Politalks.News/Rajasthan. गुजरात में मुख्यमंत्री सहित समूची सरकार का चेहरा बदलने के बाद भाजपा ने अब आगामी विधानसभा चुनाव में सौ नये चेहरों को मौका देने की बात कही है. गुजरात में प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल ने पार्टी के विधायक और नेताओं को चेताया कि पहले से खुद को पार्टी प्रत्याशी मानकर नहीं चलें. करीब 30 विधायक रिटायर होंगे तथा करीब 70 सीट पर नये चेहरों को मौका दिया जाएगा, मतलब भाजपा में एक सौ नेताओं का पत्ता कटना तय है. ऐसे में अब ये भी तय माना जा रहा है कि अगर ये फॉर्मूला सक्सेसफुल रहा तो राजस्थान में भी करीब 100 या इससे अधिक सीटों पर नए और युवा चेहरों को मौका मिलेगा.
जानकारों की मानें तो गुजरात से पहले अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसी फॉर्मूले को लागू करने की चर्चा है, ऐसे में राजस्थान की राजनीतिक को जानने वाले विश्लेषकों का मानना है कि यूपी चुनाव परिणाम का असर राजस्थान की राजनीति में पड़ना स्वभाविक है. उधर बीजेपी आलाकमान की वर्किंग देखते हुए पार्टी के युवा नेता प्रदेश में एक्टिव होते दिख रहे है. वहीं वरिष्ठ नेताओं ने भी खुद को एक्टिव दिखाने के लिए जनता के बीच पहुंचना शुरू कर दिया है.
70 से 75 प्लस वाले नेताओं की बढ़ेगी परेशानी
आपको बता दें, आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी आलाकमान 70 प्लस वालों के टिकट काटने पर मंथन कर रहा है. इस पर फैसला किसी भी समय हो सकता है. उधर 75 प्लस वाले नेताओं को पहले ही पार्टी टिकट नहीं देने के मुद्दे पर सहमति बना चुकी है. ऐसे में अगर ये फॉर्मूला राजस्थान में लागू हुआ तो 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस उम्र को टच करने वाले नेताओं की परेशानी बढ़ सकती है.
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10 हजार वोटों से हारने वालों पर होगा महामंथन!
बीजेपी टिकट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में 10 हजार से कम वोटों से हारने वाले प्रत्याशी पर पार्टी विचार करेगी, लेकिन उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं ये फिलहाल तय नहीं है. पार्टी ऐसे कई नेताओं के टिकट काटेगी और नए चेहरों को टिकट देने का फॉर्मूला इस लाइन पर भी भारी पड़ सकता है. संगठन ने मोर्चे, प्रदेश और जिला कार्यकारिणी में भी अधिकांश नए लोगों को मौका दिया था. साथ ही हाल ही में 19 जिलों के प्रभारी और सह प्रभारी बदलकर संदेश दिया था कि संगठन के कामकाज को समय नहीं देने वाले लोगों को पदों पर बरकरार नहीं रखा जाएगा.
इन दिग्गजों पर लटकी तलवार !
75+ वाला फॉर्मूला राजस्थान में दिग्गजों की सियासी जमीन खिसका सकता है. अगर ये फॉर्मूला लागू होता है तो नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, वासुदेव देवनानी, कैलाश मेघवाल, गुरमीत सिंह कुन्नर, ज्ञानचंद पारख, नरपत सिंह राजवी, सूर्यकांता व्यास सहित दिग्गजों की टिकट कटने तय हैं. साथ ही 10 हजार वोटों वाले फॉर्मूले ने बहु कई दिग्गजों की नींद को उड़ा रखा है.
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असक्रिय पदाधिकारियों की होगी छुट्टी!
बीते शनिवार और रविवार दो दिन में करीब 13 घंटे तक भाजपा प्रदेश कार्यालय में बैठकों के लम्बे दौर चले. पार्टी ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने का संदेश दिया है. बैठकों में राज्य की गहलोत सरकार के खिलाफ आगामी आंदोलनों से लेकर विधानसभा चुनाव से पहले उठने वाले मुद्दे पर चर्चा हुई है. पार्टी किन-किन मुदों पर राज्य सरकार को घेर सकती है, इस पर चर्चा हुई है. पार्टी चुनावी मोड पर ये बता दिया है, साथ ही संदेश भी दिया है कि विधानसभा चुनाव किसी भी समय हो सकता है, इसलिए एक्टिव रहना है.
गुजरात में भाजपा ने सरकार को पूरी तरह बदलकर नये चेहरों को सरकार चलाने का जिम्मा पहले ही सौंप दिया है, अब बारी विधानसभा के सदस्यों की है. यह तय माना जा रहा है कि अगर गुजरात और उत्तर प्रदेश में भाजपा का यह फॉर्मूला हिट रहा तो राजस्थान में भी इसे लागू किया जाएगा. राजनीतिक जानकारों की माने तो अगर राजस्थान में भाजपा का ये फॉर्मूला लागू होता है तो आने वाले समय में विधानसभा और बीजेपी हैड क्वार्टर में प्रदेश भाजपा का चेहरा बदला हुआ नजर आ सकता है.