जिस नंदीग्राम ने ममता को दिलाई सत्ता वही नंदीग्राम तय करेगा बंगाल का भविष्य, दीदी ने भरा नामांकन

नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए बेहद अहम जगह है, उनके यहां से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद करीब दो लाख मतदाताओं वाली नंदीग्राम सीट अब वो सीट बन गई है, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिक गई हैं, बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में स्थित नंदीग्राम वही स्थान है जिसने ममता बनर्जी को राजनीति में आगे का रास्ता बनाया था

जिस नंदीग्राम ने ममता को दिलाई सत्ता वही नंदीग्राम तय करेगा बंगाल का भविष्य, दीदी ने भरा नामांकन
जिस नंदीग्राम ने ममता को दिलाई सत्ता वही नंदीग्राम तय करेगा बंगाल का भविष्य, दीदी ने भरा नामांकन

Politalks.News/BengalAssenblyElection. 294 सीटों के लिए होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम एकमात्र ऐसी सीट है जो पूरे बंगाल का भविष्य तय करेगी. बंगाल चुनाव के लिए सबसे बड़ी लड़ाई इसी सीट पर लड़ी जानी है. इसलिए यह विधानसभा क्षेत्र देश भर में सुर्खियों में है. देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा लोगों की नजर बंगाल पर है और बंगाल चुनाव का सारा सार नंदीग्राम सीट पर माना जा रहा है. यहां पर दीदी का मुकाबला कभी उन्हीं के करीबी रहे भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से होने जा रहा है. आज ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया हैं. दूसरी ओर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने आज नंदीग्राम में रोड शो किया है. शुभेंदु अधिकारी इसी सीट से दो दिन बाद यानि 12 मार्च को पर्चा भरेंगे.

इस चर्चा को आगे बढ़ाने से पहले आपको 5 वर्ष पीछे लिए चलते हैं. वर्ष 2016 में इसी नंदीग्राम विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सबसे खास सिपहसालार शुभेंद्र अधिकारी को तृणमूल कांग्रेस से टिकट दिया था. उस समय ममता उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करने भी गईं थी. जब दीदी ने कभी सोचा नहीं होगा कि अगली बार विधानसभा चुनाव मुझे अपने ही पार्टी के नेता शुभेंद्र अधिकारी के खिलाफ और नंदीग्राम सीट से ही चुनाव लड़ना पड़ेगा. आपको बता दें, कि अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस में रहते हुए 2016 में नंदीग्राम से ही जीत दर्ज की थी. शुभेंद्र अधिकारी ने सीपीआई के अब्दुल कबीर शेख को करीब 80 हजार वोटों से हराया था. इस सीट पर बीजेपी की ओर से चुनाव लड़े बिजन कुमार दास को सिर्फ 10 हजार 713 वोट मिले थे.

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गौरतलब है कि ममता बनर्जी बंगाल के भवानीपुर से विधानसभा चुनाव लड़ती रहीं हैं. भवानीपुर से ममता बनर्जी पिछले 10 सालों से विधायक हैं. ममता ने पहली बार 2011 में यहां से उप चुनाव लड़ा था और विजयी रहीं थीं. तब चुनाव में उनकी पार्टी के सुब्रत बख्शी जीते थे लेकिन बाद में उन्होंने दीदी के लिए ये सीट खाली कर दी थी. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में दीदी ने भवानीपुर से चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की थी.

नंदीग्राम से ममता की राजनीति खत्म करना चाहती है बीजेपी

भारतीय जनता पार्टी बंगाल में सत्ता पाने के साथ ममता बनर्जी की भी अब राजनीति खत्म करना चाहती है. नंदीग्राम सीट से भाजपा के प्रत्याशी शुभेंद्र अधिकारी 12 मार्च को नामांकन दाखिल करेंगे. भाजपा हाईकमान चाहता है कि नंदीग्राम से शुभेंद्र अधिकारी सहारे ममता बनर्जी को घेरा जाए. यहां हम आपको बता दें कि अधिकारी के नामांकन के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अभी हाल ही में पार्टी में आए फिल्म नेता मिथुन चक्रवर्ती भी उपस्थित हो सकते हैं. पिछले दिनों शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम से ममता 50 हजार वोटों से हराने का दावा भी किया है. बता दें, शुभेंदु के नामांकन के दौरान भाजपा एक मेगा रोड शो करेगी, जिसमें भाजपा के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे.

नंदीग्राम का सियासी संग्राम तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय इसलिए भी बन चुका है, क्योंकि एक ओर जहां ममता बनर्जी हैं तो दूसरी कभी उनके बेहद करीबी और नंदीग्राम में टीएमसी की जीत सुनिश्चित कराने वाले शुभेंदु अधिकारी हैं. नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए बेहद अहम जगह है, उनके यहां से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद करीब दो लाख मतदाताओं वाली नंदीग्राम सीट अब वो सीट बन गई है, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिक गई हैं. बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में स्थित नंदीग्राम वही स्थान है जिसने ममता बनर्जी को राजनीति में आगे का रास्ता बनाया था.

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आइए हम आपको बताते हैं नंदीग्राम ममता बनर्जी के लिए बंगाल की सत्ता पर काबिज होने के लिए क्यों अहम माना जाता है. बता दें कि 14 साल पहले नंदीग्राम ‘आंदोलन’ ने ही ममता बनर्जी को बंगाल की सत्ता दिलाई थी और आज एक बार फिर से यह जगह उनके लिए चुनौती बनी हुई है. अब देखना होगा नंदीग्राम एक बार फिर ममता बनर्जी को इस विधानसभा चुनाव में कितना फायदा पहुंचाता है.

नंदीग्राम की घटना ने ममता को बंगाल की सत्ता पर पहुंचने का बनाया था रास्ता

नंदीग्राम को जानने के लिए हम आपको लगभग 14 वर्ष पीछे लिए चलते हैं. उस समय बंगाल में वाम दलों की सरकार थी और मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य थे. नंदीग्राम टाउन पूर्वी मिदनापुर जिले में स्थित है. उन दिनों ममता बनर्जी अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को स्थापित करने के लिए लगीं हुई थी. वर्ष 2007 ममता बनर्जी के लिए राजनीति में ‘टर्निग प्वाइंट’ माना जाता है. आइए आपको बताते हैं उस साल हुई घटना का विरोध बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश भर में फैल गया था. उस दौरान बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने नंदीग्राम में एक केमिकल फैक्ट्री लगाने की योजना बनाई थी. इसके तहत इंडोनेशिया की एक कंपनी के लिए नंदीग्राम में जमीन अधिग्रहण किया जाना था, लेकिन इस प्रोजेक्ट का भारी विरोध शुरू हो गया. नंदीग्राम और आसपास क्षेत्रों के हजारों लोग सड़कों पर आकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने में जुट गए. मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को लोगों के ऊपर फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी.

उसके बाद यह मामला संसद में भी सुनाई दिया था, जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी. नंदीग्राम घटना के बाद ममता बनर्जी ने यहां दौरा किया. बड़े पैमाने पर चले इस आंदोलन से ही तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और तेज तर्रार नेता ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज होने में सफल रहीं. वाम दलों के खिलाफ ममता के किए गए आंदोलन में शुभेंदु अधिकारी उनके साथ कदम से कदम मिलाते रहे. इस घटना के बाद उन्हें बंगाल से 34 साल बाद लेफ्ट की सरकार को उखाड़ फेंकने का मौका मिल गया. वर्ष 2011 में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर विराजमान हो गईं.

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आपको बता दें, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नंदीग्राम सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. पर्चा दाखिल करने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि नंदीग्राम मेरे लिए नया नहीं है. मैंने यहां जनता के लिए आंदोलन किया और अनशन किया. ममता बनर्जी ने कहा कि यह मेरे लिए नई जगह नहीं है, मैं हमेशा से सिंगूर या नंदीग्राम से चुनाव लड़ना चाहती थी.

वहीं पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चुनौती दे रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी दो दिन बाद 12 मार्च को नॉमिनेशन फाइल करेंगे. उससे पहले आज शुभेंदु नंदीग्राम में अपने नए दफ्तर में पहुंचे और पूजा पाठ किया. पुराने दफ्तर से नए दफ्तर तक शुभेंदु पदयात्रा करते हुए पहुंचे. इस दौरान शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अगर ममता बनर्जी जीतती हैं तो हिंदू सुरक्षित नहीं रहेगा, उसे दबाया जाएगा. अधिकारी ने कहा कि अब ममता बनर्जी क्यों चिंतित हैं और अपने हिंदू सरनेम को बार-बार क्यों बता रही हैं, कल उन्होंने चंडी पाठ क्यों किया.

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