पॉलिटॉक्स न्यूज/दुनिया. अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद बवाल जारी है. प्रदर्शन अमेरिका के सभी 23 राज्यों में पहुंच चुका है और हिंसक होता जा रहा है. अमेरिका के तमाम राज्यों में प्रदर्शनकारी सड़क पर हैं. कई राज्यों में पुलिस तक घुटनों पर है तो कहीं कहीं पुलिस ही प्रदर्शनकारियों के साथ हो चली है. एथेंस में प्रदर्शनकारियों की भीड़ हिंसक हो गई और अमेरिका एंबेसी पर बम से फेंका. वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग न्यूयॉर्क के यूनियन स्कवॉयर पर जुटे और घुटनों के बल बैठकर अपना विरोध दर्ज कराया. वहीं कैलिफॉनिया में भी नाराज प्रदर्शनकारी का हुजूम जमा हुआ और सड़कों पर लेटकर ही प्रदर्शनकारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर की.
इधर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका की सड़कों पर सेना की तैनाती की धमकी दी है. इस बीच अमेरिका के 23 राज्यों में 17 हजार नेशनल गार्ड की तैनाती की गई है. नेशनल गार्ड को हिंसा रोकने के साथ-साथ राज्यों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है.
दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका इन दिनों हिंसा और विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा है. अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गौरतलब है कि 25 मई को मिनेसोटा में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी. महज 20 डॉलर के जाली नोट चलाने के आरोप में जॉर्ज को पकड़ा गया था और एक पुलिस वाले ने उसे जमीन पर गिराकर उसकी गर्दन को पांव से तब तक दबाए रखा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई.
इसी घटना से अमेरिका में भारी उबाल है. ना सिर्फ अश्वेत समुदाय के लोग बल्कि श्वेत भी इसे लेकर सड़कों पर हैं. अमेरिका के सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. व्हाइट हाउस के बाहर भी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे.
इधर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की सड़कों पर सेना की तैनाती की धमकी दी है. इस बीच अमेरिका के 23 राज्यों में 17 हजार नेशनल गार्ड की तैनाती की गई है. नेशनल गार्ड को हिंसा रोकने के साथ-साथ राज्यों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है. नेशनल गार्ड अमेरिका की सड़कों पर उतर गए हैं और राज्यों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं.
नेशनल गार्ड ब्यूरो के प्रमुख एयर फोर्स जनरल जोसेफ लेंगयेल ने कहा कि हम सबसे कठिन मिशन कर रहे हैं. ऐसे मिशन के लिए हमारे गार्ड प्रशिक्षित, सुसज्जित और तैयार है. वह राज्यों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं कानून व्यवस्था वाला राष्ट्रपति हूं. हिंसा, लूटपाट, बर्बरता, हमले और अपमान को रोकने के लिए हजारों सशस्त्र सैनिकों को भेज रहा हूं. सैन्य कर्मी उन लोगों पर कार्रवाई करेंगे, जो संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस बीच अर्कांसस रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन ने हिंसा की तुलना घरेलू आतंकवादी से की है. ट्रंप ने कहा कि अगर अमेरिका में हिंसा नहीं रूकी तो विद्रोह अधिनियम लागू करना होगा. बता दें, विद्रोह अधिनियम सदियों पुराना कानून है, जो राष्ट्रपति को घरेलू हिंसा को खत्म करने के लिए अमेरिकी सेना को भेजने का अधिकार देता है.
इसकी जानकारी देते हुए ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था, ‘लिबरल गवर्नर्स और मेयर्स को हिंसा के खिलाफ सख्त होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो फेडरल गवर्नमेंट इसमें कदम रखेगी और वो करेगी, जिसमें हमारी सेना को असीमित शक्ति मिलेगी और वह कई गिरफ्तारियां कर सकते हैं.
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इससे पहले व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से देश को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘अगर कोई शहर या राज्य अपने निवासियों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई करने से इनकार करता है, तो मैं संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना को तैनात करूंगा और उनकी समस्या का जल्द समाधान करूंगा.’