Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश(Uttar Pradesh) की सत्ता में वापसी के लिए समाजवादी पार्टी हरसंभव प्रयास में जुटी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सभी छोटे दलों के साथ गठबंधन के दरवाजे खोल दिए हैं. इस कड़ी में आम आदमी पार्टी (AAP) के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने बुधवार को अखिलेश यादव से मुलाकात कर गठबंधन पर चर्चा की. दोनों दिग्गजों की मुलाकात के साथ ही यूपी के सियासी गलियारों में आरएलडी के बाद आम आदमी पार्टी के साथ सपा के गठबंधन की सम्भावनाओं को लेकर चर्चा तेज हो गई है. वहीं अपना दल (कमेरावादी ) की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने भी आज ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और गठबंधन का एलान किया है. पटेल ने कहा कि,’ सपा व अपना दल के बीच गठबंधन हो गया है पर सीटों पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इस पर जल्द ही फैसला होगा‘. सियासी गलियारों में चर्चा है कि छोटे दलों के साथ गठबंधन कर अखिलेश योगी और भाजपा के खिलाफ अपनी मोर्चेबंदी कड़ी करते जा रहे हैं. इस बार अखिलेश ने अब तक सबसे ज्यादा दलों के साथ गठबंधन किया है.
उत्तरप्रदेश में होने वाले सियासी संग्राम के बीच आप प्रभारी संजय सिंह और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच हुई यह मुलाकात बहुत अहम मानी जा रही है. लखनऊ स्थित लोहिया ट्रस्ट के दफ्तर में अखिलेश यादव और संजय सिंह के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई. सपा से जुड़ी सूत्रों का कहना है कि सपा और आप (AAP) के बीच गठबंधन पर बातचीत चल रही है और यह मुलाकात उसी क्रम में थी. हालांकि दोनों के बीच सीटों के बंटवारे का फार्मूला अभी तक तय नहीं हुआ है. यह भी कहा जा रहा है कि संजय सिंह की तरफ से 25 सीटों की एक लिस्ट दी गई है. जिन पर आम आदमी ने दावा किया है. आपको बता दें, आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह हाल ही में सपा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन समारोह में भी शामिल हुए थे. वहां भी अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात हुई थी. दो महीने पहले भी संजय सिंह की अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी. ऐसे में आज तीसरी बार ये दोनों नेता मिले.
यह भी पढ़ें- पंजाब में कांग्रेस को फिर याद आए जाखड़! दलित-जाट के बाद सवर्ण चेहरे को प्रमोट करने की तैयारी
आपको बता दें कि मिशन-2022 की तैयारियों जुटे अखिलेश यादव इस बार बड़ी पार्टियों की जगह छोटे दलों से गठबंधन पर जोर दे रहे हैं. कल ही राष्ट्रीय लोकदल के जयंत सिह से अखिलेश यादव ने गठबंधन फाइनल किया है . बताया जा रहा है कि यूपी की 36 सीटें देकर उन्होंने गठबंधन फाइनल किया है. दोनों पार्टियों में हुए समझौते के मुताबिक सपा रालोद को विधानसभा की करीब 36 सीटें देगी. इनमें से जयंत 30 सीटों पर रालोद और छह सीटों पर सपा के सिंबल पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे. इसके अलावा पूर्वांचल ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा से सपा का गठबंधन हो चुका है. अब आम आदमी पार्टी के साथ बातचीत आगे बढ़ाई जा रही है.
यह भी पढ़ें- लालू जैसे निराले अंदाज में गुढ़ा- हेमामालिनी हो गई अब बूढ़ी, कैटरीना के गालों जैसी सड़कें बनाओ
यहां यह भी बता दें कि रालोद से गठबंधन से पहले अखिलेश ने केशव देव मौर्य के महान दल, डा.संजय सिंह चौहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन किया है. ओमप्रकाश राजभर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे. ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर के हैं और आसपास के जिलों में राजभर जाति का अच्छा वोट बैंक है. बताया जा रहा है कि छोटे दलों से गठबंधन के पीछे अखिलेश की जातीय समीकरणों को साधने की रणनीति है जिसकी सफलता की कसौटी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के परिणाम होंगे. जहां तक रालोद का सवाल है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर उसका प्रभाव है. रालोद से दोस्ती कर अखिलेश की मंशा पश्चिम की जाट बेल्ट में स्थिति मजबूत करने की है.