सीएम बघेल ने केंद्र की वित्तीय नीति पर उठाए सवाल, वित्तमंत्री सीतारमण को लिखा पत्र

जीएसटी क्षतिपूति का पैसा केंद्र द्वारा देने की मांग, केंद्र सरकार से मांगे बकाया 2828 करोड़ रुपए, वाणिज्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले ही वित्तीय नीति पर जता चुके नाराजगी

Bhupesh Baghel And Nirmala Sitharaman
Bhupesh Baghel And Nirmala Sitharaman

Politalks.news/Chhattisgarh. जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान को लेकर छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है. ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने केंद्र की वित्तीय नीति पर हमला करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण लिखा है और क्षतिपूर्ति नहीं दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को कर्ज लेने का जो विकल्प दिया है, उस पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि वित्तमंत्री राज्यों को कर्ज लेने का सुझाव न दें. सीएम बघेल ने ये भी कहा कि कर्ज लेने से कोरोना काल में राज्य पर वित्तीय भार पड़ेगा जबकि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जीएसटी क्षतिपूर्ति (GST compensation) की राशि देना केंद्र सरकार का उत्तरदायित्व है.

मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में आगे लिखा है, ‘जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रत्येक 2 माह में दिए जाने का प्रावधान है. इसके बाद भी साल 2020-21 के चार माह बीत जाने के बावजूद भी इस अवधि की क्षतिपूर्ति राशि 2828 करोड़ रुपए राज्य सरकार को भारत सरकार से प्राप्त नहीं हुई है. जबकि केंद्र की ओर से जीएसटी क्षतिपूर्ति में कमी के लिए राज्य सरकार को कर्ज दिए जाने का विकल्प भेजा गया है.’

गौरतलब है कि हाल में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों को वित्तीय संकट से निपटने के लिए कर्ज लेने की सलाह दी थी. वित्तमंत्री ने कोरोना संकट को ‘एक्ट ऑफ गॉड’ बताते हुए कहा कि इस दौरान केंद्र पर भी भार पड़ा है. ऐसे में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति और अपने वित्तीय संकट को दूर करने के लिए कर्ज लेना चाहिए. इस स्टेटमेंट पर राज्य के वाणिज्य मंत्री टीएस सिंहदेव सहित कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी.

इसी कड़ी में मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में आगे लिखा है, ‘आप अवगत है कि संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि देना केंद्र शासन का उत्तरा​दायित्व है. राज्यों द्वारा इस हेतु ऋण लेने से जहां ऋण भार राज्य शासन पर आ जाएगा. वहीं इसका भुगतान केंद्र शासन द्वारा संभावित होने से राशि के भुगतान की अनिश्चिता बनी रहेगी. जीएसटी क्षतिपूर्ति हेतु सेस केंद्र शासन द्वारा प्राप्त किये जाने तथा इससे राज्य शासन द्वारा लिए गए ऋण भुगतान करना एक जटिल एवं अनिश्चित प्रक्रिया रहेगी.’

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पत्र के अंत में प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल ने लिखा है कि मेरा अभिमत है जीएसटी क्षतिपूर्ति हेतु राज्यों द्वारा ऋण नहीं लिया जाए और इस हेतु आवश्यक राशि की व्यवस्था केंद्र शासन द्वारा अपने संसाधनों/ऋण के जरिए ही किया जाए. मुख्यमंत्री ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करने को कहा है.

इससे पहले राज्य के वाणिज्य मंत्री टीएस सिंहदेव जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान नाराजगी जता चुके हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले कई ट्वीट कर जीएसटी से राज्य के बाहर निकलने की भी चेतावनी दी है. दरअसल कोरोना संकट के दौर में पहले से ही आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही बघेल सरकार को जीएसटी क्षतिपूर्ति का इंतजार है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति दुरुस्त की जा सके. क्षतिपूर्ति की राशि 2828 करोड़ रुपए बताई जा रही है. जबकि केंद्र की ओर से जीएसटी क्षतिपूर्ति में कमी के लिए राज्य सरकार को कर्ज दिए जाने का विकल्प भेजा गया है.

इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी के अर्थव्यवस्था को लेकर जारी किए गए वीडियो को टैग कर लिखा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हमारी ‘असंगठित अर्थव्यवस्था’ है जिसे केंद्र की वर्तमान भाजपा सरकार तोड़ रही है, जिसके परिणाम भयावह होंगे. उन्होंने ये भी लिखा कि 2008 में जब पूरे विश्व में आर्थिक संकट था, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सूझ-बूझ से भारत अछूता रहा.

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