Politalks.News/Rajasthan/Gurjar Aandolan. राजस्थान में भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण सहित 6 सूत्री मांग को लेकर गुर्जरों का आंदोलन 5वें दिन भी लगातार जारी रहा. गुर्जरों की गहलोत सरकार से दूसरी वार्ता भी फेल हो गई. इसके बाद भी सरकार ने बातचीत के रास्ते खुले होने की बात कही. गुर्जर अभी भी पटरियों पर डटे हुए हैं, सड़क मार्ग भी जाम है. वहीं दौसा में गुर्जर आंदोलन में कई नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले जिससे बाद गुर्जर यहां भी एक स्वर नहीं दिखे. इसी बीच गुर्जरों के सिकदंरा में जाम लगाने की सूचना मिलने पर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. यहां समाज के बुजुर्ग ऐसा न करने की बात पर अड़ गए और बात युवा और बुजुर्ग के बीच टकराव पर आ गई. बाद में समझाइश के बाद नेशनल हाईवे 21 को जाम करने के निर्णय को टाल दिया और प्रशासन ने राहत की सांस ली. इधर, कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं सुचारू करने की मांग की है.
दरअसल हुआ कुछ यूं, नेशनल हाईवे 21 को जाम करने के लिए दौसा के आभानेरी में गुर्जर समाज की एक महापंचायत का आयोजन किया गया. इस महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग शामिल हुए. यहां कथित तौर पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने फोन पर समाज के लोगों से सिकंदरा में जाम लगाने के निर्देश दिए. यह बात सुनकर महापंचायत में मौजूद गुर्जर समाज के युवा उत्तेजित हो गए और हाइवे जाम करने के लिए रवाना होने की तैयारी करने लगे. इस बात की जानकारी मिलते ही दौसा जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए.
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इसी बीच महापंचायत में मौजूद बुजुर्ग लोगों ने जाम करने के निर्णय को टालने की बात कही. वरिष्ठ गुर्जरों ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और करवा चौथ का हवाला देते हुए अपनी बात रखी. काफी देर तक बुजुर्गों और युवाओं में खींचतान चलती रहे. अंत में युवाओं ने समाज के बुजुर्ग लोगों की बात मान ली और नेशनल हाईवे 21 को जाम करने के निर्णय को टाल दिया. इसके बाद दौसा प्रशासन ने राहत की सांस ली.
पुलिस कांस्टेबल भर्ती के चलते टाला निर्णय
महापंचायत के दौरान गुर्जर समाज के बुजुर्ग लोगों ने कहा कि आगामी छह से आठ नवंबर तक पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा है. ऐसे में आम अभ्यर्थियों को दिक्कत नहीं हो, इसलिए जाम का निर्णय टाला गया है. इसके बाद समाज के कुछ लोगों ने आभानेरी में ही पड़ाव डालने का निर्णय लिया, लेकिन इस निर्णय को भी समाज के बुजुर्गों ने समझाइश करके करवा चौथ की बात कहकर टलवा दिया. ऐसे में गुर्जर समाज की आभानेरी में हुई इस महापंचायत में अनेक नाटकीय मोड़ आए. इससे कभी प्रशासन के हाथ पांव फूल गए तो कभी प्रशासन राहत की सांस लेता हुआ नजर आया.
रोडवेज के थमे हुए हैं पहिए
गुर्जर आंदोलन के चलते दौसा से भरतपुर में आगरा की ओर जाने वाली राजस्थान रोडवेज की बसें पिछले 5 दिनों से बंद है. इससे आम यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. भरतपुर के पीलूपुरा में गुर्जर समाज के लोग आरक्षण आंदोलन के तहत रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए हैं. मुंबई दिल्ली रेलमार्ग की पटरियों पर भी कब्जा किया गया है और पटरियां उखाड़ने की खबर मिली है. रोजमर्रा का व्यवसाय करने वाले लोगों को दिक्कतों के संबंध में भी सूचना लगातार मिल रही है. आंदोलन के चलते भरतपुर, दौसा, करौली, हिण्डौन, अलवर और सवाई माधोपुर सहित कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद रखी गई है.
भीलवाड़ा-पाली तक फैली आंदोलन की आग
गुर्जर आरक्षण आंदोलन की ये आग अब भीलवाड़ा और पाली सहित अन्य जिलों में भी फैलने लगी है. बुधवार को सरकार के विशेष दूत बनकर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के. पवन भी किरोड़ी सिंह बैंसला से बात करने पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रेक पर पहुंचे लेकिन बात बन नहीं पाई. गुर्जर नेता हरदेव पावटा ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें नीरज के.पवन पर भरोसा नहीं है. इधर, सरकार ने बातचीत के दरवाजों को खुला छोड़ने की बात कही है.
वहीं कर्नल बैंसला ने स्टूडेंट्स की आॅनलाइन क्लासेस चलने की बात कहते हुए इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग की है. पिछले एक सप्ताह से इंटरनेट सेवाएं बंद होने की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. बैंसला ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था को लेरक चिंता न करें क्योंकि हम कोई उपद्रव करने वाले नहीं हैं. इधर, गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण देने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई तकनीकी समस्या के चलते टल गई. अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 6 नवंबर को करेगा.