Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केबिनेट की मीटिंग में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी. बैठक में 20 साल बाद प्रदेश की नई पर्यटन नीति को मंजूरी मिल गई है. नई पर्यटन नीति के बाद अब कोरोना के दौर में आर्थिक रूप से चरमराए पर्यटन उद्योग और होटल इंडस्ट्री को राहत जरूर मिलेगी. वहीं कोविड 19 महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, अखिल भारतीय राज्य सेवा के अधिकारी, अधीनस्थ सेवा तथा अन्य राज्य कर्मचारियों के वेतन में कटौती किए जाने का बड़ा निर्णय भी बैठक में लिया गया.
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार मुख्यमंत्री, मंत्री और राज्य मंत्री के वेतन से 7 दिन के वेतन की प्रतिमाह कटौती की जाएगी. इसी तरह, प्रदेश के सभी विधायकों के वेतन से हर महिने एक दिन का वेतन काटा जाएगा. इसके अलावा अखिल भारतीय एवं राज्य सेवा के अधिकारियों का दो दिन का तथा अधीनस्थ सेवा एवं अन्य राज्य कर्मचारियों के सकल वेतन में से एक दिन का वेतन प्रतिमाह काटा जाएगा. कटौती किए गए वेतन को मुख्यमंत्री सहायता कोष (कोविड सहायता) में जमा करवाया जाएगा. यह कटौती सितंबर 2020 से की जाएगी.
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कटौती की गई राशि का उपयोग कोविड महामारी से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए किया जाएगा. बता दें, यह कटौती प्रस्ताव राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायाधीशों तथा अधिकारियों एवं कार्मिकों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों, पुलिस कांस्टेबल तथा एल 1 से एल 4 के वेतनमान में कार्यरत राज्य सरकार के समस्त कर्मचारियों पर लागू नहीं होगी.
सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में झुंझुनूं के गुढ़ा के राजकीय कॉलेज का नामकरण केदारनाथ मोदी राजकीय कॉलेज करने का अनुमोदन किया गया. बैठक के बाद राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस कॉलेज का दानदाता के नाम पर नामकरण किया गया है. बैठक में मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम मामले में एनआरआई कोटे की सीटों की फीस एक साथ नहीं लेकर सेमेस्टर वाइज लेने का निर्णय किया गया. राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने बताया कि बैठक में रोजगार सृजन, निवेश को बढ़ावा देने पर भी मंथन किया गया.
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मुख्यमंत्री आवास पर करीब 40 मिनिट चली गहलोत केबिनेट की बैठक के बाद मंत्री परिषद की भी बैठक हुई जो कि करीब 1 घण्टे तक चली. मंत्री परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश प्रभारी द्वारा चाही गई सरकार के कामकाज की रिपोर्ट देने के लिए सभी मंत्रियों को तैयारी करने के निर्देश दिए. इस दौरान अन्य कई महत्वपूर्ण मसलों पर भी निर्णय किया गया.