Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के नवनियुक्त प्रभारी अजय माकन के प्रदेश में जारी संभाग स्तरीय फीडबैक कार्यक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के सभी 33 जिलों के प्रभारी मंत्रियों को बदल दिया है. मुख्यमंत्री गहलोत और सचिन पायलट के बीच जग-जाहिर तनातनी के बीच करीब पौने दो साल बाद बदले गए सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों में सबसे ज्यादा दिलचस्प परिवर्तन टोंक जिले का रहा, जहां टीकाराम जुली को हटाकर सीएम गहलोत के विश्वसनीय डॉ रघु शर्मा को प्रभारी मंत्री बनाया गया है. वहीं पायलट खेमे के विश्वेंद्र सिंह के जिले भरतपुर में डॉ महेश जोशी को तो रमेश मीणा के करौली जिले की कमान मंत्री अशोक चांदना को दी गई है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पिछले दिनों चले सियासी घमासान के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मुख्य सचेतक महेश जोशी और उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी को भी प्रभारी मंत्री के तौर पर जिलों की जिम्मेदारी देकर अनुग्रहित किया है. सीएम गहलोत के निर्देशों पर मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से प्रभारी मंत्रियों की नई सूची जारी कर दी गई है. सूची में जहां बर्खास्त मंत्री रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह के जिलों को नए प्रभारी मंत्री मिले हैं. वहीं, मेदांता अस्पताल में उपचाराधीन मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल की अस्वस्थता के चलते उन्हें जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है. याद दिला दें, प्रदेश प्रभारी अजय माकन के हालिया निर्देशों के अनुसार अब प्रभारी मंत्रियों के लिए महीने में एक बार जिलों में जन सुनवाई करना अनिवार्य होगा.
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सबसे दिलचस्प टोंक जिले का प्रभार रघु शर्मा को देना है. सचिन पायलट का विधानसभा क्षेत्र होने के लिहाज से यह जिम्मेदारी बहुत अहम मानी जा रही है. ऐसे में अब पायलट के जिले में होने वाले विकास कार्यों की समीक्षा रघु शर्मा करेंगे. हाल ही में माकन के अजमेर दौरे के दौरान सचिन पायलट और रघु शर्मा समर्थकों के बीच हुए बवाल के बाद रघु शर्मा को पायलट के जिले का प्रभारी बनाना मुख्यमंत्री गहलोत की रणनीति का बड़ा हिस्सा माना जा रहा है. वहीं शांति धारीवाल और ममता भूपेश जैसे मंत्रियों के जिले यथावत रखे गए हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा जिला स्तर पर सरकारी कामकाज को बेहतर बनाना और आम नागरिकों की समस्याओं का बेहतर ढंग से समाधान करवाना है. प्रभारी मंत्री बदलने के पीछे मुख्यमंत्री की मंशा है कि सुशासन का लाभ अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को भी मिले. सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएं जमीनी धरातल पर उतर सकें. इस फेरबदल से मुख्यमंत्री गहलोत ने साफ संकेत दिया है कि जो जिला प्रभारी मंत्री सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में विफल रहता है, उसे बदलने में देरी नहीं की जाएगी.
आइए अब बताते हैं कि किस मंत्री को किस जिले का प्रभार दिया गया है-
मंत्री बुलाकी दास कल्ला को श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ जिले का प्रभारी बनाया गया है. शांति कुमार धारीवाल के पास जयपुर को यथावत रखा गया है. प्रसादी लाल को बूंदी सवाई माधोपुर, लालचंद कटारिया को अजमेर कोटा, रघु शर्मा को भीलवाड़ा टोंक, प्रमोद भाया को जालौर सिरोही और नागौर जिले के प्रभारी की जिम्मेदारी हरीश चौधरी को दी गई है. वहीं, उदयलाल आंजना को राजसमंद तो प्रताप सिंह खाचरियावास को उदयपुर, शाले मोहम्मद को पाली, गोविंद सिंह डोटासरा को बीकानेर, ममता भूपेश को अलवर, अर्जुन सिंह बामणिया को चित्तौड़गढ़ प्रतापगढ़ भंवर सिंह भाटी को चूरू सुखराम बिश्नोई को बाड़मेर जैसलमेर, अशोक चांदना को करौली दौसा, टीकाराम जूली को झालावाड़ बांरा, भजन लाल जाटव को धौलपुर, राजेंद्र सिंह यादव को डूंगरपुर बांसवाड़ा, सुभाष गर्ग को झुंझुनू सीकर का प्रभार दिया गया है. महेश जोशी को भरतपुर और महेंद्र चौधरी को जोधपुर जिले के प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है.
बता दें, हाल ही में राजस्थान के दौरे पर आए प्रभारी अजय माकन ने कांग्रेस नेताओं द्वारा मिले फीडबैक के आधार पर सभी मंत्रियों को निर्देशित किया था कि महीने में एक बार जिलों के दौरे पर जाना अनिवार्य होगा. इस दौरान प्रभारी मंत्रियों को जिला कांग्रेस कार्यालय में जन सुनवाई करनी होगी और जिला कलेक्टर के माध्यम से आम जनता की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करवाना होगा. हर महीने मंत्रियों के दौरे की मॉनिटरिंग की जाएगी. यानी अब नए जिलों की प्रभार के साथ-साथ मंत्रियों को अपनी परफॉर्मेंस भी दिखानी होगी.
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