Politalks.News/PunjabElection. अगले साल होने वाला पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) का घमासान अब और भी रोचक होने जा रहा है. पिछले एक साल तक केन्द्र के तीनों कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ सड़क पर आंदोलन करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों में से 22 किसान संगठनों (Farmers Union) ने अपना एक अलग संयुक्त समाज मोर्चा (United Community Front) नाम का संगठन बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. किसानों के इस संगठन ने सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है और बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) को यूनाइटेड फ्रंट का मुख्यमंत्री चेहरा (CM Face) भी घोषित कर दिया है. वहीं सूत्रों का कहना है कि इस संगठन की आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की बातचीत भी चल रही है. इस बीच किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमें व्यवस्था बदलने की जरूरत है और हम लोगों से इस मोर्चा का समर्थन करने की अपील करना चाहते हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लीड करने वाले पंजाब के 32 किसान संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 36 के कन्वेंशन सेंटर में हुई. जानकारी के मुताबिक, 32 संगठनों में से 22 किसान संगठनों ने मांग रखी कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करके किसान चुनाव लड़ा जाए और बलबीर सिंह राजेवाल को किसानों की ओर से बतौर नेता आगे रखा जाए. वे ये भी चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ किसानों की सीट शेयरिंग करके गठबंधन किया जाए.
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आपको बता दें, चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की चारदीवारी की सड़कों पर चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. अब पंजाब विधानसभा चुनावों में भाग लेने के मकसद से एक राजनीतिक संगठन संयुक्त समाज मोर्चा बनाने के लिए एक साथ आए हैं. पंजाब में किसानों के राजनीतिक मोर्चे का नेतृत्व बीएस राजेवाल करेंगे. बीकेयू (डकौंडा) और बीकेयू (लखोवाल) सहित तीन किसान संगठन जल्द ही तय करेंगे कि पार्टी में शामिल होना है या नहीं.
वहीं दूसरी ओर कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन में शामिल रहे कई किसान संगठन जो कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) संगठन का हिस्सा थे, ने चुनावी राजनीति से दूर रहने का फैसला किया है. जिनमें कीर्ति किसान संघ, क्रांतिकारी किसान संघ, बीकेयू-क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष समिति, बीकेयू-सिद्धूपुर, किसान संघर्ष समिति और जय किसान आंदोलन चुनावी मैदान में उतरने के खिलाफ हैं. वहीं यह भी माना जा रहा है कि मोर्चा के चुनाव प्रचार के लिए एसकेएम के बैनर का इस्तेमाल नहीं होगा.