मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिए आम जनता और किसानों से जुड़े दो बड़े मानवीय और संवेदनशील निर्णय

लॉकडाउन के दौरान दिंवगत हुए लोगों की अस्थि विसर्जन के लिए विशेष बसें चलाने के दिए निर्देश, साथ ही पिछले काफी दिनों से बहुप्रतीक्षित कृषक कल्याण शुल्क के तहत लगने वाले 2% मंडी टैक्स में भी दी भारी छूट, अब दो रूपए प्रति सैकड़ा के स्थान पर लगेगा पचास पैसा प्रति सैकड़ा

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. राजस्थान के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार देर रात आम जनता और किसानों को राहत पहुंचाने वाले दो बड़े मानवीय फैसले लिए. पहला लॉकडाउन के दौरान दिंवगत हुए लोगों की अस्थि विसर्जन के लिए विशेष बसें चलाने जैसा मानवीय फैसला और दूसरा पिछले काफी दिनों से बहुप्रतीक्षित कृषक कल्याण शुल्क के तहत लगने वाले 2% मंडी टैक्स में भारी छूट देकर प्रदेश के किसानों बड़ी राहत पहुंचाने का फैसला सीएम गहलोत ने लिया है.

देशभर में कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के कारण आवागमन बंद होने की वजह से पिछले 2 महीनों में दिवंगत हुए लोगों का अस्थि विसर्जन भी नहीं हो पाया है. ऐसे में प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के इस समय में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए एक और मानवीय निर्णय लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने के बाद विभिन्न कारणों से दिवंगत हुए लोगों के परिजन अस्थि विसर्जन के लिए जा सकें, इसके लिए विशेष बसें चलाई जाएं. इसके लिए उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार से इन बसों के संचालन पर सहमति के लिए शीघ्र वार्ता की जाए.

इसके साथ ही किसानों की फसलों पर पिछले दिनों लगाए गये 2 प्रतिशत कृषक कल्याण शुल्क को घटाने के निर्देश मुख्यमंत्री गहलोत ने दिए. जिसके तहत प्रमुख फसलों ज्वार, बाजरा, मक्का, जीरा, ईसबगोल सहित जिन कृषि जिंसों पर मंडी शुल्क पचास पैसा प्रति सैकड़ा है उन पर अब से कृषक कल्याण शुल्क की वर्तमान दर दो रूपए प्रति सैकड़ा के स्थान पर पचास पैसा प्रति सैकड़ा लगेगा. फैसले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- कृषक कल्याण शुल्क को लेकर खाद्य पदार्थ से जुड़े प्रदेशभर के व्यापारियों एवं उद्योगों की चिंताओं को समझते हुए उन्हें राहत देने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय किया है. बता दें, पिछले दिनों मंडी शुल्क को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित तमाम विपक्ष ने गहलोत सरकार को घेरा था वहीं कांग्रेस के विधायकों ने भी मंडी शुल्क को हटाने की सीएम गहलोत से अपील की थी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को कोर ग्रुप के साथ कोरोना तथा क्वारेंटीन व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पीड़ादायक है कि लॉकडाउन की पालना के कारण परिजन के निधन के बाद शोकाकुल परिवार अस्थियों का विसर्जन करने नहीं जा पाए. राज्य सरकार इस मार्मिक स्थिति से वाकिफ है. इस मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए ये विशेष बसें चलाने का निर्णय किया गया है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने क्वारेंटाइन व्यवस्थाओं को लेकर कहा कि अन्य राज्यों से आए प्रवासियों के क्वारेंटीन को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं हो. जिला स्तर पर वरिष्ठ अधिकारी संस्थागत तथा होम क्वारेंटीन व्यवस्थाओं की लगातार मॉनीटरिंग करें. संस्थागत क्वारेंटीन में लोगों को भोजन, पानी सहित सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए.

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राज्य स्तरीय क्वारेंटीन प्रबंध समिति की अध्यक्ष व अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में बेहतर क्वारेंटीन सुविधाओं के लिए 10 हजार से अधिक सेंटरों की व्यवस्था की गई है. राज्य में फिलहाल 7 लाख 18 हजार लोग क्वारेंटीन में हैं. इनमें से 34 हजार संस्थागत क्वारेंटीन में तथा शेष होम क्वारेंटीन में हैं. प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार ने बताया कि अब तक करीब 6 लाख लोग क्वारेंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं. वहीं पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि क्वारेंटीन और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही अमल में लाई जा रही है.

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