Rajyasabha: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 पर बहस के समय राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आपस में भिड़ गए. राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली में अधिकारियों की तैनाती-तबादले से जुड़े अध्यादेश वाले बिल पर जब अमित शाह भाषण दे रहे थे तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनको टोकने की कोशिश की, जिसपर शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम की सदस्यता बचाने के लिए बिल नहीं लाए हैं. ऐसे में कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. इस पर राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया.
इसके बाद जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना भाषण दिया तब बीजेपी के सांसदों ने उन्हें टोकने की कोशिश की तो खड़गे ने गुस्से में आकर कहा कि आप लोगों में से आधे तो पहले से ही कांग्रेस से आए हैं. इस तंज को अमित शाह भी झेपते हुए नजर आए. गौरतलब है कि दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र सरकार पर तीखा तंज कसा है.
जनता की बात नहीं सुनना चाहते हैं पीएम मोदी – केजरीवाल
दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 के राज्यसभा में पास होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी. केजरीवाल ने शाह पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि जनता ने आपको लोगों के लिए काम करने की शक्ति दी गई है, उनके अधिकार छीनने की नहीं. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद से स्पष्ट जाहिर हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते हैं. दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को जिताकर साफ कहा है कि दिल्ली में दखलंदाजी मत करना, लेकिन मोदी जनता की बात नहीं सुनना चाहते हैं.
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केजरीवाल ने अपना दर्द सांझा करते हुए कहा कि मैं जो भी करता हूं दिल्ली की जनता उसमें मेरा समर्थन करती है और उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है. बीजेपी सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है. वे विकास कार्य में बाधा डाल रहे हैं. वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. इस बार जनता उन्हें कोई भी सीट नहीं जीतने देगी.
खड़गे ने बीच भाषण में टोका तो शाह ने दिखाई आंखें
इससे पहले राज्यसभा में विधेयक पर बहस के वक्त अमित शाह भाषण दे रहे थे. इस बीच मल्लिकार्जुन ने उन्हें टोकने की कोशिश की जिस पर अमित शाह भड़के गए और खड़गे पर बरस पड़े. अमित शाह ने कहा, ‘अरे सुनिए खरगे जी, पीएम की सदस्यता बचाने के लिए बिल नहीं लाए हैं और कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. हम इमरजेंसी लाने के लिए संविधान में बदलाव नहीं कर रहे हैं. इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री की सदस्यता बचाने के लिए हम ये बिल लेकर नहीं आए हैं. इमरजेंसी के दौरान तीन हजार नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और अखबारों को अपना पेज खाली रखना पड़ा था.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये लोग डेमोक्रेसी की बात कर रहे हैं. कांग्रेस को तो लोकतंत्र पर कुछ भी बोलने का कोई अधिकार नहीं है. अमित शाह के इतना कहने के बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा हुआ.
VIDEO | "We are not bringing Constitutional amendments for 'Emergency'," says Union Home minister @AmitShah in Rajya Sabha on Delhi services bill.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/a4Sw1B7rwJ
— Press Trust of India (@PTI_News) August 7, 2023
अपने भाषण में शाह को करारा जवाब दिया खड़गे ने
राज्यसभा में दिल्ली आध्यादेश से जुड़े बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण से सभी का ध्यान खींच लिया. खड़गे के भाषण के दौरान जब किसी बात पर बीजेपी के सांसदों ने उन्हें टोकने की कोशिश की तो खड़गे भी तांव में आ गए. उन्होंने सत्ता पक्ष के सांसदों को याद दिला दिया कि सत्ताधारी सांसदों में से आधे तो कांग्रेस के ही हैं. इस बात को केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी झेप गए और मुंह दबाकर हंसते हुए दिखाई दिए.
Why parliamentary debates are absolute treat to watch!
Here, Congress President Kharge reminds ruling MPs that half of them are from Congress only.
Smiles follow! #ParliamentSession pic.twitter.com/nv7WHktJcP
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) August 7, 2023
131/102 के मत से पास हुआ बिल, आप ने बताया राजनीतिक धोखा
राज्यसभा में केंद्र सरकार की तरफ से पेश किया गया दिल्ली सर्विस बिल 102 के मुकाबले 131 वोटों से पास हो गया. ऑटोमैटिक वोटिंग मशीन खराब होने के कारण पर्ची से वोटिंग कराई गई. पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट डले. बीजू जनता दल (BJD) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने बिल पर एनडीए को समर्थन देते हुए विपक्ष के अरमानों पर पानी फेर दिया. बिल अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा.
बिल को मंजूरी मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चढ्ढा ने इसे एक राजनीतिक धोखा करार दिया है. चढ्ढा ने कहा कि बीजेपी ने 1989, 1999 और 2013 के लोकसभा चुनाव के घोषणा-पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया था. आज भाजपा के पास मौका है, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दीजिए.
आप सांसद राघव चड्ढा ने बिल का विरोध करते हुए कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता सुनाई और कहा कि जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है. चढ्ढा ने कहा कि आज से पहले शायद ही कभी असंवैधानिक, गैर कानूनी कागज का टुकड़ा बिल के माध्यम से सदन में लाया गया होगा. आज बीजेपी ने अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी जी की दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की 40 साल की मेहनत को मिट्टी में मिला दिया है. आप ये बिल लाकर उनके संघर्ष का अपमान कर रहे हो. आपके पास मौका है- नेहरूवादी नहीं बल्कि अटल-आडवाणीवादी बनिए.
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बिल को संघीय ढांचे के खिलाफ बताया है. सिंघवी ने कहा कि बिल का मकसद डर पैदा करना है. जो लोग इसका समर्थन कर रहे हैं या समर्थन करने की घोषणा कर चुके हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि सबका नंबर आ सकता है.
महिला सांसदों ने किया वॉकआउट –
सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि मेरे लिए बिल सही है. किसी के लिए गलत हो सकता है. ये कहना गलत कि ये मामला कोर्ट में लंबित है और इस पर सदन में बिल नहीं आ सकता. गोगोई के भाषण का विरोध करते हुए चार महिला सांसद राज्यसभा से वॉकआउट कर बाहर चली गई थीं. इनमें सपा सासंद जया बच्चन, शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुवेर्दी, एनसीपी की वंदना चव्हाण और टीएमसी की सुष्मिता देव शामिल रहीं.