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केंद्रीय वित्तीयमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में बजट २०१९ को पेश कर दिया. हालांकि बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं बताया जा रहा है. इसके बावजूद बजट २०१९ को वर्तमान और भावी पीढ़ी की चिंता के साथ साथ न्यू इंडिया के निर्माण में अहम कड़ी बताया जा रहा है. बजट को बीजेपी नेताओं ने तो खास तौर पर सराहा है लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने इस पर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दी है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्रीय बजट २०१९ का बारीकी से अध्यन किया है. वजह है कि इसी महीने में राजस्थान सरकार को भी विधानसभा में बजट पेश करना है. केंद्रीय बजट २०१९ अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निराशाजनक बताया है.

सोशल मीडिया पर अपने विचार बताते हए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा है, ‘एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में दिशा का अभाव है. इसका उद्देश्य स्पष्ट नहीं है और यह निराशाजनक है. अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी लाने, रोजगार सृजित करने या निवेश के प्रवाह को बढ़ाने के लिए कोई ठोस योजना या समाधान नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘बजट में गांव, गरीब और किसान को कृषि संकट से निपटने के लिए बिना किसी ठोस योजना के केवल नारे के रूप में उल्लेख किया गया है. मध्यम वर्ग या वेतनभोगी वर्ग को कोई राहत नहीं. इसके ऊपर, ईंधन की कीमतें बढ़ाने से आम लोगों पर और बोझ पड़ेगा.’

‘बजट भाषण में कृषि का कोई उल्लेख नहीं किया गया है. सरकार ग्रामीण क्षेत्र की स्थितियों में सुधार के बारे में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. वित्तमंत्री ने अपने भाषण में विभिन्न बजटीय आवंटन का उल्लेख नहीं किया, जो स्पष्टता के लिए पिछले बजट भाषणों का हिस्सा रहा है.’

आगे उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के हिसाब से यह बजट न्यू इंडिया के लिए है लेकिन घोषणाओं में कुछ नया नहीं है. पीएम के विजन की बात ठीक है, लेकिन उस विजन को हासिल करने के लिए एक रोडमैप होना चाहिए, जिसमें बजट की पूरी तरह से कमी है. कार्य योजना पर स्पष्टता नहीं है. बजट खोखला लगता है और गरीब, मजदूरों या किसानों को आशा देने में विफल साबित होता है.’

अंत में गहलोत ने कहा कि किसानों को समृद्ध होना चाहिए. गरीबों को सम्मान का जीवन जीना चाहिए. मध्यम वर्ग को उनका हक मिलना चाहिए, लेकिन कैसे? बजट-२०१९ में समाज के विभिन्न वर्गों की स्थितियों में सुधार लाने के लिए सरकार जवाब देने में विफल रही है.

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