jammu kashmir election
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JammuKashmir Politics: जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद एग्जिट पोल जारी हो चुके हैं. यहां 90 सीटों में से 41 सीटों पर कांग्रेस और फारूख अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी एलाइंस आगे बताई जा रही है. हालांकि सरकार बनाने के लिए जरूरी 46 सीटों से गठबंधन अभी पीछे है. ऐसे में उमर जम्मू-कश्मीर की सीएम रह चुकी पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार में सहभागी बनने की मंशा जताई है. हालांकि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अधिकांश एजेंडे एक जैसे हैं लेकिन चुनाव से पहले दोनों पार्टियों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए हैं. वक्त की नजाकत को देखते हुए तीनों पार्टियों का एक साथ आना और सरकार बनाना कितना सही फैसला हो सकता है, ये देखने वाली बात होगी.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल जारी होने के बाद पीडीपी नेता जुहैब यूसुफ मीर ने बयान दिया कि बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए वे नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं. इस पर जवाब देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने खुशी जताई है कि एनसी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाते दिख रहे हैं. अगर पीडीपी हमसे जुड़ने के लिए तैयार है, तो ये बेहद अच्छी बात है.

एग्जिट पोल पर टिप्पणी से इनकार

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने हाल में आए एग्जिट पोल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा था कि 8 अक्टूबर को सारे नतीजे आपके सामने होंगे, बक्से खुलेंगे और हमें पता चल जाएगा कि कौन कहां खड़ा है. उन्होंने कांग्रेस-NC गठबंधन के बहुमत से सरकार बनाने का दावा भी ठोका. वहीं लाल चौक विधानसभा सीट से पीडीपी उम्मीदवार जुहैब यूसुफ मीर ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. मीर ने ये भी कहा कि हमारी नजर में एग्जिट पोल का कोई मतलब नहीं है. हम एक सेक्युलर सरकार बनाएंगे जो बीजेपी के खिलाफ हो, उसके साथ नहीं.

हमारा एजेंडा एक, समस्या एक

इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम एवं पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने मतदान से पहले पार्टी घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा था कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन सीट बंटवारे पर हो रहा है, न कि एजेंडे पर. यह बात उन्होंने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस से समर्थन के सवाल पर कही थी. मुफ्ती ने कहा था कि अगर दोनों दल हमारी पार्टी का एजेंडा मानेंगे तो हम गठबंधन को तैयार हैं. हमारा सिर्फ एक ही एजेंडा है- जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान.

हरियाणा में भी बीजेपी विपक्ष में

जम्मू कश्मीर के साथ साथ हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव हुए हैं. यहां भी चुनावी परिणाम 8 अक्टूबर को आना है. एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, प्रदेश में कांग्रेस की स्पष्ट बहुमत की सरकार बन रही है. कांग्रेस राज्य में विगत 10 सालों से सत्ता वापसी का इंतजार कर रही है. यहां सीएम मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को सत्ता की कुर्सी सौंपने का बीजेपी का फैसला गलत साबित हुआ. बीजेपी इन्कमबेंसी का पार्टी को खास नुकसान होते दिख रहा है.

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