Politalks.News/Rajasthan. कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति- 2019 आने वाले समय में किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगी, हमारा प्रयास है कि किसान संपन्न बनें, खुशहाल बनें और आगे बढ़ें, यह कहना है प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का. सीएम गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से ‘उद्योग लगाओ, आय बढ़ाओ’ की थीम पर कृषकों के साथ संवाद कार्यक्रम में प्रदेशभर में कलेक्ट्रेट स्थित वीसी कक्षों पर मौजूद करीब 428 किसानों के साथ चर्चा की. संवाद में संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, बैंकों के अधिकारी, नाबार्ड के अधिकारी, संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारिता, सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के एमडी तथा 144 कृषि मंडियों के सचिव भी जुड़े.
इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने नई नीति के तहत अनुदान का लाभ लेने वाले किसानों एवं उद्यमियों के साथ संवाद किया और उनसे नई नीति के बारे में फीडबैक लिया. सीएम गहलोत ने संवाद के दौरान मौजूद किसानों से कहा कि खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने में राज्य सरकार द्वारा मिल रहे अनुदान का भरपूर लाभ उठाएं, अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त कर खुद की आय बढ़ाएं और अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दें.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति- 2019 के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए तैयार कराए गए पोस्टर, ब्रॉशर एवं होर्डिंग का विमोचन किया और कहा कि जनहित में जो नीतियां एवं योजनाएं बनाई जाती हैं उनका लाभ वास्तविक हकदार तक पहुंचे इसके लिए इनका व्यापक प्रचार-प्रसार हो.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि सभी जिलों में एक प्रकोष्ठ बनाया जाए जिसका प्रभारी जिला कृषि अधिकारी हो. इस प्रकोष्ठ के माध्यम से किसानों को उनकी उपज के विपणन से आय बढ़ाने और अपनी उपज बेचने के लिए लिंकेज की सुविधा के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाए. इस दौरान सीएम गहलोत ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि अनुदान का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वाले किसानों को आ रही समस्याओं का समय पर निस्तारण किया जाए. किसानों, छोटे उद्यमियों की मदद में कोई कमी नहीं रखी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन का देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर जो असर पड़ा है उससे उबरकर गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए हमें अपने पैरों पर खड़ा होना होगा, प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ानी होंगी और किसानों को प्रसंस्करण इकाइयां लगाकर खुद की आमदनी बढ़ाने के प्रयास करने होंगे.