कुंभलगढ़ की वादियों में BJP का ‘चिंतन’, संगठन की मजबूती और ‘सत्ता’ में वापसी पर होगा महामंथन

सत्ता वापसी के लिए भाजपा का 'चिंतन', विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने कुंभलगढ़ की वादियों में जुटेंगे बीजेपी के दिग्गज, अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कुम्भलगढ़ के पहाड़ों से बहेगी एकता की बयार या जारी रहेगी खींचतान? बीएल संतोष और अरुण सिंह देंगे खींचतान मिटाकर संगठन को मजबूत करने के निर्देश, वसुंधरा राजे के आने पर बना हुआ है संशय

कुंभलगढ़ की वादियों में BJP का 'चिंतन'
कुंभलगढ़ की वादियों में BJP का 'चिंतन'

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान भाजपा ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजस्थान में रणनीतिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. मंगलवार से उदयपुर के कुंभलगढ़ में बीजेपी का दो दिन का चिंतन शिविर रखा गया है. चिंतन शिविर में दो दिन तक बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी अलग-अलग सत्रों में विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे. दो दिन के चिंतन शिविर का मुख्य फोकस विधानसभा चुनाव की प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक रणनीति बनाने का है.

दो दिन (21 और 22 सितंबर) तक चलने वाले इस चिंतन शिविर के लिए बीजेपी नेताओं का कुम्भलगढ़ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है. प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ समेत प्रदेश के कई नेता कुम्भलगढ़ पहुंच चुके हैं. इस शिविर में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष 2023 में पार्टी को राजस्थान फतह का मंत्र देंगे. कोर कमेटी के सदस्यों सहित पार्टी पदाधिकारियों को कुंभलगढ़ चिंतन बैठक में बुलाया गया है.

बीएल संतोष और अरुण सिंह देंगे ‘जीत का मंत्र’
भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रभारी अरुण सिंह चिंतन शिविर में राजस्थान बीजेपी के संगठन से जुड़े कामकाज की समीक्षा के साथ आगे का रोडमैप बनाएंगे. इस रोडमैप के आधार पर पार्टी काम करेगी. बताया जा रहा है कि इस चिंतन शिविर के जरिए पार्टी राजस्थान में पार्टी संगठन को और सक्रिय बनाना चाहती है. बीजेपी का फोकस बूथ से लेकर मंडल की यूनिट तक कार्यकर्ताओं का वोटर से सीधे जुड़ाव पर है. मंडल और बूथ लेवल पर मजबूती के लिए पहले से अभियान चला रखा है. चिंतन बैठक में बीजेपी नेताओं की आपसी खींचतान का मुद्दा भी उठना तय है. राष्ट्रीय संगठन महामंत्री नेताओं को इस मामले में नसीहत दे सकते हैं. पार्टी में खेमेबंदी को लेकर पहले से ही मुद्दा गर्माया हुआ है. भाजपा के सूत्रा को कहना है कि, असन्तुष्ट खेमा हर सूरत में एक बार फिर वसुंधरा सरकार का नारा बुलंद करना
चाहता है. यही पार्टी में टकराव का मुद्दा बना हुआ है.

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राजस्थान में लाया जाएगा ‘गुजरात मॉडल’
विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने इस बार गुजरात मॉडल को मजबूती से लागू करने का फैसला किया है. इस मॉडल के तहत बूथ लेवल 20 से 25 वोटर पर एक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जाती है. चिंतन में इस मॉडल पर अब तक हुए काम के रिव्यू के साथ इसे आगे लागू करने के रोडमैप पर बात होगी. मुख्य फोकस चुनाव मैनेजमेंट के इर्दगिर्द रहेगा. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि, ‘चिंतन शिविर में हम भविष्य की कार्य योजना बनाएंगे. मिशन 2023 पर हमारा फोकस है. हम पार्ट संगठन को नीचे तक कैसे और मजबूत करें इस पर चर्चा होगी. प्रदेश के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बात रखेंगे’.

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चिंतन के बाद कोर कमेटी की बैठक, वसुंधरा राजे के रुख पर निगाहें
दो दिन के चिंतन शिविर के आखिर में बीजेपी कोर कमेटी की बैठक भी होगी. कोर कमेटी की बैठक में मौजूदा सियासी माहौल पर चर्चा के साथ बीजेपी के अंदरूनी मतभेदों पर चर्चा हो सकती है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बैठक में आएंगी या नहीं, यह अभी तय नहीं हुआ है. पुत्रवधु की तबियत नासाज होने की वजह से इस बार विधानसभा की कार्यवाही में भी हिस्सा नहीं लिया था. हालांकि वसुंधरा राजे का बैठक में आना प्रस्तावित है.

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