Wednesday, January 15, 2025
spot_img
Homeबड़ी खबर'देश की संपत्ति चुनिंदा हाथों में..' क्या केंद्र सरकार की ओर है...

‘देश की संपत्ति चुनिंदा हाथों में..’ क्या केंद्र सरकार की ओर है जस्टिस गवई का निशाना?

आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में हो रहे भेदभाव एवं कमी पर की चर्चा, कहा- ऐसे भी लोग हैं जो नहीं जुटा पाते दो वक्त की रोटी, प्रयास नहीं किए तो ढह जाएगी लोकतंत्र की इमारत.

Google search engineGoogle search engine

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने अपना शोक जताते हुए कहा कि देश की पूरी संपत्ति चंद लोगों के हाथों में है. उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पाते. हमें आर्थिक रूप से इस भेदभाव को दूर करना होगा. ऐसा माना जा रहा है कि जस्टिस गवई का इशारा सीधे सीधे केंद्र की मोदी सरकार की ओर है. उन्होंने यह कहते हुए केंद्र सरकार पर बढ़ती महंगाई और कुछ विशेष लोगों के हाथों में उद्योगों को दिए जाने पर भी इशारा दिया है.

केरल हाईकोर्ट के एक कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिस गवई ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र में कमी को दूर किए जाने पर चर्चा की. जस्टिस गवई ने संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ. अंबेडकर चाहते थे राजनीति में एक व्यक्ति, एक वोट का प्रावधान हो. यह करके उन्होंने समानता का अधिकार तो दिया, लेकिन आर्थिक और सामाजिक न्याय असमानता के बारे में क्या? हमारे पास एक ऐसा समाज है जो कई कैटेगरी में बंटा हुआ है. लोग एक से निकलकर दूसरे में नहीं जा सकते.

यह भी पढ़ें: प्रदेश के एक और मुख्यमंत्री चले जेल की राह! सोरेन-केजरीवाल के बाद अब इनका लगेगा नंबर

गवई ने डॉ.अंबेडकर के 1949 में दिए गए एक कोट का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में वोटिंग का समान अधिकार हमें अन्य क्षेत्रों में असमानता के प्रति अंधा नहीं बना सकता. हमें इन असमानताओं को मिटाने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे. यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो लोकतंत्र की वह इमारत ढह जाएगी जिसे हमने इतनी मेहनत से बनाया है.

आम नागरिकों के लिए हैं ज्युडिशरी

जस्टिस गवई ने कोर्ट में टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी ने लाखों भारतीय नागरिकों को राहत प्रदान की है. 2020 के बाद हमने देखा है कि पूरे देश में टेक्नोलॉजी में काफी प्रगति हुई है. हम AI का भी उपयोग कर रहे हैं. कोर्ट के फैसलों को विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ट्रांसलेट किया जाता है. यह सिस्टम जजों या वकीलों के लिए नहीं है, यह आम लोगों के लिए है. हम सभी अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति यानी भारत के आम नागरिक के लिए काम करते हैं.

Google search engineGoogle search engine
Google search engineGoogle search engine
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

विज्ञापन

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img