पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना वायरस के जानलेवा संकट के बीच राज्य सरकारों ने बड़ी संख्या में पलायन कर रहे श्रमिकों सहित अन्य लोगों को घर भेजने का इंतजाम करना शुरु कर दिया है. देशभर में लॉकडाउन के चलते खासकर मजदूर वर्ग सहित कई अन्य लोग पैदल ही सैंकड़ों किमी. दूर का सफर तय करने निकल पड़े हैं. सरकार और चिकित्सों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए घरों में रहने और एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाए रखने की नसीयत दे रखी है लेकिन बावजूद इसके राज्यों की बॉर्डर पर पलायन कर रहे लोगों की भीड़ जमा होने लगी है. इनमें से ज्यादातर मजदूर तबके के लोग हैं. इन लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों ने बड़ा ऐलान करते हुए बस उपलब्ध कराने की स्वीकृति दे दी है. राजस्थान सरकार के साथ ही दिल्ली और यूपी सरकार ने भी इस अग्रणी पहल में भागीदारी निभाई है. हाल में स्पाइस जेट भी केंद्र सरकार के समक्ष लोगों को घर पहुंचाने और मदद करने का प्रस्ताव रख चुकी है.
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सबसे पहले बात करें राजस्थान की तो गहलोत सरकार के निर्देश पर राजस्थान रोडवेज बस सेवा के मुख्य प्रबंधकों की ओर से गुजरात बॉर्डर एवं अन्य स्थानों पर फंसे हुए यात्रियों के लिए बसें उपलब्ध कराई जा रही हैं. भारत सरकार के निर्देशों के बाद एसीएस होम ने आदेश जारी किए है. कोरोना को हराने में राजस्थान रोडवेज की भागीदारी प्रशंसनीय है और सरकार भी इन लोगों के लिए संवेदनशील है. सभी लोगों को अपने गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज के एमडी नवीन जैन ने सभी आगारों के मुख्य प्रबंधकों को निर्देश जारी कर दिए हैं. बस कैसे और कहां जानी है, इसकी फैसला जिला कलेक्टर तय करेंगे.
वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी जो भी लोग पलायन को लेकर बॉर्डर के आस पास हैं या दिल्ली से निकल चुके हैं, उन्हें अपने घर या गांव पहुंचाने का निर्णय लिया है. इसके लिए दिल्ली परिवहन को आदेश दे दिए गए हैं. जल्दी ही इसका इंतजाम किया जाएगा. वहीं आप सरकार के नेता ऐसे पलायन करने वाले सैंकड़ों परिवारों से मिलकर उन्हें समझाने में भी जुटे हुए हैं कि दिल्ली सरकार उनके रहने और खाने का पूरा इंतजाम करेगी. दिल्ली पुलिस भी इस काम में सरकार का सहयोग कर रही है. दिल्ली की आप सरकार प्रतिदिन चार लोगों को मुफ्त खाना खिलाने का इंतजार कर रही है. सेल्टर होम, धार्मिक स्थलों और सरकारी स्कूलों में लोगों के खाने और उनके रहने की व्यवस्थाएं की जा रही है.
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी पलायन करने वालों लोगों के लिए एक हजार बसों का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘विभिन्न राज्यों में कार्यरत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी भाई-बहनों से मेरी अपील है कि कृपा कर, लाॅकडाउन अवधि में अपनी आजीविका वाले स्थान पर ही बने रहें. घरों से न निकलें, जहां हैं वहीं रहें’. उन्होंने ये भी कहा कि आपदा के इस काल में हमारे जो भी नागरिक दूसरे राज्य में मौजूद हैं, उनके परिजन परेशान न हों. हमने 12 राज्यों के लिए नोडल अफसर तैनात किए गए हैं, वे संबंधित राज्य के अधिकारियों से समन्वय बनाकर वहां रह रहे उत्तर प्रदेश के नागरिकों को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे.
दरअसल, कोरोना वायरस और उससे बढ़ रहे संक्रमण को लेकर लोगों में तरह तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं. ऐसे में खासकर वे लोग जो अन्य राज्यों से दिल्ली या अन्य किसी शहर में रोजी रोटी की तलाश में आए हैं, ये सोचकर ‘आखिरी भूखे या संक्रमण से तो मरना ही है, क्यों न अपने अपने घर को चले ताकि मरने समय मिट्टी तो वहीं की नसीब हो’ अपने यथा स्थानों से पैदल ही अपने गांव या राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं. लाखों की तादात में ये लोग राज्य की सीमाओं पर जमा है क्योंकि बॉर्डर सील की हुई है. ऐसे लोगों से राज्य सरकारें लगातार अनुरोध कर रही हैं कि जो जहां हैं, वहीं रहे. हर सरकार ऐसे लाखों लोगों के लिए खाने पीने का इंतजाम कर रही है. धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं भी ऐसे समय में आगे आकर मदद कर रही हैं लेकिन स्थिति संभल नहीं रही.
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हालांकि कोरोना संकट के बीच भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर है लेकिन संक्रमित लोगों की संख्या धीरे धीरे बढ़ती जा रही है. पिछले 15 दिनों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 905 तक जा पहुंची है और अब तक 19 मौत हो चुकी है. आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है. बात करें राजस्थान की तो यहां 52 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं और दो मौत हो चुकी है. वहीं दिल्ली में 40 और उत्तर प्रदेश में 50 पॉजिटिव केस आ चुके हैं.
संकट की इस घड़ी में स्पाइस जेट ने सरकार के सामने मदद का प्रस्ताव रखा है. स्पाइस जेट का कहना है कि वह फंसे हुए लोगों को उनके घर पहुंचाने में मदद कर सकती है. अगर सरकार उन्हें परमिशन देती है तो वह मुंबई और दिल्ली में फंसे मजदूरों को पटना उनके घर पहुंचा सकते हैं. बता दें, देश में इस समय अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध है लेकिन नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के मुताबिक विशेष परिस्थितियों में उड़ान भरी जा सकती है. स्पाइस जेट पहले से ही अपने मालवाहक विमानों पर भोजन, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण मुहैया करा रहे हैं.