Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के जिला प्रमुख चुनाव में बीजेपी की रणनीतिक जीत हुई है. बीजेपी ने रणनीति के जरिए कांग्रेस के बहुमत को हरा दिया. बीजेपी के पास केवल एक जिले सिरोही में ही बहुमत था लेकिन उसने जयपुर और भरतपुर में भी अपने जिला प्रमुख उम्मीदवारों को जितवा लिया. कांग्रेस में 5 जिलों में क्रॉस वोटिंग सामने आई है. कांग्रेस को 4 जिलों में स्पष्ट बहुमत मिला था लेकिन उसके 6 जिलों में से 3 में ही जिला प्रमुख बने. जयपुर में बीजेपी की (कांग्रेस बागी)रमा देवी, जोधपुर में कांग्रेस उम्मीदवार लीला मदेरणा, भरतपुर में बीजेपी उम्मीदवार जगत सिंह, सिरोही में बीजेपी के अर्जुन पुरोहित, दौसा में कांग्रेस के हीरालाल सैनी और सवाईमाधोपुर में कांग्रेस के जिला प्रमुख जीते हैं. जिला परिषद में मिली जीत को बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने 2023 का ट्रेलर बताया है
कांग्रेस की बागी रमा देवी को बीजेपी में दिलाई रणनीतिक जीत
जयपुर जिला प्रमुख चुनाव में बीजेपी के दिग्गज रणनीतिकार राजेन्द्र राठौड़ के आगे कांग्रेस टिक ही नहीं पाई. कांग्रेस के टिकट पर जिला परिषद सदस्य का चुनाव जीत चुकीं रमा देवी चोपड़ा को सोमवार सुबह बीजेपी में शामिल किया गया, और शाम होते-होते रमा देवी को जिला प्रमुख का चुनाव जितवा दिया. मजे की बात यह है कि जयपुर में बहुमत होते हुए भी कांग्रेस जिला प्रमुख की सीट गंवा बैठी. रमा देवी को 26 वोट मिले, जबकि बीजेपी के पास केवल 24 जिला परिषद सदस्य थे. बीजेपी ने रमा देवी सहित कांग्रेस के 2 सदस्य तोड़कर हारी बाजी पलट दी. रमा ने कांग्रेस उम्मीदवार सरोज देवी शर्मा को हराया. सरोज को 24 वोट मिले. भाजपा की प्रत्याशी और कांग्रेस की बागी रमा देवी की जीत का श्रेय जाता है बीजेपी की रणनीति और कांग्रेस के बागी जैकी टाटीवाल को. आपको बता दें कि बागी रमा देवी और जैकी दोनों ही चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी के समर्थक हैं. इस पूरे मसले में वेदप्रकाश सोलंकी का निशाने पर आना तय माना जा रहा है.
जयपुर जिला परिषद में कुल 51 सदस्य हैं. जिला प्रमुख बनाने के लिए 26 सदस्य चाहिए थे. कांग्रेस 27 सदस्य जीतीं, लेकिन रमा देवी और जैकी के बीजेपी के खेमे में. जाने से कांग्रेस के 25 सदस्य रह गए. बीजेपी के पास पहले 24 सदस्य थे. दो कांग्रेस के सदस्य मिलने से बहुमत का आंकड़ा बीजेपी के पास हो गया. कांग्रेस-बीजेपी में क्रॉस वोटिंग कराकर ही चुनाव जीत सकती थी, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई.
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रमा देवी कांग्रेस से छह साल के लिए निष्कासित
बीजेपी में शामिल होने के बाद रमा देवी को कांग्रेस ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रमा देवी को पार्टी से निकालने के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी. डोटासरा ने लिखा कि चाकसू से और भी कांग्रेस नेताओं के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों की शिकायतें मिली हैं. उनके खिलाफ भी जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा. मामले में आलाकमान ने भी पीसीसी चीफ से रिपोर्ट तलब की है.
जगत सिंह ने भरतपुर में की भाजपा की जय-जय
भरतपुर में भी भाजपा ने अपना रणनीति का लोहा मनवा लिया है. पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बेटे जगत सिंह बीजेपी के टिकट पर जिला प्रमुख का चुनाव जीत गए. जगत सिंह को 28 वोट मिले, जबकि बीजेपी के 17 सदस्य ही जीते थे. इस तरह जगत सिंह ने कांग्रेस और निर्दलीयों को मिलाकर 11 वोटों का इजाफा करके चुनाव जीत लिया. जगत सिंह 14 अगस्त को ही फिर से बीजेपी में शामिल हुए थे. भरतपुर जिला परिषद में कुल 37 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 19 चाहिए थे. जगत सिंह को बहुमत से 9 वोट ज्यादा मिले. कांग्रेस के 14 सदस्य होने के बावजूद पार्टी की उम्मीदवार हलीमा को केवल 9 वोट मिले. कांग्रेस के 6 वोट अब भी पार्टी के रणनीतिकार ढूंढ रहे हैं. भरतपुर के इस चुनाव में जगत सिंह ने जीत दर्ज कर अपने पिता कुंवर नटवर सिंह की मुराद पूरी कर दी. बीजेपी ने जगत सिंह पर दांव खेला था. हालही में उनकी पार्टी में घर वापसी करवाई थी. भाजपा का यह दांव भरतपुर में सही साबित हो गया और बीजेपी ने यहां अपना जिला प्रमुख बना लिया.
जोधपुर में कांग्रेस की लीला मदेरणा बनीं जिला प्रमुख, ‘जादूगर’ का तिलिस्म नहीं तोड़ पाई भाजपा!
जादूगर के गढ़ में जोधपुर जिला परिषद में कांग्रेस ने बाजी मारी है. यहां पर कांग्रेस की लीला मदेरणा जोधपुर जिला प्रमुख बनीं है. कांग्रेस की लीला मदेरणा को 21 वोट मिले हैं. जबकि भाजपा की चंपा देवी को 16 वोट मिले. दोनों ही पार्टियों से कोई क्रॉस वोटिंग नहीं हुई हैं. अपनी ही पार्टी में जारी खींचतान के बीच मदेरणा ने जिला प्रमुख पद पर जीत दर्ज की. आज सुबह कांग्रेस की ही मुन्नी देवी और नेहा चौधरी ने निर्दलीय जिला प्रमुख का पर्चा भर पार्टी के रणनीतिकारों के हाथ पैर फुला दिए थे. लेकिन समय रहते दोनों से ही समझाइश कर बगावत को दबा दिया गया. इसके साथ ही जोधपुर में ‘टोपी’ का दबदबा कायम रहा.
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क्रॉस वोटिंग के बावजूद दौसा में कांग्रेस के हीरालाल सैनी बने जिला प्रमुख
दौसा जिला प्रमुख के पद पर हीरालाल सैनी जीतने में कामयाब रहे हैं. हीररालाल सैनी ने बीजेवी उम्मीदवार नीलम गुर्जर को हराया. हीरालानल सैनी को 16 और नीलम को 13 वोट मिले. दौसा जिला परिषद में 29 सदस्य हैं, जीतने के लिए 15 सदस्यों के वोट चाहिए थे. कांग्रेस उम्मीदवार हीरालाल सैनी को 16 वोट मिले जबकि कांग्रेस के 17 सदस्य जीते थे. कांग्रेस के 1 सदस्य ने क्रॉस वोटिंग की. बीजेपी के 8 सदस्य जीते थे लेकिन उसकी उम्मीदवार को 7 वोट ज्यादा मिले. दोनों ही पार्टी के रणनीतिकार एक-एक को ढूंढने में लगे हैं.
सिरोही में बीजेपी के अर्जुन पुरोहित जिला प्रमुख
सिरोही में बीजेपी उम्मीदवार अर्जुन पुरोहित चुनाव जीत गए हैं. अर्जुन पुरोहित को 18 वोट मिले जबकि कांग्रेस के हरीश चौधरी को 3 वोट मिले. सिरोही जिला परिषद में 21 सदस्य हैं, बीजेपी के 17 सदस्य और कांग्रेस के 4 सदस्य जीते थे. अर्जुन पुरोहित ने कांग्रेस के एक सदस्य का भी वोट ले लिया. कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग हो गई. सिरोही में वैसे तो बीजेपी का जिला प्रमुख बनना तय था लेकिन कांग्रेस में चार में से एक प्रत्याशी का बीजेपी को वोट डालना पार्टी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.
सवाईमाधोपुर में कांग्रेस का जिला प्रमुख
सवाईमाधोपुर में कांग्रेस ने बाजी मारी है. यहां कांग्रेस की उम्मीदवार सुदामा देवी ने जीत दर्ज की. सवाईमाधोपुर में कांग्रेस की उम्मीदवार सुदामा देवी को 25 में से 17 वोट मिले. जबकि बीना मीना को 8 वोट ही मिले. सुदामा देवी ने 9 वोटों के अंतर से बीना देवी को शिकस्त दी.