Politalks.News/Delhi. देश की सियासी जमीन पर धीरे धीरे अपने पैर पसार रही आम आदमी पार्टी की मुश्किलें हैं कि ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद सूबे आप नेता सत्येंद्र जैन को लेकर, जेल में ही बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के LG को पत्र लिख बड़ा दावा किया है. चंद्रशेखर का दावा है कि ‘सत्येंद्र जैन ने जेल में उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 2019 में 10 करोड़ रुपये वसूले थे.’ यही नहीं आम आदमी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, ‘मैंने दक्षिणी क्षेत्र में पार्टी में कोई महत्वपूर्ण पद देने और राज्यसभा के लिए नामांकन में मदद के लिए आप को 50 करोड़ रुपये से अधिक दिए थे.’ अब इस मामले के सामने आने के बाद से बीजेपी ने आप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि, ‘अरविंद केजरीवाल जी और उनकी पार्टी के लोग सिर्फ ‘भ्रष्टासन’ नाम का एक ही आसन जानते हैं और कोई आसन इन्हें नहीं आता.’
मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दिल्ली की मंडोली जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर के वकील ने एक ऐसी जानकारी मीडिया के साथ साझा की जिसके बाद से प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. चंद्रशेखर के वकील के अनुसार उन्होंने 7 अक्टूबर को दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिख दावा करते हुए आरोप लगाया कि, ‘उसने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को 10 करोड़ रुपये ‘प्रोटेक्शन मनी’ दी है.’ यही नहीं पत्र के जरिये सुकेश चंद्रशेखर ने कहा कि, ‘मैंने आम आदमी पार्टी में बड़ा पद पाने के लिए पार्टी को 50 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा दिया था.’ सुकेश चंद्रशेखर द्वारा LG को लिखे गए पत्र में ये दावा किया गया है कि, ‘मैंने सत्येंद्र जैन, आम आदमी पार्टी और जेल के DG संदीप गोयल को किए गए पेमेंट्स की सारी जानकारी CBI की जांच टीम दी थी और दिल्ली हाईकोर्ट में CBI जांच के लिए पिटीशन भी दाखिल की थी.’
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सुकेश चंद्रशेखर का पत्र के जरिये कहना है कि, ‘2017 से मैं दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हूं. मैं सत्येंद्र जैन को 2015 से जानता हूं और मैंने आम आदमी पार्टी को 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम इस वादे पर दी है कि पार्टी में साउथ में बड़ा पद देगी और राज्यसभा में नॉमिनेट होने में भी मदद करेगी. जेल में सत्येंद्र जैन कई बार मुझसे मिलने आए, जो उस समय जेल मंत्री थे. मुझसे पूछा कि क्या मैंने AAP को दिए गए पैसों के बारे में ED को कुछ बताया है. 2019 में सत्येंद्र जैन दोबारा मुझसे मिलने आए. उनके सेक्रेटरी ने मुझसे कहा कि जेल में सुरक्षा और जरूरत का सामान पाने के लिए मुझे हर महीने दो करोड़ रुपए देने होंगे. 2-3 महीने के अंदर ही मुझ पर दबाव डालकर 10 करोड़ रुपए वसूले गए. यह सारी रकम कोलकाता में सत्येंद्र जैन के करीबी चतुर्वेदी के जरिए वसूली गई. मैंने सत्येंद्र जैन को 10 करोड़ रुपए और DG जेल संदीप गोयल को 12.50 करोड़ रुपए दिए हैं.
वहीं सुकेश चंद्रशेखर द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को आप प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिरे से ख़ारिज कर दिया. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, ‘बीजेपी की गुजरात में हालत इतनी ख़राब हो गयी है कि उसे देश के सबसे बड़े ठग की मदद लेनी पड़ रही है. यह गुजरात में मोरबी पुल ढहने की घटना से ध्यान हटाने की कोशिश है.’ वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा. संबित पात्रा ने कहा कि, ‘खबरों से मालूम पड़ा है कि ठग के घर में ठगी हो गई है और ठग का नाम है सुकेश चंद्रशेखर. ठग के घर में ठगी करने वाले का नाम आम आदमी पार्टी और सत्येंद्र जैन है. केजरीवाल जी और उनकी पार्टी के लोग सिर्फ ‘भ्रष्टासन’ नाम का एक ही आसन जानते हैं और कोई आसन इन्हें नहीं आता है. जब से सत्ता में आए हैं, तब से एक-एक करके खुलासा हो रहा है.’
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संबित पात्रा ने आगे कहा कि, ‘यह बड़ा मामला है! सुकेश चंद्रशेखर ने ‘आप’ के मंत्री सत्येंद्र जैन, जो जेल में बंद हैं, को प्रोटेक्शन मनी दी थी. पार्टी को भी करीब 50 करोड़ रुपये दिए गए थे. आम आदमी पार्टी को ‘कट्टर करप्शन पार्टी’ कहने में कोई संदेह नहीं है.’ संबित पात्रा ने आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘जब मिल बैठेंगे तीन यार, गूंजेगी तिहाड़ की दीवार…भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार.’
बता दें कि ठगी की बदौलत करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन चुके सुकेश चंद्रशेखर का जन्म कर्नाटक के बेंगलुरु में एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार में पैदा हुआ था. सुकेश के पिता विजयन चंद्रशेखर का हाल ही में निधन हुआ है. हर निम्न मध्यमवर्गी परिवारों के मुखिया की तरह सुकेश के पिता की भी ख्वाहिश थी कि उनका बेटा अच्छी पढ़ाई करे. लेकिन 12वीं की पढ़ाई के बाद सुकेश ने पढ़ाई छोड़ दी और रियल एस्टेट सेक्टर में काम शुरू कर दिया. सुकेश को कारों का शौक है. वह जब नाबालिग था तभी से कार रेस आयोजित करने लगा था.
सुकेश ने 17 साल की उम्र से ही फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया था. 2007 में उसने फोन पर खुद को उच्च अधिकारी बताकर बैंगलोर विकास प्राधिकरण काम करवाने का जांसा देकर 100 से अधिक लोगों को ठगा लेकिन उसकी पोल खुल गई. 2007 में उसे पहली बार बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा पुलिस स्टेशन में गिरफ्तार किया गया था. हिरासत से बाहर आने के बाद वह सुधरने की बजाय उसने इसी राह पर आगे बढ़ने की ठान ली और इसे बड़े स्तर पर करने की तैयारी शुरू कर दी. इस दौरान उसने कई साथी बनाए जो ठगी में उसका साथ दे सकें.