Politalks.News/Maharashtra. महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इंटरव्यू पर देवेंद्र फडणवीस ने पटलवार किया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने उद्धव ठाकरे को धमकाने वाला मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि ऐसी सरकार को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए. शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने शिवसेना के मुखपत्र को दिए इंटरव्यू का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्वव ठाकरे ने पूरे इंटरव्यू में सिर्फ विपक्ष को धमकी देने का काम किया है. ऐसा मुख्यमंत्री इतिहास में हमने कभी नहीं देखा. फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की भाषा शोभा नहीं देती.
देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना के मुखपत्र को दिए इंटरव्यू का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं भी मुख्यमंत्री रहा हूं और देश में बहुत से मुख्यमंत्री हैं. ऐसे मौके पर मुख्यमंत्री अपने सालभर के कामकाज का लेखा जोखा पेश करते हुए भविष्य के योजनाओं का खाका पेश करते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे ने पूरे इंटरव्यू में सिर्फ विपक्ष को धमकी देने का काम किया है. पूरे इंटरव्यू में कोई विजन दिखाई नहीं दिया.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि तीन दलों की यह सरकार विश्वासघात से बनी है. पीएम मोदी के नाम पर वोट मांग कर विरोधियों से मिल गए जो महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा है. फडणवीस ने कहा कि एक साल के दौरान इस सरकार ने केवल स्थगन का काम किया है. हर काम पर रोक लगाने के अलावा यह सरकार कुछ नहीं कर सकी. कोरोना की स्थति भी इनसे संभाले नहीं गई.
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मुख्यमंत्री ठाकरे के परिजनों को निशाना बनाने के सवाल पर फडणवीस ने कहा कि जो राजनीति में है, उस पर टिका टिप्पणी होगी ही पर शिवसेना नेताओं ने तो मेरी पत्नी को लेकर ट्विटर पर बहुत कुछ टिप्पणी की. एक सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा कि भाजपा की इतनी दहशत है कि तीनों दल सभी चुनाव मिल कर लड़ने की बात कर रहे हैं पर इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट अर्नब गोस्वामी के मामले और हाई कोर्ट के फैसलों के साफ होता है कि सरकार कैसे काम कर रही है. क्या अब सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट को भी महाराष्ट्र द्रोही ठहराएंगे. पूर्व सीएम ने कहा कि मैं महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग नहीं कर रहा पर सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी से यह साबित हुआ है कि राज्य में संविधान का उलंघन हो रहा है.
कंगना रनोट के ऑफिस तोड़ने पर पूर्व सीएम ने कहा.कंगना के मामले में आए बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश से यह साफ होता है कि कैसे सरकार ने ताकत का गलत इस्तेमाल किया. अगर आप सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत बोलेंगे तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र में यही स्थिति है.