Politalks.News/KeralaAssemblyElection. जैसा कि मेट्रोमैन ई श्रीधरन के पार्टी जॉइन करने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि केरल में बीजेपी को मुख्यमंत्री का चेहरा मिल गया है. ऐसे में आज को प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सस्पेंस खत्म करते हुए ऐलान कर दिया है कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तो मेट्रो मैन ई श्रीधरन ही केरल के मुख्यमंत्री होंगे. आपको बता दें, पश्चिम बंगाल और असम के अलावा केरल भी उन 5 राज्यों में शामिल हैं जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि केरल में एलडीएफ और यूडीएफ दोनों का ही पुल टूट रहा है. जबकि श्रीधरन ने कई पुलों को बिना किसी भ्रष्टाचार के बनाया, ऐसे में हमने पार्टी से अपील की है कि ई श्रीधरन को ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया जाए. इस पर केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने ऐलान कर दिया कि ई श्रीधरन केरल में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.
गौरतलब है कि मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई. श्रीधरन ने कुछ दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वाइन की थी. दिल्ली मेट्रो जैसे सपने को सच करने वाले श्रीधरन ने देश के कई शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट्स में मदद की है. अब उन्होंने मुख्य राजनीति का रुख किया है. इससे पहले बीजेपी ई श्रीधरन को प्रदेश का राज्यपाल बनाना चाहती थी, लेकिन पार्टी में शामिल होने के बाद 88 वर्षीय मेट्रो मैन श्रीधरन ने साफ कर दिया था कि राज्यपाल पद संभालने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. श्रीधरन ने कहा कि यह पूरी तरह संवैधानिक पद है और कोई शक्ति नहीं है और वह ऐसे पद पर रहकर राज्य के लिए कोई सकारात्मक योगदान नहीं दे पाएंगे. वहीं केरल के पोन्नाली में रह रहे श्रीधरन ने कहा था कि वह राज्य के मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं. इसके साथ ही श्रीधरन ने यह संकेत भी दे दिया कि वह मुख्यमंत्री बने तो राज्य में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाएंगे.
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दिल्ली सहित कई शहरों को मेट्रो की सौगात देने वाले ई. श्रीधरन का जन्म 12 जून 1932, को केरल के पलक्काड़ में हुआ था. श्रीधरन के के नौकरी के दिनों की एक दिलचस्प कहानी भी है. 1964 के तूफान में रामेश्वरम को तमिलनाडु से जोड़ने वाला एक पुल टूट गया था. रेलवे ने इसके लिए छह महीने का समय निर्धारित किया और यह काम श्रीघरन को सौंपा गया. तब श्रीधरन ने महज 46 दिनों में इसे काम को पूरा करके दे दिया. बाद में उन्हें रेलवे मंत्री के द्वारा इस उपलब्धि के लिए पुरस्कार से भी नवाजा गया था.
आपको बता दें, 1970 में ई. श्रीधरन ने कोलकाता में देश की पहली मेट्रो की परिकल्पना की. यही नहीं श्रीधरन ने इसकी योजना से लेकर डिजाइन तक की जिम्मेदारी ली और देश को पहले मेट्रो दिया. इसके बाद वह रेलवे में कई रोचक कार्य किए, जिनमें कोचिन शिपयार्ड का पहला जहाज एम.वी.रानी पद्मिनी भा शामिल है. इसके साथ ही ई श्रीधरन दिल्ली मेट्रो समेत पहले फ्रैट कॉरिडोर को समय से पहले दौड़ाने के मामले में ख्याति बटोर चुके हैं. ई श्रीधरन को 2001 में पद्म श्री और 2008 में पद्म विभूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. भारत के साथ-साथ विदेशों में भी श्रीधरन ने ख्याति बटोरी है. फ्रांस सरकार ने ई श्रीधरन को 2005 में अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित कर चुकी है. यहीं नहीं अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैग्जीन ने इन्हें एशिया हीरो का टाइटल दिया था.