जब तक मोदी सरकार है, कोई एक इंच ज़मीन भी नहीं कब्ज़ा सकता- गरजे शाह ने कांग्रेस पर उठाए सवाल

तवांग झड़प को लेकर संसद में विपक्ष ने मचाया भारी हंगामा, सदन के बाहर अमित शाह ने कहा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की कुर्बानी सिर्फ नेहरू जी के चीन प्रेम के कारण दी गई, कांग्रेस के राज में भारत की 18 किलोमीटर जमीन हड़पी गई थी, लेकिन BJP के राज में ऐसा नहीं हो सकता, राजनाथ सिंह ने भारतीय सैनिकों की जबरदस्त प्रशंसा की तो वहीं असद्दुदीन ओवैसी ने इस घटना को देरी तक छुपाए रखने के लिए घेरा मोदी सरकार को

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Amit Shah on India China Troops Clash. अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय तथा चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर सियासत गरमा गई है. इस मुद्दे पर संसद में तमाम विपक्ष द्वारा चर्चा की मांग किए जाने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मीडिया में दिए बयान में दावा किया कि जब तक केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्तासीन है, कोई भारत की एक इंच भूमि पर भी कब्ज़ा नहीं कर सकता है. यही नहीं अमित शाह ने इस मुद्दे को सियासी रंग देते हुए न सिर्फ कांग्रेस पर निशाना साधा बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए. वहीं सदन में मुद्दे पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैनिकों की जबरदस्त प्रशंसा की तो वहीं AIMIM प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी ने इस घटना को देरी तक छुपाए रखने के लिए मोदी सरकार को घेरा है.

आपको बता दें कि इससे पहले आज तवांग झड़प को लेकर आज संसद में विपक्ष ने भारी हंगामा किया. इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई, कांग्रेस दोहरा व्यवहार कर रही है. शाह ने कहा कि कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया, हमने जवाब देने की बात कह दी थी उसके बावजूद इन्होंने संसद नहीं चलने दी. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने सीमा पर झड़प का मुद्दा इसलिए उठाया है, क्योंकि वह राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) के विदेशी योगदान (नियमन) एक्ट (FCRA) रद्दीकरण पर सवालों से बचना चाहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके बाद RGF का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया, क्योंकि यह FCRA नियमों के अनुकूल नहीं था.

यही नहीं पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लपेटते हुए अमित शाह ने यह भी कहा कि, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की कुर्बानी सिर्फ (भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल) नेहरू जी के चीन प्रेम के कारण दी गई…” इसके साथ ही अमित शाह ने भारतीय जवानों के साहस के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि, “हमारे जवानों ने 8 की रात और 9 की सुबह जो वीरता दिखाई है, मैं उसकी प्रशंसा करता हूं… सेना ने कुछ ही देर में घुसे हुए सभी लोगों को भगा दिया और हमारी भूमि की रक्षा की…”

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इसके साथ ही एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, “कांग्रेस के राज में भारत की 18 किलोमीटर जमीन हड़पी गई थी, लेकिन BJP के राज में ऐसा नहीं हो सकता… मैं साफ-साफ कहना चाहता हूं… जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है, कोई हमारी एक इंच भूमि पर भी कब्ज़ा नहीं कर सकता…”

वहीं इस मुद्दे पर बोलते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा की 9 दिसंबर 2022 को PLA ट्रूप्स ने तवांग में LAC का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे भारतीय सेना ने PLA को अतिक्रमण से रोका. उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया, इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं, हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है, समय से हमने हस्तक्षेप किया इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए. राजनाथ सिंह ने आगे सदन में कहा की, इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की, चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा, कूटनीतिक स्तर पर भी मुद्दा उठाया गया, हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं, विश्वास है सदन सेनाओं की वीरता और साहस को समर्थन देगा। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी.

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इसी मुद्दे को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तवांग इलाके में हुई झड़प मामले में मोदी सरकार को घेरते हुए सवाल किया है. ओवैसी ने कहा कि भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प 9 दिसंबर को हुई थी इस दौरान पार्लियामेंट चल रहा है तो सरकार ने इसकी जानकारी उसी दिन क्यों नहीं दी? हमें तीन दिन बाद मीडिया बता रही है कि हमारे बहादुर सैनिक घायल हुए हैं.

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