ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए विशेष आर्थिक मदद करे केंद्र- सदन में गरजे बेनीवाल

लोकसभा में नियम 193 के तहत भारत में खेलो के संवर्धन की आवश्यकता व सरकार द्वारा उठाए गए कदम से जुड़े विषय पर हुई चर्चा में लिया भाग, खेल से जुड़े विभिन्न सुझावों व मांगो की तरफ मोदी सरकार का किया ध्यान आकर्षित, हमें खिलाड़ियों की भावनाओं को समझने की जरुरत, कई बार शासन-प्रशासन के स्तर से अनदेखी और भेदभाव करने से खिलाडीयो की चली जाती है जान भी, विभिन्न खेलों में कई चयनकर्ता संकीर्ण मानसिकता के लोग बैठे हैं, त्रुटिपूर्ण फैसलों पर इनके खिलाफ हो कार्रवाई

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Hanuman Beniwal in Parliament. जोधपुर के शेरगढ़ में हुए गैस सिलेंडर ब्लास्ट हादसे के चलते अपनी शादी की सालगिरह का जश्न रद्द कर जोधपुर घायलों की कुशलक्षेम पूछ कर संसद की कार्यवाही में भाग लेने दिल्ली पहुंचे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में नियम 193 के तहत भारत में खेलो के संवर्धन की आवश्यकता व सरकार द्वारा उठाए गए कदम से जुड़े विषय पर हुई चर्चा में भाग लिया. इस दौरान सांसद बेनीवाल ने खेल से जुड़े विभिन्न सुझावों व मांगो की तरफ मोदी सरकार का ध्यान आकर्षित किया. सांसद बेनीवाल ने खेलों के विषय पर बोलते हुए कहा की भारत में खेल प्राचीनकाल से आधुनिककाल तक विभिन्न अवस्थाओं से गुजरे हैं. कई परम्परागत खेलों का जिक्र करते हुए बेनीवाल ने कहा की मानव के समग्र विकास में खेलों की अहम भूमिका रही है. ऐसे में खेलो के क्षेत्र में ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि इसके अभाव में ग्रामीण प्रतिभाये आगे नहीं बढ़ पाती हैं.

विषय पर आगे बोलते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा जनसंख्या में हम दूसरे नंबर पर समूचे विश्व में आते हैं परन्तु ओलम्पिक में मैडल लाने में कई देशो की तुलना में हम बहुत पीछे हैं, ऐसे में सरकार को खेलो के प्रशिक्षण में विशेष बजट व्यय करने की जरुरत है. इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने सुझाव देते हुए कहा की सरकार के स्तर से उन प्रतिभाओ को बिना भेदभाव आर्थिक सम्बल देना होगा जो वास्तव में योग्य है, तब जाकर भारत का नाम ओलम्पिक में मैडल लाने में अग्रणी बनेगा.

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खिलाड़ियों की भावना को समझने की जरूरत
सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा हमें खिलाडीयो की भावनाओं को समझने की जरुरत है, क्योंकि कई बार शासन-प्रशासन के स्तर से अनदेखी करने और भेदभाव करने से कई बार खिलाडीयो की जान भी चली जाती है. हाल ही में राजस्थान के भरतपुर में पहलवान रितिका कुमारी द्वारा आत्महत्या कर लेने के मामले का उदहारण देते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा की विजेता होने के बावजूद जिम्मेदारों ने उसे उप विजेता घोषित किया, इससे आहत होकर उसने आत्महत्या कर ली. हालांकि लोकसभा में सांसद बेनीवाल द्वारा मामला उठाने के बाद इस विषय को राज्य का विषय बताकर रफा दफा कर दिया गया.

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संकीर्ण मानसिकता से झुंझ रहे कई चयनकर्ताओं के खिलाफ हो कार्यवाही: नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा विभिन्न खेलों में कई चयनकर्ता संकीर्ण मानसिकता के लोग बैठे है. बेनीवाल ने 2021 में बहरीन में आयोजित हुए पैरा एशियाई यूथ पैरा गेम्स में दृष्टिबाधित शालिनी चौधरी के वीजा में विभाग द्वारा अंकित गलत तथ्यो का मामला उठाते हुए कहा की ऐसे मामलो में इरादतन त्रुटि करने वालो के खिलाफ कार्यवाही करने की जरुरत है क्योंकि इस वजह से उस प्रतिभा को नुकसान उठाना पड़ा.

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इसके साथ ही सांसद हनुमान बेनीवाल ने नागौर में सेंट्रल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने व यूथ हॉस्टल के लिए बजट आवंटित करने ,पर्वतारोहीयो के लिए दस लाख रूपये से अधिक आर्थिक मदद करवाने, कब्बडी को ओलम्पिक में सम्मिलित करवाने के लिए भारत को पैरोकारी करने, जिला मुख्यालयों पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्टेडियम बनवाने व ग्रामीण प्रतिभाओ के लिए विशेष आर्थिक सहयोग हेतु नीति बनाने की मांग भी सदन में रखी.

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