Politalks.News/Punjab. पंजाब की सियासत में उठी उथलपुथल ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही. एक के बाद एक नए राजनीतिक घटनाक्रमों ने प्रदेश की राजनीति में अलग ही माहौल पैदा कर दिया है. अब से चंद महीनों पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन की अगुवाई में कांग्रेस फिर सत्ता में वापसी करेगी. लेकिन ना जाने किसकी नजर लगी कि अब वहीं अमरिंदर सिंह कांग्रेस के खिलाफ मुखर हो गए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना 7 पेज का इस्तीफा सौंप दिया है और साथ ही अपनी नई पारी के नाम का एलान भी कर दिया है. जैसा की कयास लगाए जा रहे थे कि अमरिंदर ममता बनर्जी और शरद पवार की तरह ही अपनी नई पार्टी के नाम में कांग्रेस को जगह देंगे उसी तर्ज पर उन्होंने ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ नाम की नई पार्टी का गठन कर लिया है. कैप्टन के इस दांव ने कांग्रेस आलाकमान की मुश्किलें और बढ़ा दी है. अमरिंदर ने अपने 7 पेज के इस्तीफे में अपने पूरे राजनीतिक जीवन का ब्यौरा तो दिया ही साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू और आलाकमान पर जमकर बरसे. पंजाब के सियासी गलियारों में चर्चा है कि जिस तरीके से कैप्टन स्टेप बाई स्टेप आगे बढ़ रहे हैं कांग्रेस की धड़कने बढ़ गई हैं. अब आने वाले समय में देखना यह होगा की कैप्टन कांग्रेस को कितना डैमेज दे पाते हैं!
सहरदी सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नई पार्टी के एलान के बाद से ही पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने दिल्ली दरबार में हाजरी लगाना शुरू कर दिया था. आलाकमान के साथ साथ पंजाब कांग्रेस के नेताओं को ये चिंता सता रही थी कि अमरिंदर के अलग होने के बाद ना जाने कितने विधायक टूटकर उनके साथ चले जायेगें. क्योंकि इससे पहले अमरिंदर ने कई विधयकों के उनके संपर्क में होने की बात कही थी. अमरिंदर के इस्तीफे से पहले इस बात को मद्देनजर रखते हुए राहुल गांधी ने सूबे के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से नाराज विधायकों को साधने की सलाह दी थी.
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अब अमरिंदर सिंह औपचारिक तौर पर कांग्रेस से अलग हो चुके हैं. ऐसे में बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व को पंजाब में एक आशा की किरण दिखाई देने लगी है. क्योंकि अमरिंदर सिंह ने हाल ही में अपने एक बयान में ये साफ कहा था कि ‘अगर बीजेपी किसान आंदोलन और तीनों कृषि कानून का हल निकाल देते है तो वह बीजेपी को गठबंधन की बात हो सकती हैं’. अमरिंदर के इस दांव ने अब कांग्रेस की नींद उड़ा दी है. अब अमरिंदर ने अपना इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान को सौंप दिया है तो कांग्रेस भी एक अलग रणनीति के तहत आगे काम करेगी. अमरिंदर सिंह कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को लिखे अपने 7पेज के इस्तीफे में अमरिंदर सिंह ने शुरू से लेकर अब तक के अपने सम्पूर्ण राजनीतिक सफर के बारे में लिखा और उन्होंने कांग्रेस के लिए क्या क्या किया यह भी बताया. साथ ही अमरिंदर ने वो पल भी याद दिलाया जब पंजाब में लंबे समय बाद कैप्टन की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी थी.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने इस इस्तीफा पत्र में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा. अमरिंदर ने अपने इस्तीफे में लिखा कि,’मेरी गहरी आपत्तियों के बावजूद आपने नवजोत सिद्धू को अध्यक्ष के रूप में चुना. जिन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा और प्रधान मंत्री इमरान खान को सार्वजनिक रूप से गले लगाया था’. अमरिंदर ने आगे कहा कि, ‘सिद्धू की प्रसिद्धि का एकमात्र दावा यह था कि वह नियमित रूप से मुझे और मेरी सरकार को गाली देते थे. मैं उनके पिता की उम्र का हूं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मेरे खिलाफ सार्वजनिक और निजी तौर पर सबसे गंदी और सबसे नीच भाषा का इस्तेमाल किया’.
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कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ साथ, राहुल-प्रियंका को भी आड़े हाथ लिया. अमरिंदर ने कहा कि, ‘दुर्भाग्य से सिद्धू पर लगाम लगाने के बजाय, उन्हें तो राहुल और प्रियंका का संरक्षण प्राप्त था. जबकि आपने उसकी हर चाल को देखते हुए भी अपनी आंखें मूंद लीं. इस परे मामले में मेरे हिसाब से अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति है तो वह हैं हरीश रावत. मैंने आपको उस समय भी कहा था कि सिद्धू अस्थिर दिमाग के व्यक्ति हैं और आपको एक दिन इस फैसले पर पछतावा होगा और तब तक बहुत देर हो चुकी होगी. मुझे यकीन है कि अब आपको इसका पछतावा हो रहा होगा’.
अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि, ‘जो पार्टी जो आज केंद्र में एनडीए/बीजेपी सरकार के साथ किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए मुझ पर आरोप लगाती है, उसने शिवसेना के साथ बिस्तर पर जाने से पहले दो बार नहीं सोचा कि क्या यह अनुकूल है या नहीं. कौन साम्प्रदायिक है और कौन सेक्युलर, यह जनता को तय करना है, वे मूर्ख नहीं हैं’. कैप्टन अमरिंदर ने पत्र में कहा कि, ‘मेरे साथ सबसे घिनौना कृत्य तब हुआ जब आधी रात में मेरे सिर पर सीएलपी बैठक बुलाकर आपके और आपके बच्चों के कहने पर मेरे खिलाफ की गई साजिश और वह भी ट्विटर के माध्यम से. इसके तुरंत बाद मुझे एहसास हुआ कि यह सब इस स्वाभिमानी वृद्ध सैनिक को नीचा दिखाने और अपमानित करने का था’. अमरिंदर ने आगे कहा कि, ‘आपने मुझे अगली सुबह 10.15 बजे फोन किया और मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहा, मैंने बिना पलक झपकाए ऐसा किया. हालांकि एआईसीसी के उपक्रमों द्वारा पूरे ऑपरेशन को जिस कच्चे तरीके से अंजाम दिया गया, उससे मुंह में बहुत दुर्गंध आ गई’.
अमरिंदर सिंह ने आहत होते हुए सोनिया गांधी से कहा कि, ‘सार्वजनिक जीवन में मेरे 52 वर्षों के बेहतर हिस्से के लिए मुझे जानने के बावजूद और वह भी एक गहरे व्यक्तिगत स्तर पर आपने मुझे या मेरे चरित्र को कभी नहीं समझा. तुमने सोचा था कि मैं वर्षों से चल रहा था और उसे चरागाह में डाल दिया जाना चाहिए. मैं न थका हूं और न ही सेवानिवृत्त हूं. मुझे लगता है कि मेरे पास अपने प्यारे पंजाब को देने और योगदान करने के लिए बहुत कुछ है. मैं सैनिक का इरादा रखता हूं और फीका नहीं पड़ता’. अमरिंदर ने आगे कहा कि, ‘मैं वास्तव में आपके और आपके बच्चों के आचरण से बहुत आहत महसूस करता था, जिन्हें मैं अब भी उतना ही प्यार करता हूं जितना कि मैं अपने बच्चों से करता हूं, उनके पिता को जानते हुए, क्योंकि हम 1954 से एक साथ स्कूल में थे’.
अमरिंदर ने अंत में लिखा कि, ‘मुझे आशा है कि कोई अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी व्यक्ति उस अपमान के अधीन नहीं होगा जिससे मुझे अपमानित किया गया था. मैं अपने राज्य और अपने देश के हित में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देता हूं’.