अयोध्या फैसले का करना चाहिए सम्मान, अगर BJP, VHP और RSS चाहती तो जल्द निपट सकता था मामला- अशोक गहलोत

अयोध्या में विवादित भूमि पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने किया सम्मान, प्रदेश में शांति व सद्भाव बनाए रखने की अपील की

Leaders on Ayodhya Verdict
Leaders on Ayodhya Verdict

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लंबे इंतजार के बाद अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया. देश की सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना है. जबकि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया है. इस फैसले के आने के बाद देश के सभी बडे राजनेताओं के इस फैसले का सम्मान करते हुए शान्ति व्यवस्था बनाए रखने कि अपील की है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर कहा कि लंबे इंतजार के बाद अयोध्या (Ayodhya) को लेकर आज जो फैसला हुआ है इसका सबको सम्मान करना चाहिए और शांति सद्भाव बनाए रखना चाहिए. उम्मीद है कि प्रदेश के अंदर भी और देश में भी शांति और सद्भाव बना रहेगा. कुछ उपद्रवी अगर गडबड़ करने का प्रयास करेंगे तो प्रदेश में हमने निर्देश दे रखे हैं, ऐसे मामलों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी. इस फैसले का सबको सम्मान करना चाहिए.

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वहीं भाजपा द्वारा इस मामले पर क्रेडिट लेने के सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इसका क्रेडिट कोई नहीं ले सकता. भाजपा ने पिछले 25-30 सालों में जो किया वह सबके सामने है. अयोध्या में उस समय जो हिंसा हुई उसमें अनेकों निर्दोष लोग मारे गये सबको मालूम है. उस समय भी ये न्यायलय पर भरोसा करते तो ये नौबत नहीं आती. जिस रूप में वहां उस समय दंगे भडकाए गये, दंगे कराए गये उन सब से बचा जा सकता था. साथ ही गहलोत ने भाजपा, विश्व हिंदु परिषद और आरएसएस को आडे हाथों लेते हुए कहा कि अगर बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद थोड़ी समझदारी से उस समय काम लेती और यह मामला न्यायालय पर छोड देती तो 2-3 साल में ही यह मामला निपट जाता.

इस फैसले के बाद राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा कि अयोध्या (Ayodhya) पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय पूरे देश के लिए शिरोधार्य है, जिसका मैं तहेदिल से स्वागत करती हूं. सत्य शाश्वत होता है, अतः यह फैसला भी सत्य की ही विजय के रूप में देखा जाना चाहिए. भारत ने हमेशा दुनिया को शांति एवं सद्भावना का संदेश दिया है. माननीय शीर्ष न्यायालय के फैसले को किसी की हार-जीत के साथ जोड़ने की बजाय सभी को मिलकर शांति, सौहार्द व भाईचारे का परिचय देना चाहिए.

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व राज्य के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इस फैसले पर कहा कि अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हम सम्मान करते हैं. हमारे देश में सभी धर्मों, जाति एवं समुदायों में आपसी प्रेम, भाईचारे एवं सद्भाव की परंपरा रही है तथा आपसी सौहार्द का वातावरण बना रहे इसकी मैं अपील करता हूँ. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले का हमें सम्मान एवं आदर करना चाहिए.

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राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जिस क्षण का पूरे देश को वर्षों से इंतजार था, वो आज इस फैसले के माध्यम से पूर्ण हुआ है. सर्वोच्च न्यायालय का अयोध्या राम मंदिर पर दिया गया निर्णय ऐतिहासिक है. संयम, शांति, सौहार्द, सांप्रदायिक-एकता, समन्वय एवं सदाचार ही हमारी संस्कृति की पहचान है, हम इसे बनाए रखेंगे.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का अयोध्या (Ayodhya) पर दिया गया निर्णय ऐतिहासिक है. दशकों से लंबित इस विषय पर, आज सर्वोच्च न्यायलय की मोहर लगने से, देश की जनता में न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास और सम्मान की वृद्धि हुई है. समाज के सभी पक्ष, आपस से शांति और सौहार्द बनाए रखें.

केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें. हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें.

केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा की विविधता में एकता हमारी संस्कृति रही है. हमारे अंदर का राम और रहीम मिलकर ही हमें और हमारे राष्ट्र की सुंदरता को बनाते हैं. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हम सभी की भावना के अनुरूप जो निर्णय दिया है, हम भारतीय इसका स्वागत करते हैं.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि अयोध्या मामले पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का राम जन्मभूमि पर दिए गए फैसले का हम सब और देश का प्रत्येक नागरिक स्वागत करता है. देश के सभी समुदायों से विनम्र अपील है कि न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए सांप्रदायिक सद्भाव, शांति व सौहार्द बनाये रखें.

दौसा सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि यह एतिहासिक फैसला है. इतना बडा फैसला सभी धर्मो का सम्मान करते हुए आया है. आडवाणी जी ने अपना पूरा जीवन राम मंदिर निमार्ण की भावनाओं में लगाया है. इस फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए.

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राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीना ने कहा कि बहुप्रतीक्षित अयोध्या (Ayodhya) मामले पर देश की सर्वोच्च न्यायालय का राम मंदिर पर दिए गए फैसले का सवा सौ करोड़ देशवासी स्वागत एवं अभिनंदन करते हैं. देश के सभी समुदायों से अपील है कि न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हुए सांप्रदायिक सद्भाव, शांति व सौहार्द बनाये रखें.

राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस फैसले के बाद कहा कि मेरी सभी देशवासियों से अपील है की आपसी भाईचारा , सदभावना, शांति और एकता बनाएं रखें. हम भारतीयों की जिम्मेदारी है कि हम सब देश की सदियों पुरानी परस्पर सम्मान और एकता की संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखें.

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