किसान यूनियन की दो टूक- बुराड़ी कभी नहीं जाएंगे, बिना शर्त बात करे सरकार तो वार्ता को तैयार

आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहने का फैसला किया, बोले- हमारे पास पर्याप्‍त राशन, हम 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं, हजारों किसानों ने लगातार चौथे दिन रविवार को सिंधू और टिकरी बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन जारी रखा,  अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान चले जाएं

Singhu Border Sixteen Nine
Singhu Border Sixteen Nine

Politalks.News/Delhi/Farmers/Modi-Government. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को फैसला किया कि वे राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे और दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे. हजारों किसानों ने लगातार चौथे दिन रविवार को सिंधू और टिकरी बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन जारी रखा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान चले जाएं. शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए किसानों को इस मैदान की पेशकश की गई है. शाह ने यह भी कहा था कि निरंकारी मैदान में चले जाते हैं तो दूसरे दिन ही केंद्र सरकार उनसे वार्ता करने को तैयार हो जाएगी.

बता दें, किसान संघों ने रविवार दोपहर की मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है. इसके बाद मीटिंग के फैलने की जानकारी देने के लिए किसान संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हम सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्तव नामंजूर करते हैं. किसान संगठन बिना शर्त सरकार से बातचीत चाहता है. किसानों ने कहा कि बुराड़ी ओपन जेल की तरह है और वह आंदोलन की जगह नहीं है. किसानों ने कहा कि हमारे पास पर्याप्‍त राशन, हम 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं.

भारतीय किसान संघ (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने फोन पर बताया, ‘हमने फैसला किया है कि हम दिल्ली की सीमाओं पर जमे रहेंगे. हम बुराड़ी नहीं जाएंगे.’ बूटा सिंह ने कहा कि कई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह फैसला किया है. बीकेयू (कादियान) के प्रमुख हरमीत सिंह कादियान ने भी कहा कि प्रदर्शनकारी बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे. केंद्रीय गृह मंत्री की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए कादियान ने सिंधू बॉर्डर के नजदीक पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करने के लिए कोई शर्त नहीं थोपनी चाहिए. कादियान ने आगे कहा कि, ‘हम कोई पूर्व शर्त नहीं चाहते हैं, हम चाहते हैं कि बिना किसी शर्त के बैठक हो, हम बातचीत के लिए राज़ी हैं.’

यह भी पढ़ें: उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू पर फडणवीस का पलटवार बोले ‘ऐसी सरकार को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए’

किसान नेता कादियान ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान जल्द ही प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं. गौरतलब है कि ऑल-इंडिया किसान संघर्ष को-ओर्डिनेशन कमेटी, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के अलग-अलग धड़ों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया था. किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. उनको आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और उन्हें बड़े उद्योगपतियों के “रहम“ पर छोड़ दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों के कई संगठनों को दूसरे चरण की बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर को दिल्ली में आमंत्रित किया है.

वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्‍यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि, ‘हमने तय किया है कि हम किसी भी राजनीतिक दल के नेता को अपने मंच पर बोलने की अनुमति नहीं देंगे, चाहे वह कांग्रेस, भाजपा, आप या अन्य दल से हों. हमारी समिति उन संगठनों को बोलने की अनुमति देगी जो हमारा समर्थन करते हैं. उन्‍हें हमारे नियम का पालन करना होगा.’ सुरजीत सिंह ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा अनजाने में उनके साथ दुर्व्यवहार के लिए मीडिया से माफी मांगते हैं. भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए, हमने तय किया है कि हर बैठक के बाद हमारे द्वारा मीडिया के लिए एक आधिकारिक प्रेस नोट जारी किया जाएगा.

सुरजीत सिंह ने आगे कहा कि बुराड़ी में खुली जेल जाने के बजाय, हमने तय किया है कि हम दिल्‍ली के 5 मेन इंट्री प्‍वाइंट को अवरुद्ध करके दिल्ली का घेराव करेंगे. किसान नेता ने कहा कि हमारे साथ 4 महीने का राशन है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है. हमारी संचालन समिति आने की रणनीति तय करेंगी.

Google search engine