Politalks.News/Punjab. पंजाब में ‘दलित’ चरण जीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर कांग्रेस ने ‘मास्टरस्ट्रोक’ चला है. लेकिन कांग्रेस का कोई भी काम आसानी से निपट जाए ये संभव नहीं है. प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह कर विवाद खड़ा कर दिया. पंजाब के पूर्व पीसीसी चीफ सुनिल जाखड़ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. वहीं शपथग्रहण समारोह में कैप्टन के नहीं आना भी चर्चा का विषय बना हुआ है. कांग्रेस के इस फैसले के बाद भाजपा और बसपा भी हमलावर हैं. इन सभी मुद्दों को लेकर कांग्रेस की ओर से प्रवक्ता सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि, ‘कांग्रेस पंजाब में एक गरीब और दलित के बेटे चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा की पेट में दर्द हो रहा है, जिस वजह से वह उन्हें अपमानित करने की साजिश कर रही है’. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने बसपा प्रमुख मायावती पर भी उनके एक बयान को लेकर पलटवार किया और चुनौती दी कि वह पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बसपा के गठबंधन की ओर से किसी दलित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करें’.
चन्नी के सीएम बनने से भाजपा के पेट में दर्द- सुरजेवाला
सुरजेवाला ने कहा कि, ‘चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा की पेट में दर्द है. इसलिए वह छींटाकशी करके चन्नी जी और दलितों का अपमान करने की साजिश कर रही है. मोदी जी दलितों के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन उन्होंने देश में किसी दलित को मुख्यमंत्री नहीं बनाया’. सुरजेवाला ने सवाल किया किया, ‘क्या किसी गरीब और दलित का बेटा मुख्यमंत्री नहीं बन सकता? भाजपा, आप, बसपा और अकाली दल की पेट में दर्द क्यों हो रहा है?”
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‘मायावती पंजाब में दलित को बनाए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार’
रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक, कांग्रेस ने दलित समुदाय के व्यक्तियों को राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और देश के गृह मंत्री के पद पर पहुंचने का मौका दिया. मायावती के एक बयान को लेकर उन पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘हम मायावती जी का सम्मान करते हैं. वो हमारी बुजुर्ग हैं. हम उनसे कहते हैं कि वह भी घोषणा कर दें कि पंजाब में अकाली दल और बसपा का मुख्यमंत्री उम्मीदवार दलित होगा’.
‘चन्नी और सिद्धू के चेहरे पर लड़ेंगे चुनाव, फिर बनेगी सरकार’
कांग्रेस ने अपने पंजाब प्रभारी हरीश रावत के एक कथित बयान से खड़े हुए विवाद की पृष्ठभूमि में सुरजेवाला ने कहा कि, ‘मैंने हरीश रावत जी से बात की है. कई दोस्त उनकी बात को जाने-अनजाने सही नजरिये से नहीं देख पाए. मैं फिर दोहरा रहा हूं कि हमारे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सिद्धू हैं. सरकार के मुखिया के तौर पर चेहरा चन्नी हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सिद्धू चेहरा हैं. ये दोनों आम कार्यकर्ता के साथ मिलकर लड़ेंगे तथा कांग्रेस की फिर से सरकार बनेगी’.
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‘अमरिंदर सिंह जी हमारे बुजुर्ग हैं’
आपको बता दें कि रावत ने शनिवार को कथित तौर पर कहा था कि, ‘अगले साल पंजाब विधानसभा चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रावत के इस कथित बयान पर सवाल उठाए और कहा कि इससे मुख्यमंत्री के अधिकारों के ‘कमजोर’ होने की आशंका है. अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा, ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह जी हमारे बुजुर्ग हैं. उनकी अगुवाई में कांग्रेस की सरकार ने बेहतरीन काम किया. छोटे-मोटे मतभेद हो सकते हैं. मुझे विश्वास है कि उनका आशीर्वाद और समर्थन कांग्रेस की सरकार पर बना रहेगा’
मायावती ने बताया था चुनावी हथकंडा
अब हम आपको बताते हैं कि क्या कहा था बसपा सुप्रीमो मायावती ने, ‘पंजाब में दलित को सीएम बनाना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है, पंजाब के दलितों को कांग्रेस से सावधान रहना चाहिए. बैसे भी देश के दलित पर कांग्रेस को भरोसा नहीं है. तभी तो पंजाब में गैर दलित की अगुवाई में चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं’. मायावती ने कहा कि, ‘चन्नी को कम समय के लिए क्यों सीएम बनाया गया है. कांग्रेस के मजबूरी में दलित क्यों याद आते हैं?.
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कांग्रेस ने नाईट वॉचमैन उतारा- बीजेपी का आरोप
दलित चन्नी के सीएम बनने पर बीजेपी प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि, ‘ये कांग्रेस ने नाईट वॉचमैन उतारा है. दलित वोट को लुभाकर वोट लेने के लिए 4 महीने का मुख्यमंत्री बनाया है. ये सिद्धू और कैप्टन के बीच में बनाये गए नाईट वॉचमैन सीएम हैं. मैं नवजोत सिंह सिद्धू को चैलेंज करता हूं हिम्मत है तो ये कहें कि चन्नी जी नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और अगला मुख्यमंत्री इन्हें बनाएंगे. जिस तरह से कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बेइज्जत करके हटाया है वो न सिर्फ उनकी बेइज्जती है बल्कि ये सिक्खों की बेइज्जती है. इससे सारे सिख समुदाय की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा है’.