इंटरनेशनल बॉर्डर पर गूंजा दिल्ली हिंसा का मुद्दा, अमेरिकी आयोग का पीएम मोदी को ट्वीट

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पॉलिटॉक्स न्यूज. नागरिकता कानून पर हिंसा के बाद देश की राजधानी दिल्ली में शांति बहाल की तमाम कोशिशें जारी हैं. दिल्ली हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक घायल है. बुधवार को कांग्रेस के मोदी सरकार एवं गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप और सरकार के मंत्रियों के पलटवारों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर आमजन से शांति की अपील की. अब ये मुद्दा देश की ​सीमाओं से निकल इंटरनेशनल बॉर्डर पर भी गूंज रहा है. अमेरिकी कमिशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम (USCIRF) ने दिल्ली हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर ट्वीट किया है.

बता दें, USCIRF एक स्वतंत्र संस्था है जिसकी स्थापना अमेरिका के इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम एक्ट (IRFA) के तहत 1998 में की गई थी. संस्था दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के मसलों पर नजर रखती है.

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अमेरिकी आयोग ने ट्वीट में लिखा, ‘दिल्ली में मुस्लिमों पर खतरनाक भीड़ के हमले की रिपोर्टों से कमिशन बेहद चिंतित है और वह मोदी सरकार से अपील करती है कि भीड़ पर काबू करें और निशाना बनाए गए धार्मिक अल्पसंख्यक एवं अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो’.

अमेरिका में दिल्ली हिंसा पर विरोध बताने वालों की भी कमी नहीं है. भारत मूल की अमेरिकी सांसद रश्तिा तालिब ने ट्वीट कर लिखा, ‘इस हफ्ते ट्रंप ने भारत का दौरा किया लेकिन असल कहानी ये है कि दिल्ली में इस वक्त मुस्लिमों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा हो रही है. हम चुप नहीं रह सकते क्योंकि देशभर में हिंसा हो रही है’.

सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा है, ‘भारत में धार्मिक असिष्णुता का खतरनाक रूप से बढ़ना खौफनाक है. लोकतंत्र को बांटना और भेदभाव करना बर्दास्त नहीं करना चाहिए और न ही धार्मिक स्वतंत्रता को कम करने वाले कानून को बढ़ावा देना चाहिए’.

अन्य अमेरिकी सांसद एलन लॉवेंथल ने कहा कि नैतिक नेतृत्व की दुखद असफल्ता. भारत में मानवाधिकार के खतरे के खिलाफ हमें जरूर बोलना चाहिए.

डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट और सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने कहा, ‘भारत जैसे लोकतांत्रिक पार्टनर्स के साथ रिश्ता मजबूत करना जरूरी है लेकिन हमें अपने मूल्यों, धार्मिक आजादी और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर सच भी बोलना चाहिए. शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा कभी भी स्वीकार्य नहीं है’.

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