कांग्रेस प्रदेशों में लोकतंत्र बचाने को लेकर दिग्गी राजा ने मोदी सरकार को घेरा

दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए दिया 'जागो देशवासियों जागो और लोकतंत्र बचाओ' का नारा, बीजेपी को बताया तानाशाह जबकि प्रवक्ताओं को कहा ट्रोल सेना

Digvijay Singh Vs Modi
Digvijay Singh Vs Modi

PoliTalks.news/MP. कांग्रेस शासित प्रदेशों में कथित तौर पर बीजेपी का खरीद फरोख्त का खेल जोरों शोरों से चल रहा है. पहले कर्नाटक, उसके बाद गोवा, फिर मध्यप्रदेश में बीजेपी अपना खेल खेल चुकी है. राजस्थान में यही खेल खेलने की कोशिश की गई लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. ऐसे माहौल में एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस प्रदेशों में लोकतंत्र बचाने की अपील करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को घेरा, साथ ही ‘जागो देशवासियों जागो और लोकतंत्र बचाओ’ का नारा दिया.

दिग्गी राजा ने सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए तोड़फोड़ और विधायकों की खरीद फरोख्त के जरिए तानाशाही करने वाली बीजेपी को जमकर कोसा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है. विपक्ष ही सरकार पर नियंत्रण रखती है. ऐसे में वह निरंकुश नहीं हो पाती है, लेकिन जब सरकार मजबूत हो जाती है तो लोकतंत्र खतरे में आ जाता है.

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आगे दिग्विजय सिंह ने लिखा, ‘लोकतंत्र बचाने के लिए एकजुट हों. पहले ईवीएम और यदि राज्यों में सरकार नहीं बन पाई तो ‘जनमत को धनमत’ से ख़रीद लो. भाजपा के पास धनबल की कमी नहीं है. जागो देशवासियों जागो और लोकतंत्र बचाओ. कांग्रेस शासित राज्यों में यही हो रहा है.’

दिग्विजय सिंह ने मोदी-शाह, बीजेपी, संघ और उनके प्रवक्ताओं को ट्रोल सेना बताया. दिग्गी राजा ने लिखा, ‘मोदी-शाह, भाजपा, संघ और उनकी ‘ट्रोल सेना’ प्रश्न पूछने वालों को सोशल मीडिया पर झूठे, बिना किसी प्रमाण पोस्ट डाल कर उन्हें बदनाम कर उन्हें डराते धमकाते हैं. यही रणनीति हिटलर समेत हर तानाशाह अपनाता रहा है. मैं इसलिए राहुल गांधी का सम्मान करता हूं कि वे साहस के साथ प्रश्न पूछ रहे हैं.

अंत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरटीआई के जरिए ही कई भ्रष्टाचार के केस सामने आए. आज इस कानून को भी समाप्त करने की मोदीजी की मंशा है क्योंकि बुनियादी तौर पर वे लोकतंत्र विरोधी मानसिकता से ग्रस्त हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस को सभी भाजपा विरोधी दलों को एक करने का पूरा प्रयास करना चाहिए.

हर नागरिक को शासन तंत्र से प्रश्न पूछने का अधिकार ही लोकतंत्र की बुनियाद होता है. जिसे कांग्रेस ने सोनिया जी के नेतृत्व में आम नागरिक को सूचना का अधिकार शासकीय तंत्र के विरोध के बाद भी, कानून ला कर उसे शासन को कठघरे में खड़े करने का अधिकार दिया.

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