पॉलिटॉक्स न्यूज. नागरिकता कानून पर हिंसा के बाद देश की राजधानी दिल्ली में शांति बहाल की तमाम कोशिशें जारी हैं. दिल्ली हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक घायल है. बुधवार को कांग्रेस के मोदी सरकार एवं गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप और सरकार के मंत्रियों के पलटवारों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर आमजन से शांति की अपील की. अब ये मुद्दा देश की सीमाओं से निकल इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी गूंज रहा है. अमेरिकी कमिशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF) ने दिल्ली हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर ट्वीट किया है.
Peace and harmony are central to our ethos. I appeal to my sisters and brothers of Delhi to maintain peace and brotherhood at all times. It is important that there is calm and normalcy is restored at the earliest.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 26, 2020
बता दें, USCIRF एक स्वतंत्र संस्था है जिसकी स्थापना अमेरिका के इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम एक्ट (IRFA) के तहत 1998 में की गई थी. संस्था दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के मसलों पर नजर रखती है.
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अमेरिकी आयोग ने ट्वीट में लिखा, ‘दिल्ली में मुस्लिमों पर खतरनाक भीड़ के हमले की रिपोर्टों से कमिशन बेहद चिंतित है और वह मोदी सरकार से अपील करती है कि भीड़ पर काबू करें और निशाना बनाए गए धार्मिक अल्पसंख्यक एवं अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो’.
USCIRF is alarmed by reports of deadly mob violence targeting Muslims in New Delhi, #India and urges the #Modi government to rein in mobs and protect religious minorities and others who have been targeted. #DelhiViolence #CAAProtesthttps://t.co/MiUaDI2GnQ
— USCIRF (@USCIRF) February 25, 2020
अमेरिका में दिल्ली हिंसा पर विरोध बताने वालों की भी कमी नहीं है. भारत मूल की अमेरिकी सांसद रश्तिा तालिब ने ट्वीट कर लिखा, ‘इस हफ्ते ट्रंप ने भारत का दौरा किया लेकिन असल कहानी ये है कि दिल्ली में इस वक्त मुस्लिमों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा हो रही है. हम चुप नहीं रह सकते क्योंकि देशभर में हिंसा हो रही है’.
This week, Trump visited India but the real story should be the communal violence targeting Muslims in Delhi right now. We cannot be silent as this tide of anti-Muslim violence continues across India. https://t.co/4VXFlk5pEg
— Rashida Tlaib (@RashidaTlaib) February 26, 2020
सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा है, ‘भारत में धार्मिक असिष्णुता का खतरनाक रूप से बढ़ना खौफनाक है. लोकतंत्र को बांटना और भेदभाव करना बर्दास्त नहीं करना चाहिए और न ही धार्मिक स्वतंत्रता को कम करने वाले कानून को बढ़ावा देना चाहिए’.
This deadly surge of religious intolerance in India is horrifying. Democracies should not tolerate division and discrimination, or promote laws that undermine religious freedom. The world is watching. https://t.co/vZNsCfNbUZ
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) February 25, 2020
अन्य अमेरिकी सांसद एलन लॉवेंथल ने कहा कि नैतिक नेतृत्व की दुखद असफल्ता. भारत में मानवाधिकार के खतरे के खिलाफ हमें जरूर बोलना चाहिए.
डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट और सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा, ‘भारत जैसे लोकतांत्रिक पार्टनर्स के साथ रिश्ता मजबूत करना जरूरी है लेकिन हमें अपने मूल्यों, धार्मिक आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सच भी बोलना चाहिए. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है’.
It’s important to strengthen relationships with democratic partners like India. But we must be able to speak truthfully about our values, including religious freedom and freedom of expression—and violence against peaceful protestors is never acceptable. https://t.co/UxkFNDI0rP
— Elizabeth Warren (@ewarren) February 26, 2020