Politalks.news/Bihar. बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखें आने में अभी कुछ दिन और लगने वाले हैं, इसलिए पार्टियों ने अपनी अपनी रणनीतियों का काम शुरु कर दिया है. हालांकि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के चलते देशभर में सात दिन का राजकीय शोक जारी किया है जिसके चलते कुछ दिन सभी प्रस्तावित कार्यक्रम आगे-पीछे हो सकते हैं. पहले से प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, राहुल गांधी आज वर्चुअल रैली के जरिए बिहार चुनाव का बिगुल बजाने वाले थे, तो सीएम नीतीश कुमार की पहली चुनावी रैली 6 सितम्बर को रखी गई थी. बीजेपी भी 13 सितम्बर से अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत करने वाली है. वहीं दूसरी ओर, राजद पिछले एक साल से लगातार चुनावी प्रचार कर रही है लेकिन अपने तरीके से.
हालात से लाचार
व्यवस्था से बीमारअब नहीं रहेगा बिहार
बदलो सरकार, बदलो बिहार pic.twitter.com/CLBO30TvK8— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 24, 2020
इस बार पार्टी मुखिया लालू प्रसाद यादव पर्दे के पीछे जरूर हैं लेकिन पार्टी की कमान तेजस्वी यादव के हाथ में ही है. ऐसे में वे डिजिटली कैंपेनिंग के जरिए पार्टी का चुनावी प्रचार पिछले काफी समय से कर रहे हैं. काबिले गौर ये भी है कि कोरोना काल में जब बिहार संक्रमण के साथ साथ बाढ़ की स्थितियों से जूझ रहा था, उस समय तेजस्वी यादव घर में बैठने की बजाए लोगों के बीच थे और खुद अपने हाथों से खाना बांट रहे थे. इस काम ने उन्हें न केवल सरकार पर तंज कसने का मौका दिया, बल्कि लोगों के बीच उनकी छवि एक नेता के तौर पर बनाने का काम भी किया.
The healthcare infrastructure in Bihar has completely collapsed. The crippled healthcare system has put millions of millions lives at risk. What 15 years of CM @NitishKumar & Dy CM @SushilModi have to say on their shameless failures? pic.twitter.com/381Z21DEf8
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 10, 2020
खैर...फिर से आते हैं तेजस्वी के ऑनलाइन कैंपेनिंग पर, जहां उनकी डिजिटल मार्केटिंग की टीम लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर निशाना साध रही है. बात ये भी ध्यान देने की है कि पहले तेजस्वी की ओर से ही ये डिजिटली वार किए जा रहे थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से पूर्व सीएम राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव की ओर से भी इन तरीकों को अपनाया जा रहा है. राजद के नेता भी सोशल कैंपेनिंग के जरिए जदयू और बीजेपी नेताओं को आड़े हाथ ले रहे हैं. पोस्टर वॉर तो राजद और जदयू में लंबे समय से चला आ ही रहा है.
नीतीश सरकार से बाढ़, बेरोजगारी, महँगाई, अपराध, भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कोरोना पर सवाल पूछो तो वो सीधा पटना से पट्टाया और राँची से कराची पहुँच जाते है।
15 वर्षों के राजा पता नहीं क्यों मुद्दों से मुँह छुपाते भागते-फिरते है? सुशासनी बाबुओं के पास जवाब ही नहीं है। pic.twitter.com/jpLpTdt6qz
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 9, 2020
तेजस्वी के ताजा पोस्टर को देखें तो उनकी सोच और चुनावी मुद्दों की एक झलक आसानी से दिख जाएगी. ये बिहार में बेरोजगार को लेकर है जिस पर तेजस्वी ने लिखा है, ‘बेरोजगारी इस देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है लेकिन यह सरकार की प्राथमिकता में नहीं है. करोड़ों युवाओं को नौकरी देने का वादा था यहाँ तो नौकरियाँ छिनी जा रही है. बिहार में सबसे अधिक बेरोज़गारी है. डबल इंजन सरकार ने बिहार को बेरोज़गारी का केंद्र बना दिया.’
बेरोजगारी इस देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है लेकिन यह सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। करोड़ों युवाओं को नौकरी देने का वादा था यहाँ तो नौकरियाँ छिनी जा रही है। बिहार में सबसे अधिक बेरोज़गारी है। ड़बल इंजन सरकार ने बिहार को बेरोज़गारी का केंद्र बना दिया। #speakupforSSCRaliwaystudents pic.twitter.com/CFrfGx7hlQ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 1, 2020
बाढ़ पीड़ितों का जिक्र भी तेजस्वी अपने चुनावी प्रचार में करने वाले हैं. अपनी एक पोस्ट में सीएम नीतीश कुमार के 15 सालों के कार्यकाल पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने लिखा, ‘बिहार में 16 जिलों के 84 लाख लोग बाढ़ से सीधे प्रभावित, 40 लाख कामगार बेरोजगार और 15 सालों में हजारों करोड़ के सत्यापित सबसे अधिक 57 घोटाले बिहार में हुए.’
बिहार में 16 जिलों के 84 लाख लोग बाढ़ से सीधे प्रभावित।
40 लाख प्रवासी कामगार बेरोज़गार
लाखों लोग कोरोना संक्रमित
सबसे अधिक बेरोज़गारी बिहार में
सबसे ज़्यादा गंदे शहर बिहार के
सबसे ज़्यादा ग़रीबी बिहार में
15 वर्ष में हज़ारों करोड़ के सत्यापित सबसे अधिक 57 घोटाले बिहार में pic.twitter.com/xTo2LbLtPh
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 28, 2020
बेरोजगारों के ये वीडियो युवाओं में काफी पॉपुलर हो रहे हैं जिनमें युवाओं की अपेक्षाओं और मजबूरियों को साफ तौर पर देखा जा सकता है.
घोर अहंकारी नीतीश सरकार की युवाओं और बेरोजगारों के प्रति बेरूखी और बेरहमी पराकाष्ठा पार कर चुकी है। BPSC द्वारा प्रकाशित विज्ञापन सं0-02/2017 में सहायक अभियन्ता पद पर नियुक्ति हेतु निकाले गए विज्ञापन के लगभग तीन साल बीत जाने के बावजूद इसका परिणाम प्रकाशित नहीं किया गया है। pic.twitter.com/NyLfLDeWIQ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 19, 2020
बाढ़ प्रभावित इलाकों में तेजस्वी का दौरा और उसी दौरान बिहार के मुख्यमंत्री को कुंभकरण की निंद्रा में बताने वाले लालू सपूत की ये फोटो अपने आप में काफी कुछ कह रही हैं.
बिना धूप-छाँव, हार-जीत, सुख-दुःख की परवाह किए निरंतर हम बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुँचने की कोशिश कर हरसंभव ज़रूरतमंदो की मदद भी कर रहे है। 16 जिलों के 85 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित है लेकिन मुख्यमंत्री जी सोए हुए है। बाढ़ राहत के नाम पर लूट मची है।प्रशासन कोरोना के ड़र से दुबका हुआ है pic.twitter.com/BmBQutl0zS
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 18, 2020
यह नीतीश मार्का वर्ल्ड क्लास कोरोना टेस्टिंग है। बिना पीपीई किट और शारीरिक दूरी के जाँच हो रही है। विपक्ष के भारी दबाव के बाद 15 वर्षीय सुशासनी सह विज्ञापनी सरकार अब प्रतिदिन 1 लाख20 हजार जाँच का आँकड़ा ऐसे पूरा कर रही है।10 हजार जाँच में 3000 पॉज़िटिव थे और 1 लाख 20 हजार में भी। pic.twitter.com/JeD9spN0pB
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 16, 2020
इधर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी ऑनलाइन कैंपेनिंग में पीछे नहीं हैं. वे लगातार महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर एनडीए सरकार और सीएम नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश कर रही हैं. गर्भाश्य घोटाला और कोरोना काल में सरकारी आंकड़ों को लेकर उन्होंने सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं.
याद करो इस निर्दयी सुशासनी सरकार का गर्भाशय घोटाला। इन दरिंदो ने मांओं की कोख भी नहीं छोड़ी। क्या ऐसे अमानवीय लोगों को सत्ता में रहने का अधिकार है? pic.twitter.com/SqTLSmzgHk
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) July 30, 2020
यह कैसा सुशासन? चोर की दाढ़ी में तिनका नहीं पूरा जंगल है।
2019 में प्रत्येक माह अपराध के 22,424 मामले दर्ज हुए और लाखों घटनाएँ हुई। pic.twitter.com/FGcJG4IQ65
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) August 9, 2020
लालू प्रसाद यादव भी लगातार डिजिटली अपना चुनाव प्रचार करते हुए सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर निशाना साध रहे हैं.
परेशान किसान,बेरोजगार नौजवान, तड़पते मज़दूर, बिलखते बच्चे और भूख से बेहाल ग़रीबों को उनके हाल पर छोड़कर देश का एकमात्र अलहदा मुख्यमंत्री डर के मारे 77,76,000 सेकंड से आलीशान क्वारंटाइन बंगले में छिपा है।क्या बाक़ी सब मुख्यमंत्री मदद के लिए बेवजह सड़को पर है बस एक यही अनुशासित है? pic.twitter.com/BWP8DNiXkw
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) June 15, 2020
उनके अधिकतर ट्वीट और कैंपेनिंग स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए गए हैं जिन पर राजद नीतीश कुमार की जदयू और बीजेपी को घेरने में सफल भी होते दिख रहे हैं.
नीतीश को खुद नहीं मालूम कहाँ-कहाँ, कब-कब, क्यों, कैसे और किसलिए पलटियाँ मारी है? pic.twitter.com/xhZk6MR6In
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 18, 2020
उद्घाटन से पहले पुल को टूटने और उसका आरोप राजद पर गढ़ने का नीतीश कुमार का ये तरीका लालू ने कितने तरीके से बयां किया है.. आप खुद भी देखिए.
छप्पर पर फूंस नहीं, ड्योढ़ी पर नाच pic.twitter.com/J1y692jhwe
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) August 14, 2020
आम आदमी की समस्याओं को भी टवीटर के जरिए सबके सामने लाना भी राजद को चुनावों में अच्छा खासा फायदा पहुंचा सकता है.
15 वर्षों का सुशासन कथित विकास के प्रचार के बोझ तले इतना दब गया है कि कर्तव्यपरायण डॉक्टर साहब को ठेले में लद कर कोविड केयर सेंटर जाना पड़ता है। सुशासनी कोविड केयर को खुद केयर की सख़्त ज़रूरत है। विज्ञापन का हज़ारों करोड़ मूलभूत सुविधाओं में लगाते तो यह नहीं देखना पड़ता ना?? pic.twitter.com/eI7uxKieOa
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 16, 2020
इधर, राजद के अन्य नेताओं को भी ये तरीका काफी पसंद और कारगर भी लग रहा है. यही वजह है राजद के अन्य नेता भी सरकार की खामियों को इस तरीके से सबसे सामने ला रहे हैं.
बिहार के दयनीय हालात और विज्ञापनी सुशासन के 15 वर्ष pic.twitter.com/su7LuAlhsh
— Dr Tanweer Hassan (@DrTanweerHassan) July 24, 2020
सोशल कैंपेनिंग तक तो ठीक है लेकिन कोरोना संकट और बाढ़ के समय आमजन के बीच जाकर उनकी तकलीफों को पता करना एवं अपने संक्रमण का खतरा होते हुए भी अपने हाथों से लोगों को खाना बांटना जैसी बातों से तेजस्वी गरीब तबके के बीच अपनी पैठ बनाते जा रहे हैं. इससे पहले कामगार मजदूरों और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में पढ़ रहे बिहारी बच्चों को वापिस बुलाने के मुद्दे को भी राजद व तेजस्वी ने पुरजोर उठाया था. इसके बाद कहीं जाकर नीतीश सरकार ने उन्हें वापिस बुलाने पर हामी भरी थी.
राजद और युवा नेता तेजस्वी की ये सोशल कैंपेनिंग बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी का कितना फायदा करा पाती है, ये तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है लेकिन सोशल कैंपेनिंग के जरिए ही सही, बार बार नीतीश सरकार के 15 सालों के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए एनडीए गठबंधन पर हमले चुनावी माहौल से पहले ही राजद को लीड दिलाने वाले साबित हो रहे हैं.