बिहार: जोरदार हंगामे के बीच स्पीकर बने विजय सिन्हा, सदन में लगे जय श्रीराम के नारे

126 वोट हासिल कर महागठबंधन उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी को हराया, नीतीश कुमार को सदन से बाहर भेजने की बात पर जमकर हुई नारेबाजी, तेजस्वी यादव ने सत्ताधारी पक्ष पर लगाया खुलेआम चोरी का आरोप

Vijay Kumar Sinhna
Vijay Kumar Sinhna

Politalks.News/Bihar. बिहार विधानसभा का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा. महागठबंधन और एनडीए के विधायकों के भारी शोर शराबे और हंगामे के बीच विस अध्यक्ष का चुनाव हुआ जिसमें बहुमत के चलते एनडीए के बीजेपी विधायक विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए. मतदान से पहले सदन में काफी हंगामा देखने को मिला और जमकर नारेबाजी भी हुई. एक ओर जहां विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, तो वहीं बीजेपी की ओर से सदन में जय श्री राम, मोदी-मोदी और जय भीम के नारे लगाए गए. इस दौरान राजद समेत महागठबंधन के विधायकों द्वारा सदन में वोटिंग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए और गुप्त मतदान की मांग की गई जिसे प्रोटेम स्पीकर जीतनराम मांझी ने मना कर दिया.

इसके बाद विधानसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ जिनमें 126 वोट लेकर एनडीए के बीजेपी उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा की जीत हुई और विजयश्री हासिल करने के बाद वे विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान हुए. महागठबंधन की ओर से राजद उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी मैदान में थे जिन्हें 114 मत हासिल हुए. बिहार में ऐसा पांच दशक के बाद हुआ है, जब स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ हो. औपचारिक संबो​धन के बाद विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

इससे पहले सदन में सीएम नीतीश कुमार को सदन से बाहर जाने की बात पर महागठबंधन के नेताओं ने जमकर हंगामा किया. हंगामा इतना बढ़ गया कि राजद और कांग्रेस सहित सीपीआई के नेता वैल में पहुंच गए. इस दौरान तेजस्वी यादव ने सदन में आरोप लगाया कि आज पूरा देश देख रहा है कि खुलेआम चोरी हो रही है, अगर ऐसे सदन चलेगा तो हमें बाहर ही कर दीजिए. तेजस्वी की मांग है कि जो विधानसभा के सदस्य नहीं हैं, उन्हें मतदान के वक्त मौजूद नहीं रहना चाहिए. उनका सीधा इशारा सीएम ​नीतीश कुमार सहित एमएलसी सदस्यों पर था जो विधानसभा का हिस्सा नहीं थे. हालांकि मांझी ने नियमावली का हवाला देकर हंगामे को शांत कराने की नाकाम कोशिश जारी रखी. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

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फिर से चालू हुए सदन में शोर शराबा जारी रहा. सदन में मतदान के दौरान एनडीए के विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाए. इस दौरान नीतीश कुमार भी सदन में मौजूद थे. इसी बीच संख्या बल के हिसाब से विजय कुमार सिन्हा को बिहार विधानसभा अध्यक्ष घोषित कर दिया गया. नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने स्पीकर को उनकी कुर्सी तक पहुंचाया और बधाई दी. नए स्पीकर को जीत की बधाई देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वो सदन में संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और विपक्ष का संरक्षण भी करेंगे.

बात करें नए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की, बिहार विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा चौथी बार लखीसराय से जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. मार्च, 2005 में वे पहली बार विधायक निर्वाचित हुए लेकिन अक्टूबर, 2005 के चुनाव में 80 मतों से हार गए. उसके बाद 2010, 2015 और 2020 में लगातार तीसरी बाद लखीसराय से जीत दर्ज कर सदन में पहुंचे. 2017 में एनडीए सरकार में उन्हें श्रम संसाधन विभाग का मंत्री बनाया गया. बतौर मंत्री बेगूसराय के प्रभारी मंत्री भी रह चुके हैं.

विजय कुमार सिन्हा 1980 में बाढ़ नगर में भाजपा से जुड़े और 1992 में पटना महानगर भाजपा के अधीन लोकनायक मंडल के अध्यक्ष बने. 2002 में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव, 2004 में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य तो साल 2013 व 2015 में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सहित कई अहम सांगठनिक पदों पर रह चुके हैं.

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वहीं स्पीकर पद के लिए प्रतिदंद्धी और महागठबंधन प्रत्याशी अवध बिहारी चौधरी सीवान से पांचवी बार चुनकर सदन में पहुंचे हैं. वह सर्वप्रथम 1985 में चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली जनता पार्टी से जीते. उसके बाद 1990 और 1995 में वे जनता दल के टिकट पर जीते और लालू सरकार एवं उसके बाद राबडी सरकार में मंत्री बने. 2005 के विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में लोकसभा चुनाव से पूर्व वे जदयू में चले गए और 2017 में फिर राजद में वापसी की. तब उन्हें राजद के प्रदेश संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया. फिलहाल वे इसी पद पर कार्यरत हैं. 2020 में राजद के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और पूर्व सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश यादव को पटखनी देकर 5वीं बाद बिहार विस में कदम रखा.

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