Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के 5वें सत्र के तहत दूसरी बैठक शुक्रवार को हुई. इस दौरान विधानसभा में शुक्रवार को कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. सदन में पक्ष और विपक्ष इस कदर भिड़े की मामला तू-तू, मैं-मैं तक जा पहुंचा. जिसके कारण दोपहर तक में ही विधानसभा की कार्यवाही 3 बार स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष ने कोरोना की लड़ाई के दौरान पूरी व्यवस्था का कांग्रेसीकरण करने का आरोप लगाया तो सत्ता पक्ष उखड़ गया. इससे पहले सदन की शुरुआत में विभिन्न मंत्रालयों की प्रतिवेदन सदन की मेज पर रखे गए. साथ ही कई विधेयक ध्वनि मत से पास किए गए. वहीं, रुक-रुक कर हो रहे हंगामे के साथ चल रही विधानसभा की कार्यवाही को शाम को 24 अगस्त 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
सदन में कोरोना के खिलाफ जंग में आयुर्वेद चिकित्सा के बारे में बोलते हुए रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में जब से कोरोना आया है हम 30 लाख से ज्यादा लोगों को काढ़ा पिलाया. एक दवा का दावा हुआ था इसमें भी वही कंटेंट है. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सदन को बताया कि पहला केस आने के बाद से मुस्तैदी से इसका मुकाबला किया गया. सभी राजनीतिक दलों और विभिन्न वर्गों से चर्चा कर राजस्थान में सबसे पहले 21 मार्च को लॉकडाउन किया गया. डॉ. शर्मा ने कहा कि उसके बाद थाली और ताली बजी. दीपक भी जलाए गए. देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर गई थी. लंबे समय तक देश में लॉकडाउन नहीं रह सकता था. कोरोना से बेहतर मुकाबले के कारण आज हम देश में 13वें नंबर पर हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बेहतर प्रबंधन की वजह से कोरोना से ढंग से मुकाबला किया गया.
इससे पहले सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक कालीचरण सर्राफ ने आरोप लगाया कि शुरुआत में मुख्यमंत्री सभी को साथ लेकर चले. लेकिन कोरोना से लड़ने में पूरी व्यवस्था का जो कांग्रेसीकरण किया गया उसकी कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए. कोरोना के इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों ने लूट मचा रखी है. विधायक कालीचरण सर्राफ द्वारा कोरोना को लेकर लगाए आरोप पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, भाजपा नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और राजेंद्र राठौड़ में जमकर बहस हुई.
यह भी पढ़ें: सरकार गिराने-बचाने के लिए जोर अजमाईश कर चुके बीजेपी-कांग्रेसी नेताओं का सदन में जबरदस्त हंगामा
इस बीच चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बीपी की जांच कराएं, मुझे इनकी चिंता है. वहीं, शांति धारीवाल ने कहा कि कालीचरण सर्राफ आप माफी मांगे या फिर मैं आपको बाहर करने के लिए प्रस्ताव लाऊंगा. जिसके बाद हंगामा ओर तेज हो गया, जिसके कारण विधानसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई. लेकिन इसके बाद फिर कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई और हंगामे के बीच कार्यवाही को दूसरी बार स्थगित कर दिया गया. इसके कुछ देर बाद कुछ सेकेंड के लिए कार्यवाही हुई और फिर हंगामे के कारण कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई.
दोपहर बाद शुरू हुई विधानसभा में कोरोना पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने केंद्र सरकार की ओर से कोरोना काल में मदद के बाद भी राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई. कटारिया ने कहा कि आरोप- प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा, हमें मिलकर कोरोना से मुकाबला करना होगा. कटारिया ने तंज कसते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार बार-बार यह कहेगी के हमें कुछ नहीं मिला तो हम भी मदद ना करने को लेकर राज्य सरकार को उलाहना देते रहेंगे.
कटारिया ने कहा केंद्र सरकार ने कोरोना से मुकाबले के लिए राज्य को 1881 करोड़ रुपए दिए हैं, लेकिन आज तक इसका जिक्र नहीं किया गया. मैंने मेरे जीवन में पहली बार देखा है, जब इस तरह के संकट काल में केंद्र की सरकार ने आगे बढ़कर 20 लाख करोड़ का पैकेज देश के राज्यों के लिए घोषित किया. कटारिया ने निजी अस्पतालों में होने वाली कोरोना जांच पर भी सवाल उठाए और कहा कि भले ही सरकार ने यहां पर जांच की दरें तय कर दी हो, लेकिन यहां जांच कराने वाले की जांच रिपोर्ट कभी पॉजिटिव तो कभी नेगेटिव आती है.
यह भी पढ़ें: सोनिया गांधी के बाद अशोक गहलोत बन सकते हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष!
गुलाबचंद कटारिया ने सेनिटाइजेशन को लेकर कहा कि जब प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या सैंकड़ों में थी तब हर जगह सैनिटाइजेशन हुआ करता था और उसकी मशीनें भी दिखती थीं, लेकिन ना मशीनें दिखती हैं और ना ही सेनिटाइजेशन का काम हो रहा है. आखिर ये लापरवाही क्यों बरती जा रही है? कटारिया ने कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए हमें लोगों की मानसिकता को बदलना होगा. कटारिया ने कोरोना की रिपोर्ट जल्द से जल्द आए इस दिशा में काम करना चाहिए.
वहीं कोरोना पर बोलते हुए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी बहुत कारगर साबित हुई है. कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए व्यक्ति की एंटीबॉडी से 100 फीसदी परिणाम रहे हैं. इससे गंभीर मरीजों की भी जान बचाई गई. अब तक 211 मरीजों का प्लाजमा दिया गया है और सभी ठीक होकर गए हैं. कोरोना होने पर लोग मानसिक स्थिति खराब हो जाती है. हमने इसके लिए मेंटल हैल्थ की काउंसलिंग की व्यवस्था की है. 8 मार्च से अब तक राजस्थान में 25 सरकारी और 10 निजी संस्थानों में जांच की सुविधा है. हमारे पास हर दिन 46 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की सुविधा है.