पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर गरीब एचं वंचित तबके पर पडा है. लॉकडाउन के चलते दिहाडी मजदूरों के काम काज ठप्प है ऐसे में राजस्थान सरकार की कोशिश है कि ऐसे लोग जो दिनभर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते है ऐसे लोगों को जल्द से जल्द रोजगार देकर उन्हें आर्थिक संबल प्रदान किया जाए. इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से नरेगा श्रमिकों की मजदूरी बढाने और सडक निर्माण कार्य शुरू करने की योजना बनाई गई है. जिससे कि श्रमिकों को अधिक से अधिक संबल प्रदान किया जा सके.
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत मजदूरी दर 199 रूपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 220 रूपये प्रतिदिन की गई है तथा मेट एवं कारीगर के लिए भी मजदूरी दर को 213 रूपये से बढ़ाकर 235 रूपये प्रतिदिन किया जा रहा है. इस मजदूरी दर की बढ़ोत्तरी से कोरोना लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आर्थिक सम्बल मिलेगा. इसके साथ ही योजना के तहत अधिक से अधिक व्यक्तिगत लाभ के कार्यों को करवाने के लिए निर्देश दिए गये है जिससे ज्यादा से ज्यादा व्यक्तिगत लाभ की परिसम्पत्तियों का सृजन होगा तथा सोशल डिस्टेंसिंग स्वतः ही हो सकेगी.
सचिन पायलट ने बताया कि कोरोना संक्रमण से उत्पन्न विशेष परिस्थितियों एवं गर्मी के मौसम को देखते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य समय को बदला गया है. नया समय सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक निर्धारित किया गया है. इससे सोशल डिस्टेसिंग की पालना करने में भी मदद मिलेगी. नरेगा कार्यस्थल पर मेट एवं श्रमिकों सहित सभी को मास्क पहनकर आने, श्रमिकों के दिन में चार बार साबुन से हाथ धुलवाने तथा कार्य एवं भोजन अवकाश के दौरान सोशल डिस्टेसिंग की पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश भी दिये गये हैं.
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पंचायतीराज विभाग के साथ ही अब सार्वजनिक निर्माण विभाग भी प्रदेश में अब सड़क विकास के 2678 कार्य प्रारम्भ करेगा. विभाग के मंत्री सचिन पायलट ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रदेश में रुके हुए सड़क विकास कार्य मॉडिफाइड लॉकडाउन में शुरू हो सकेंगे. सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से आगामी समय में शुरू होने वाले कार्यों की रूपरेखा तैयार की गई है जिसके अनुसार अब करीब 3700 करोड़ रुपये से भी अधिक लागत से लगभग 8590 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों के विकास कार्य करवाए जाएंगे.
सचिन पायलट ने आगे बताया कि 1,056 करोड़ की लागत से 212 किलोमीटर में राष्ट्रीय राजमार्ग के 13 कार्य, केन्द्रीय सड़क निधि योजना में 423 करोड़ की लागत से 71 किलोमीटर लम्बाई के 9 कार्य, 403 करोड़ की लागत से 1,140 किलोमीटर में गांवों को सड़कों से जोड़ने के 342 कार्य तथा 913 करोड़ की लागत से 3792 किलोमीटर लम्बाई के 1647 अन्य ग्रामीण सड़क कार्यों सहित अब कई कार्य शुरू हो सकेंगे.
आगे जानकारी देते हुए सचिन पायलट ने यह भी बताया कि कि रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड योजना के तहत कुल 699 सड़कों के विकास तथा नवीनीकरण के लिए 383 करोड़ रूपये की नाबार्ड से स्वीकृति जारी हो चुकी है, जिसकी निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी. इस योजना के तहत लगभग 2252 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का विकास होगा. शीघ्र ही परियोजना के अनुसार कुल 2240 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का नवीनीकरण कराया जाएगा. इसमें ग्रामीण सड़कें तथा ग्रामीण सड़क तंत्र को मजबूत करने के लिए अन्य जिला सड़कें एवं मुख्य जिला सड़कें भी शामिल हैं. इसके अलावा बीकानेर में जालबसर से नकोदेसर तक 12 किलोमीटर लम्बी एक नई सड़क का निर्माण भी करवाया जाएगा.
इसके साथ ही बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत भी 2200 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों के अपग्रेडेशन के 237 कार्यों के लिए 1140 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी कर दी गयी है जिसकी निविदाएं आमंत्रित की जा रही हैं. सचिन पायलट ने आगे बताया कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान में श्रमिक प्रधान कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कार्यस्थलों पर सोशल डिस्टेंस बनाए रखने, हाथों को बार-बार साबुन से धोने तथा मुहं पर मास्क लगाए रखने जैसे दिशा-निर्देशों का पालन कराए जाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.