किसान मित्र योजना के तहत गहलोत सरकार ने बिजली के बिल पर 1000/- प्रतिमाह अनुदान की दी सौगात

'मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना' का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना ही है, इस योजना पर सालाना 1450 करोड़ रूपए का अतिरिक्त व्यय होगा, इसमें कृषि उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर प्रति माह 1 हजार रूपए अथवा अधिकतम 12 हजार रूपए प्रतिवर्ष अनुदान मिलेगा- सीएम गहलोत

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना
मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को बड़ी सौगात देते हुए ‘मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना‘ की सौगात दी है. इस मौके पर सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना’ का मुख्य उद्देश्य किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना ही है. इस योजना पर सालाना 1450 करोड़ रूपए का अतिरिक्त व्यय होगा. इसमें कृषि उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर प्रति माह 1 हजार रूपए अथवा अधिकतम 12 हजार रूपए प्रतिवर्ष अनुदान मिलेगा. इस योजना के शुरू होने पर प्रदेश में लघु एवं मध्यम वर्ग के किसानों के लिए कृषि बिजली लगभग निःशुल्क हो जाएगी.

सीएम आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से योजना के शुभारंभ तथा विद्युत भवन एनेक्सी सहित अन्य विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के हितों के प्रति संवेदनशील रही है. कोरोना महामारी के संकट के समय वित्तीय वर्ष 2020-21 में जहां पूरी अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई, तब कृषि क्षेत्र ने विपरीत परिस्थितियों में देश की अर्थव्यवस्था को संबल दिया है. सीएम गहलोत ने कहा कि इस दौर में देश के किसानों ने अपनी मेहनत से सकल घरेलू उत्पाद की दर को सहारा प्रदान किया है. ऐसे में, केन्द्र एवं राज्य सरकारों का दायित्व है कि कृषि क्षेत्र के लिए राहत के उपाय करें.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया कि प्रदेश में कृषि विद्युत की दर 5 रूपए 55 पैसे प्रति यूनिट होने के बावजूद किसानों को 90 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है. शेष 4 रूपए 65 पैसे प्रति यूनिट का अनुदान राज्य सरकार वहन कर रही है. कृषि विद्युत दरों पर अनुदान के कारण राज्य सरकार पर 16 हजार करोड़ रूपए प्रतिवर्ष का आर्थिक भार आ रहा है. अब किसानों के कल्याण के लिए 1450 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार भी वहन किया जाएगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि राज्य सरकार किसानों को अच्छी गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है. इसलिए हम बिजली के वितरण के साथ-साथ उत्पादन और प्रसारण पर भी फोकस कर रहे हैं. पूरे राजस्थान में बिजली के नये ग्रिड, लाइनें तथा सब-स्टेशन विकसित कर इसके नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा रहा है. सीएम गहलोत ने कहा कि कृषि क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति के लिए नई कम्पनी का गठन इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है. इसके माध्यम से किसानों को उनकी मांग के अनुरूप पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा. सभी जिलों में किसानों को दिन के समय बिजली देने का लक्ष्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

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शुभारंभ कार्यक्रम में आगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा नीति 2019 एवं पवन ऊर्जा नीति 2019 के माध्यम से अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. वर्ष 2025 तक 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य की दिशा में हम लगातार प्रयासरत हैं. सीएम गहलोत ने बताया कि कुसुम योजना के तहत खेतों में सोलर पैनल लगाने पर लागत का 30 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार, 30 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन करने तथा शेष 40 प्रतिशत के लिए किसान को ऋण दिलवाने का प्रावधान है. किसान उत्पादित ऊर्जा के उपयोग के बाद शेष ऊर्जा सरकार को बेचकर ऋण की किस्तें चुका सकता है. अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ लेना चाहिए.

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