गांधी के देश के PM होने के कारण होता है आपका दुनिया में स्वागत- बोले गहलोत तो मोदी ने की CM तारीफ

मानगढ़ धाम को भव्य बनाने की इच्छा है सबकी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात आपस में चर्चा कर एक विस्तृत प्लान बनाकर मानगढ़ धाम के विकास की रूपरेखा करें तैयार, चार राज्य और भारत सरकार मिलकर इसे नई ऊंचाइयों पर ले जायेंगे, नाम भले ही राष्ट्रीय स्मारक दे देंगे या कोई और नाम दे देंगे- नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी के दौरे से आदिवासी समाज को हाथ लगी निराशा
पीएम मोदी के दौरे से आदिवासी समाज को हाथ लगी निराशा

PM Narendra Modi In Mangarh Dham: मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीन राज्यों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एकसाथ मंच साझा किया. सभी दिग्गज एकसाथ 1500 आदिवासियों की शहीद स्थली मानगढ़ धाम पहुंचे. मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की पिछले काफी समय से मांग उठ रही थी. यही नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो इस कार्यक्रम से पहले ही पीएम मोदी से इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की अपील की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मंगलवार को कुछ मीडिया संगठनों ने जरूर यह खबर चलाई कि पीएम मोदी ने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया है लेकिन ऐसा नहीं है. पीएम मोदी ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आपसी बातचीत के बाद रिपोर्ट मांगी है. इस दौरान पीएम मोदी ने ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘केंद्र सरकार मानगढ़ धाम के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.’ इस दौरान पीएम मोदी ने सीएम गहलोत और सीएम गहलोत ने पीएम मोदी की तारीफ भी की.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना कभी पूरा नहीं होता. आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में हम सभी का मानगढ़ धाम आना सुखद है. मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और देशभक्ति का प्रतिबिंब है. यह राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की साझी विरासत है. गोविंद गुरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि थे. वह किसी रियासत के राजा नहीं थे लेकिन वह लाखों आदिवासियों के नायक थे. अपने जीवन में उन्होंने अपना परिवार खो दिया लेकिन हौसला कभी नहीं खोया. आज से कुछ दिन बाद ही 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर देश जनजातीय गौरव दिवस मनाएगा. आदिवासी समाज के अतीत और इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए, आज देशभर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित विशेष म्यूजियम बनाए जा रहे हैं.’

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पीएम मोदी के इस दौरे से पहले आदिवासी समाज सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग उठाई थी तो वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी इसी कतार में थे लेकिन सभी को निराशा हाथ लगी. सभी को ये उम्मीद थी कि पीएम मोदी आज मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि, ‘मानगढ़ धाम को भव्य बनाने की इच्छा सबकी है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र आपस में चर्चा कर एक विस्तृत प्लान तैयार करें और मानगढ़ धाम के विकास की रूपरेखा तैयार करें. चार राज्य और भारत सरकार मिलकर इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. नाम भले ही राष्ट्रीय स्मारक दे देंगे या कोई और नाम दे देंगे.’

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मैंने और अशोक गहलोत जी ने साथ-साथ काम किया था. अशोक गहलोत हमारी जमात में सबसे सीनियर थे. अभी भी जो हम मंच पर बैठे हैं, उन सबमें अशोक गहलोत सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं.’ वहीं पीएम मोदी के संबोधन से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की तंजपूर्ण तारीफ की. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आज दुनिया में हमारे मुल्क की पहचान और जो मान-सम्मान है वो कहां से कहां पहुंच गया. कहां तो हम गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए थे जिसकी कहानी हम यहां बैठ कर कर रहे हैं, और आज देश कहां से कहां पहुंच गया है.

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दुनिया के अलग अलग देशों में जाते हैं तो उन्हें बहुत सम्मान मिलता है क्योंकि नरेंद्र मोदी उस देश के प्रधानमंत्री है जो महात्मा गांधी का देश है. जहां लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं, गहरी हैं, 70 साल के बाद भी वहां लोकतंत्र जिंदा रहा है.’ सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘मानगढ़ धाम के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है. हमने PM से अपील की है कि इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए. आदिवासी समाज आजादी की जंग लड़ने के मामले में किसी से पीछे नहीं था.’

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कार्यक्रम में मौजूद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘देश को आजादी चांदी की तश्तरी में रखकर नहीं मिली है. आदिवासियों के बलिदान काे भुला दिया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने उन्हें नमन करने का अभियान चलाया है.’ गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि 17 नवंबर 1913 का काला दिन कोई नहीं भूल सकता. आदिवासियों को विकास की मुख्य धारा में लाने का प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.’ बता दें मानगढ़ धाम में हुआ ये कार्यक्रम तीनों राज्यों की 99 विधानसभा सीटों पर असर डालेगा. गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का अब कभी भी एलान हो सकता है. साथ ही राजस्थान और मध्यप्रदेश और राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल राजनीतिक रूप से इस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करके बैठे हैं.

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