Politalks.News/FarmersBill. किसान अभी तो घर पहुंचे ही हैं कि केंद्र सरकार के नुमाइंदे एक बार फिर कृषि कानून वापस लाने वाले बयानों से बाज नहीं आ रहे. पहले तो बीजेपी (BJP) के एक दो नेता ही कहते थे कि तीनों कृषि कानून वापस आएंगे लेकिन अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है. शुक्रवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर (Nagpur) में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ‘हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं. लेकिन दोबारा आगे बढ़ेंगे. सरकार आगे के बारे में सोच रही है, हम निराश नहीं हैं.’ केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस (Congress) बीजेपी पर हमलवार हो गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि, पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हरायेंगे.’
एक कदम पीछे जरूर हटें हैं, लेकिन दोबारा आगे बढ़ेंगे- तोमर
अपने एक दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र के नागपुर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान देते हुए सभी को चौंका दिया. एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि, ‘कृषि कानून 70 साल की आजादी के बाद लाया गया इस देश का सबसे बड़ा रिफॉर्म था. लेकिन कुछ लोगों के विरोध के कारण उसे वापस लेना पड़ा.’ केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि ‘हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं. लेकिन दोबारा आगे बढ़ेंगे. सरकार आगे के बारे में सोच रही है, हम निराश नहीं हैं. किसान भारत की रीढ़ हैं.’
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पहले भी हराया था फिर हरयेंगे- राहुल गांधी
नरेंद्र सिंह तोमर के इस बयान ने सभी को चौंका दिया है. तोमर का ये बयान सामने आने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी पर हमलवार है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘देश के कृषि मंत्री ने मोदी जी की माफ़ी का अपमान किया है- ये बेहद निंदनीय है. अगर फिर से कृषि विरोधी कदम आगे बढ़ाए तो फिर से अन्नदाता सत्याग्रह होगा- पहले भी अहंकार को हराया था, फिर हरायेंगे.’
विधानसभा चुनाव के बाद फिर लागू होने तीनों कृषि कानून- सुरजेवाला
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक प्रेसवार्ता कर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. सुरजेवाला ने कहा कि, ‘देश के कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जो बयान दिया उससे मोदी सरकार का किसान विरोधी षड्यंत्र और चेहरा एक बार फिर सामने ला दिया है. ये साफ़ है कि मोदी सरकार 5 राज्यों के चुनाव के बाद एक बार फिर किसान विरोधी तीनों कृषि कानून वापस लाने की कोशिश कर रही है और ये सब पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है.’ सुरजेवाला ने आगे कहा कि, ‘देश भर के किसान एक साल से अधिक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत रहे. 700 से अधिक किसान शहीद हो गए. और अंत में अहंकारी सरकार और निरंकुश प्रधानमंत्री को झुकना पड़ा.’
राज्यपाल कलराज मिश्र ने दिए थे तीनों कानून वापस लाने के संकेत
रणदीप सुरजेवाला ने आगे कहा कि, ‘प्रधानमंत्री ने किसानों से माफ़ी मांगी और तीनों कृषि कानून वापस लेने का कानून भी संसद से पास करा लिया. कांग्रेस ने पहले भी इसे राजनीतिक स्टंट बताया था और उसके बाद कई बीजेपी नेताओं के बयानों से ये साफ़ भी हुआ.’ सुरजेवाला ने कहा कि, ‘तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा था कि ये कानून वापस किसी और शक्ल में वापस लाये जायेंगे. इसके बाद उन्नाव सांसद साक्षी महाराज ने कहा था कि ये तीनों कानून वापस लाये जायेंगे. तब बीजेपी नेताओं ने कहा कि छोड़ दीजिये ये तो सिर्फ बयान हैं.’
मोदी सरकार की झूट, लूट, फुट की राजनीति को कांग्रेस कर देगी विफल
सुरजेवाला ने आगे कहा कि, ‘नरेंद्र तोमर के बयान से ये साफ़ हो गया है कि ये तीनों कृषि कानून वापस लाये जायेंगे. केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि जो तीनों कानून लाये गए थे वो बहुत अच्छे थे तो मैं पूछना चाहता हूँ कि इतने ही अच्छे थे तो वापस क्यों लिए. कांग्रेस पार्टी ये साफ़ कह देती है कि मोदी सरकार की इस झूट, लूट, फुट की राजनीति को विफल कर देंगे. मोदी सरकार के द्वारा षड्यंत्र रचा जा रहा है. कृषि मंत्री के बयान से ये साफ़ है कि चोर दरवाजे से ये तीनों कृषि कानून वापस लाये जायेंगे.’
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आपको बता दें कि, ’17 सितंबर 2020 को लागू किए गए तीनों कृषि कानून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर 19 नवंबर 2021 को अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापन लेने का ऐलान किया था. संसद में कानून वापस लेने के बाद 1 दिसंबर को राष्ट्रपति ने इस पर अंतिम मुहर लगाई. इसे पंजाब और उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है.