Politalks.News/Rajasthan/AshokGehlot/GurjarMovement. गुर्जर आरक्षण आंदोलन का आज 9वां दिन है. बैकलॉग की भर्तियों समेत अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर गुर्जर समाज के नेता कर्नल बैंसला और विजय बैंसला के नेतृत्व के पीलूपुरा की रेल की पटरियों पर बैठे हैं. सरकार से वार्ता के कई फेज़ फेल हो चुके हैं. इसी बीच सरकार के मंत्री अशोक चांदना एक बार फिर कर्नल बैंसला और समुदाय के लोगों से बातचीत करने के लिए हिंडौन पहुंचेंंगे. इससे पहले भी चांदना 1 नवंबर को बैंसला से बातचीत के लिए आए थे, लेकिन तब मुलाकात नहीं हो पाई थी. चांदना के रवाना होने से पहले गुर्जर आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान सामने आया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुर्जर आरक्षण को लेकर सरकार का रुख हमेशा सकारात्मक रहा है. कर्नल बैंसला से जो बातचीत हुई थी उनमें अधिकांश मांगें मान ली गई हैं, उसके बावजूद अब पटरी पर बैठने का कोई औचित्य नहीं है. आगे सीएम गहलोत ने कहा कि जिस तरीके से लगातार सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी की है, 15 सालों से आंदोलन की जो तस्वीर हमने देखी है, उससे गुर्जर समाज का नुकसान हो रहा है. कांग्रेस सरकार ने हमेशा गुर्जर समाज के हित में कदम उठाए हैं.
मुख्यमंत्री ने कह कि गुर्जरों को आरक्षण देने का फैसला कांग्रेस सरकार ने ही किया है. ऐसे में अब केवल कुछ लोगों की वजह से पटरी पर बैठना न्यायोचित नहीं है. गुर्जर समाज को चाहिए कि सरकार ने जो कमेटी बनाई है उसे वार्ता करें. राजस्थान सरकार गुर्जर समाज के हित में जो भी जरूरी होगा, वो हरसंभव कदम उठाएगी.
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बता दें कि राजस्थान में गुर्जर आरक्षण को लेकर लगातार आंदोलन की तस्वीर देखने को मिल रही है. गुर्जर समाज सरकार को बार-बार अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दे रहा है. साथ ही कह रहा है कि अगर उनकी मांगों को सरकार ने पूरा नहीं किया तो आने वाले समय में आंदोलन उग्र हो सकता है. जबकि सरकार का दावा है कि गुर्जरों की अधिकांश मांग सरकार ने मान ली है, फिर भी वो लोग आंदोलन कर रहे हैं.
इसी कड़ी में सरकार की ओर से आईएएस नीरज के. पवन दो बार रेलवे ट्रेक पर गुर्जर आंदोलनकारियों के बीच आकर वार्ता का संदेश ला चुके हैं, लेकिन कर्नल बैंसला मौके पर ही समाधान चाहते हैं. ऐसे में कोई हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है. गुर्जर आंदोलन के कारण त्योहारी सीजन में यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है. रेलवे दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर 19 ट्रेनों को डायवर्ट कर चला रहा है. यही नहीं अन्य रुटों पर भी कई ट्रेनों को डायवर्ट कर निकाला जा रहा है. ज्यादातर ट्रेनों को जयपुर के रास्ते निकाला जा रहा है.
क्या है बैकलॉग और क्यों अटका
2015 में तत्कालीन सरकार ने गुर्जर समेत पांच जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया था, उसके बाद 2017 में ये पूरा मामला कोर्ट में चला गया. गंगासहाय की याचिका के बाद कोर्ट ये कहते हुए गुर्जरों को झटका दिया कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं मिल सकता इसलिए सरकार ने बचा हुआ एक प्रतिशत आरक्षण गुर्जरों को दे दिया. इसी बीच कई भर्तियां मिली जिसमें कोर्ट के आदेश के मुताबिक गुर्जरों को भर्तियों में 1 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला, लेकिन अब गुर्जर चाहते हैं कि इसी बीच निकली भर्तियों में बैकलॉग का 4 प्रतिशत आरक्षण गुर्जर समाज के युवाओं को मिले. वैसे यह कानूनी मामला है लेकिन गुर्जर समाज कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है.