महाराष्ट्र में क्या है एकनाथ खडसे की एनसीपी और शिवसेना से नजदीकी का राज? फडणवीस सरकार के घोटालों की आगे बढ़ेगी जांच!

महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में रोहिणी खडसे की हार के लिए खडसे ने ठहराया था पार्टी नेताओं को जिम्‍मेदार, फडणवीस से नाराजगी भी जगजाहिर

Eknath Khadse
Eknath Khadse

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. क्या महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की भाजपा सरकार के समय हुए घोटालों की जांच का फिर से बढ़ेगी आगे ? सिंचाई, किसानों से अरहर दाल खरीदने और जमीन घोटालों में फंसी है पूर्ववर्ती भाजपा सरकार. जानकारों की मानें तो फडणवीस सरकार के समय हुई अरहर खरीद और सिंचाई घोटाले की जांच बहुत जल्द फिर से संभव है. हालांकि सिंचाई घोटाले में एनसपी के नेता अजित पवार का भी सम्बंध बताया जा रहा है, लेकिन एसीबी पहले ही अपनी जांच में अजित पवार को क्लीन चिट दे चुकी है. (Eknath Khadse)

अब फडणवीस सरकार में राज्यमंत्री रहे अर्जुन खोतकर और उनके परिजनों की हो सकती जांच. उनके द्वारा 377 क्विंटल अरहर सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचने का मामले में घोटाला का आरोप है. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से पर भी लगे हुए हैं जमीन घोटाले के बड़े आरोप, जिसके चलते उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था. लेकिन अब महाराष्ट्र में ‘महाविकास अघाड़ी’ गठबंधन की सरकार है, ऐसे में लोगों को उम्मीद जगी है कि फिर से खुलेगी भाजपा सरकार के इन मामलों की जांच. क्या जल्द ही उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री के तौर पर लेंगे इस पर कोई अहम फैसला ?

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गौरतलब है कि बीजेपी नेता एकनाथ खड़से (Eknath Khadse) के अपनी पार्टी बीजेपी के खिलाफ सुर अब मुखर होने लगे है. दरअसल, महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में एकनाथ खडसे की बेटी रोहिणी खडसे और पंकजा मुंडे को हार का सामना करना पड़ा था. एकनाथ खडसे ने इसके लिए पार्टी के नेताओं को जिम्‍मेदार ठहराया था. वहीं, पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से उनकी नाराजगी भी किसी से छुपी नहीं है.

सोमवार को एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) ने दिल्ली जाकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और अब उनके शिवसेना प्रमुख व मुख्यमंत्री उद्वव ठाकरे से मिलने की भी सम्भावना है, ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि वह शिवसेना या एनसीपी का दामन थाम सकते हैं. सूत्रों की मानें तो घोटालों की जांच से बचने का यह एक सुलभ तरीका भी हो सकता है, आखिर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने के बाद ही खडसे की एकाएक नाराजगी कैसे बढ गई बीजेपी से जबकि सरकार गठन में लगा पूरे एक महीने से ज्यादा का समय.

Politalks Bureau. Will the investigation of the scams during the BJP government of Devendra Fadnavis in Maharashtra increase again? The previous BJP government is stuck in irrigation, buying pigeon pea from farmers and land scams. According to experts, investigation of pigeon pea and irrigation scam that happened during Fadnavis government is possible again very soon. Although the relation of NSP leader Ajit Pawar is being told in the irrigation scam, but ACB has already given clean chit to Ajit Pawar in his investigation.

Now Arjun Khotkar, who was Minister of State in Fadnavis government and his family members, can be investigated.
He is accused of scam in the case of selling 377 quintal pigeonpea at government procurement centers. At the same time, senior BJP leader Eknath Khadse is also engaged in big allegations of land scam, due to which he had to resign from the post of minister. But now there is a ‘Mahavikas Aghadi’ coalition government in Maharashtra, in such a situation people are hopeful that the BJP government will re-investigate these cases. Will Uddhav Thackeray take any important decision as Chief Minister soon?

Significantly, BJP leader Eknath Khadse’s voice against his party BJP is now becoming vocal. In fact, in the Maharashtra Assembly elections, Eknath Khadse’s daughter Rohini Khadse and Pankaja Munde had to face defeat. Eknath Khadse blamed party leaders for this. At the same time, his displeasure with former Chief Minister Devendra Fadnavis is also not hidden from anyone.

On Monday, Eknath Khadse went to Delhi to meet NCP chief Sharad Pawar and now he is also expected to meet Shiv Sena chief and Chief Minister Uddhav Thackeray, in such a situation that it is being speculated that he can join Shiv Sena or NCP. If sources are to be believed, this can also be an easy way to avoid investigation of scams, how Khadse’s sudden resentment increased with BJP only after the formation of Mahavikas Aghadi government, while it took more than a month to form the government.

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