अयोध्या मामला-24वां दिन: ‘चीफ जस्टिस को फेसबुक पर लिखे 100 से ज्यादा पत्र’

अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार हो हुई 24वें दिन की सुनवाई केवल तीन घंटे ही चल पायी. सोमवार को भी मुस्लिम पक्ष की दलीलें जारी रहीं. सुन्नी वक्फ बोर्ड के पक्ष के राजीव धवन (Rajiv Dhawan) ने जिरह को आगे बढ़ाते हुए जस्टिस रंजन गोगोई को फेसबुक पर किसी व्यक्ति द्वारा 100 से अधिक खत लिखने की बात कही. धवन ने ये भी कहा कि किसे से सोशल मीडिया पर ये भी लिखा है कि मैंने सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया है, जबकि ऐसा नहीं है. जवाब देते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास आने वाले पत्रों को देखते के लिए अनुभवी टीम है.

राम जन्मभूमि न्यास (Ram Janambhumi) पर सवाल उठाते हुए कहा कि राम जन्मभूमि एक न्यायिक व्यक्ति की नहीं होने की बात कही. इस पर कोर्ट ने वरिष्ठ वकील से पूछा कि आपकी नजर में देवता क्या है? इस पर धवन ने कहा – जब देवता अपने आपको प्रकट करते हैं तो किसी विशिष्ट रूप में प्रकट होते हैं और उसकी पवित्रता होती है. जिसको भी देवता माना जाता है, उसका आकार होता है. देवता का मतलब है या तो वो मूर्ति रूप में होगा या किसी अन्य रूप में प्रकट होगा. मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी

पिछली सुनवाई के लिए यहां पढ़ें

धवन की दलील पर जस्टिस बोबड़े ने पूछा – क्या देवता निराकार नहीं हो सकता? जवाब देते हुए धवन ने कहा – ईश्वर निराकार हो सकता है पर देवता का एक रूप होना चाहिए. वो साकार होना चाहिए. धवन ने न्यास पर पूरे मंदिर को कब्जे में लेने और नया मंदिर बनाने की बाते फैलाने का आरोप लगाया है.

वहीं केएन गोविंदाचार्य की याचिका पर संविधान पीठ ने अपने रजिस्ट्री विभाग ने पूछा है कि क्या अयोध्या पर अभी लाइव स्ट्रीमिंग संभव है? अगर ये संभव है तो इसके कब से शुरू किया जा सकता है और इसमें कितना समय लग सकता है? चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस मामले में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने के निर्देश दिए हैं. हालांकि राजीव धवन ने ये कहकर लाइव स्टीमिंग की मांग पर आपत्ति जताई है कि अब मामले की आधी सुनवाई हो चुकी है. अब बीच में इसे शुरू नहीं किया जा सकता.

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