सचिन पायलट से मुलाकात के बाद बोले सीएम गहलोत- ‘अपने तो अपने होते हैं, जो हुआ उसे भूल जाओ’

कांग्रेस विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव करेगी पेश, पायलट ने 6 साल तक पीसीसी चीफ के रूप में मिले सहयोग के लिए सभी विधायकों का जताया आभार तो वहीं डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी देने के लिए सोनिया गांधी और अशोक गहलोत का भी जताया आभार

अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात
अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में एक महीने से ज्यादा चले सियासी घमासान का गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात के साथ ही पटाक्षेप हो गया. शुक्रवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के एक दिन पहले मुख्यमंत्री आवास पर हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उनके सभी समर्थक विधायकों ने शिरकत की. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने पायलट का स्वागत किया. बैठक से पहले केसी वेणुगोपाल और कुछ वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सीएम गहलोत और पायलट के बीच करीब आधे घण्टे की मुलाकात हुई. इसके बाद शुरू हुई विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री गहलोत के बगल में बैठने की जगह दी गयी.

विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट ने 6 साल तक पीसीसी चीफ के रूप में मिले सहयोग के लिए सभी विधायकों का आभार जताया है. यही नहीं, राजस्‍थान में डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी देने के लिए सोनिया गांधी और अशोक गहलोत का भी आभार जताया. बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वह इन 19 विधायकों के बिना भी विधानसभा में बहुमत साबित कर देते, लेकिन वह खुशी नहीं मिलती. सीएम ने कहा कि अपने तो अपने होते हैं, जो हुआ उसे भूल जाओ. इसके बाद सभी विधायकों ने खड़े होकर विक्ट्री साइन के साथ दिखाई एकजुटता. मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि कांग्रेस विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव पेश करेगी.

विधायक दल की बैठक में राजस्‍थान के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति है बीजेपी, इसी अंग्रेजों की नीति पर बीजेपी ने राजस्थान में षडयंत्र किया, लेकिन वो विफल हो गया. वहीं बैठक के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि सबकुछ अच्छे से हो गया. अब कांग्रेस परिवार एक साथ है, हम मिलकर भाजपा की गंदी राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे. कल विधानसभा में कांग्रेस पार्टी एकजुटता से खड़ी होगी.

विधायक दल की बैठक खत्‍म होने के बाद विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि सब दूध का दूध पानी का पानी हो गया. हमारे पर आरोप पर आरोप लगते रहे, वे निराधार हैं. साथ ही कहा कि मैंने हमेशा कहा, मैं कांग्रेस में था और कांग्रेस में हूं. मुख्यमंत्री ने स्वागत किया और बुलाया हमें, जो भी आरोप थे उनका पर्दाफाश हो गया है. हम एक महीने इसलिए बाहर रहे कि हमारे साथ किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हो. हमने न पहले कभी कुछ मांगा था और नहीं अब. हम जनता की सेवा के लिए आए हैं. वहीं कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने कहा कि हमें विश्वास मत लाने की जरूरत नहीं है, हम सब एक हैं. बीजेपी की हर चाल का जवाब दे सकते हैं. बीजेपी में कई तरह की गुटबाजी है.

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इससे पहले शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट और बागी विधायकों की घर-वापसी को लोकतंत्र की जीत बताया. सीएम गहलोत ने मामले को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि बीती बातों को भूलकर अब आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने विधायकों से कहा कि आपसी मतभेद को भूलकर अब लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में जुट जाना है. इस बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के शामिल न होने की बातें भी सियासी गलियारों में चल रही थी. लेकिन विधायके दल की बैठक से डेढ़ घण्टे पहले पायलट खेमे में रहे विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह का पार्टी से निलंबन समाप्त करने के बाद सारी तस्वीर एकदम साफ हो गई. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने दोनों विधायकों के निलंबन को निरस्त करने की जानकारी अपने सोशल मीडिया के ट्वीटर एकाउंट पर शेयर की.

बता दें, मुख्यमंत्री आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में सीएम अशोक गहलोत के अलावा पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट, कांग्रेस के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, अविनाश पाण्डे, रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और राजस्‍थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल रहे. इसके साथ ही राजस्‍थान का सियासी संकट थम सा गया है. इस बैठक के दौरान कांग्रेस के कई नेताओं ने सियासी संकट की वजह भाजपा को बताया है.

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