सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए.

हाई फ्लो ऑक्सीजन युक्त तथा आईसीयू बैड चार गुना तक बढाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए कि राज्य में संभागीय स्तर पर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में हाई फ्लो ऑक्सीजन युक्त बैड तथा आईसीयू बैड की संख्या को आगामी एक माह में तीन से चार गुना तक बढ़ाया जाए. आगे सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को देखते हुए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है. इस दौरान जयपुर एवं कोटा में कोविड केयर के लिए 100 अतिरिक्त बैड की व्यवस्था करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए. सीएम गहलोत ने विगत दिनों कोविड रोगियों की बढ़ी संख्या को देखते हुए अजमेर, अलवर, बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, पाली एवं झालावाड़ में कंटेनमेंट जोन की व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने के निर्देश दिए.

जरूरतमंद 4.14 लाख परिवारों को मिलेगा निशुल्क गेहूं एवं चना

प्रदेश के संवदेनशील मुख्यमंत्री गहलोत ने कोरोना के कारण जिन लोगों की आजीविका छिन गई और जो पूर्व में 37 श्रेणियों के लिए किए गए सर्वे से वंचित रह गए थे, दूसरे सर्वे में चिन्हित ऎसे 4 लाख 14 हजार जरूरतमंद परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा प्रदान करने के लिए बड़ा फैसला किया है. जिसके तहत अब प्रति परिवार एक किलो चना तथा इन परिवारों के 15 लाख 33 हजार सदस्यों को दस किलोग्राम गेहूं निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की विभिन्न श्रेणियों में चयनित परिवारों को निर्धारित दर के स्थान पर नवम्बर माह तक निशुल्क गेहूं वितरण करने के निर्देश भी दिए. इन दोनों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 138 करोड़ रूपए उपलब्ध कराए जाएंगे. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि कोविड के इस दौर में जरूरतमंद हर परिवार को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में राज्य सरकार कोई कमी नहीं रखेगी.

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सभी सांसद-विधायक कराएं कोरोना जांच

प्रदेश में आम आदमी के साथ साथ सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के कोरोना संक्रमित होने के समाचार लगातार मिल रहे हैं. विधायक विश्वेन्द्र सिंह के बाद रविवार को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, रमेश मीणा सहित कई अन्य जनप्रतिनिधियों के कोरोना पॉजिटिव होने की खबरें सामने आईं. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हाल ही प्रदेश के कुछ सांसद एवं विधायक भी कोरोना पॉजिटिव हुए हैं. इसे देखते हुए सभी सांसद-विधायक एहतियात के तौर पर अपनी कोरोना जांच करवाएं, जिससे संक्रमण से बचा जा सके. सांसदाें-विधायकों का जनप्रतिनिधि के रूप में लोगों से मिलना-जुलना रहता है. ऎसे में स्वयं की तथा मिलने वाले लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से उनके लिए कोरोना जांच कराना उचित होगा.

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