Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग 7 माह से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को खत्म कराने की अपील की है. सीएम गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार या तो इन कृषि कानूनों को वापस ले ले या फिर किसानों को कृषि कानूनों पर संतुष्ट कर दे. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में किसानों की जो मांगें हैं उसे लेकर केंद्र सरकार को कुछ न कुछ घोषणा करनी चाहिए. सीएम गहलोत ने कहा कि अगर नया कानून की बनाना पड़े तो उसमें क्या दिक्कत है. जिन किसानों के लिए कानून बनाया, उन किसानों को अगर कानून नहीं चाहिए तो उनके लिए अलग से कानून लाना पड़े तो क्या फर्क पड़ता है.
शनिवार को सीएम आवास से वीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री किसान ऊर्जा मित्र योजना के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि किसान आंदोलन को चलते 6 माह से ज्यादा का समय हो गया है, लोकतंत्र में आंदोलन इतने लंबे नहीं चलते, केंद्र सरकार को खुद आगे आकर किसान आंदोलन को खत्म कराने की पहल करनी चाहिए. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्षी दल हों या फिर आमजन का प्रतिनिधिमंडल उनकी बात सुननी पड़ती है.
यह भी पढ़ें: महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का पैदल मार्च, ‘मोदी सरकार फेल, RSS के भ्रष्ट लोगों का करेंगे इलाज’- डोटासरा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि किसानों की भावनाओं के अनुरूप काम करें, कई राज्य सरकारों ने पहले ही केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कानून लेकर आए थे. हालांकि अलग बात है कि वह आगे नहीं बढ़ता चूंकि राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति तक जाता है. लेकिन इतने राज्यों से भावना और एकजुटता प्रकट की गई है तो केंद्र सरकार को भी समझना चाहिए, किस तरह से इस मामले को निपटाया जा सकता है इसके ऊपर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए.
मुख्यमंत्री किसान ऊर्जा मित्र योजना के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि किसान आंदोलन चल रहा है, किसान धरने पर बैठे हैं, लेकिन देश में अगर शांति रहती है सद्भावना रहती है तो उससे विकास की गति को मिलती है. विकास में वहीं होगा जहां शांति और सद्भावना होगी. सीएम गहलोत ने कहा कि सद्भावना और शांति का माहौल कमजोर होगा तो तनाव का माहौल होगा, वहां पर विकास नहीं होगा.