सियासत पर कोरोना: नेता, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्रियों को अपनी चपेट में ले रहा है कोरोना वायरस

करीब 38 लाख मामले देशभर में आ चुके हैं सामने, जिन माननीयों पर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने की जिम्मेदारी थी वो ही अब कोरोना की सबसे ज्यादा चपेट में आ रहे हैं, कारण है लापरवाही, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का खुला उल्लंघन

Corona In Indian Politics
Corona In Indian Politics

Politalks.News. देश में कोरोना की रफ्तार हर दिन तेजी के साथ बढ़ती जा रही है. अभी तक हर बात पर सियासत होने की खबरें सामने आती रहीं हैं. यहां तक कि कोरोनाकाल की शुरुआत में कोरोना पर भी जमकर सियासत हुई लेकिन अब उल्टा हो रहा है, अब सियासत पर कोरोना हावी हो गया है. अब यह खतरनाक वायरस नेता, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को भी अपनी चपेट में लेता जा रहा है. कुछ दिनों पहले गृहमंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. वही दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी पॉजिटिव मिले थे. इनके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा भी पॉजिटिव हुए. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कुछ मंत्री भी संक्रमित पाए गए थे. बात करें राजस्थान की तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति होती जा रही हैं. बीते दिन बुधवार को राजस्थान में एक दिन में अब तक के सर्वाधिक 1511 नए कोरोना मामले सामने आए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 352 मामले अकेले जयपुर के हैं. राजस्थान में अब तक कुल 84671 कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 1081 लोगों की मौत हो चुकी है.

कोविड ने अच्छे अच्छों को अपनी जद में लिया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी इस कोविड-19 वायरस से नहीं बच सके. महाराष्ट्र में भी कई मंत्री नेता पॉजिटिव मिले थे. अब गोवा के मुख्यमंत्री भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. देश में कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 40 लाख के पास पहुंच चुका है. इस खतरनाक वायरस की चपेट में कई वीवीआईपी आ रहे हैं. अब गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वह असिम्टोमेटिक हैं और फिलहाल होम क्वारनटीन हैं. उन्होंने संपर्क में आए लोगों को होम क्वारनटीन होने की सलाह दी है.

यह भी पढ़ें: संसद के मानसून सत्र में ‘प्रश्नकाल रद्द’ कर मोदी सरकार ने पहले ही ‘कतर’ दिए विपक्ष के पर

राजस्थान में 3 केंद्रीय मंत्री, 1 मंत्री, 2 पूर्व मंत्री, 3 सांसद और 9 विधायक हो चुके हैं संक्रमित

राजस्थान में कोरोना अब तक की सबसे तेज रफ्तार में बढ़ रहा है. चिंताजनक ये है कि जनता के जिन जनप्रतिनिधियों को कोरोना का स्पीड ब्रेकर बन इसे रोकना था, वही विरोध-प्रदर्शन व लोकार्पण जैसे कार्यक्रमों मेंं जाकर कोराेना स्पीड स्प्रेडर बन गए हैं. प्रदेश में अब तक 3 केंद्रीय मंत्री, एक मंत्री, 2 पूर्व मंत्री, 3 सांसद और 9 विधायक संक्रमित मिल चुके हैं. इनका पॉजिटिव मिलना इसलिए भी ज्यादा डराता है क्योंकि संक्रमित होने से पहले तक ये कई सार्वजनिक मंचों और भीड़ में शामिल हो चुके थे. प्रदेश के जनप्रतिनिधियों में गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन लाल मेघवाल, कैलाश चौधर, प्रताप सिंह खाचरियावास, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, हनुमान बेनीवाल, किरोड़ीलाल मीणा, राजेंद्र गहलोत (राज्यसभा सांसद), रफीक खान, रामलाल जाट, चंद्रभान आक्या, अशोक लाहोटी, हमीर सिंह भायल, राजेंद्र राठौड़, अर्जुनलाल जिनगर, पब्बाराम और अनीता भदेल शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 14 मंत्री हुए हैं संक्रमित-

पूरे देश भर में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से मंत्री संक्रमित हुए हैं. जन प्रतिनिधियों को इस महामारी निपटने के लिए और अधिक सावधान रहने की जरूरत है. जब यही नेता इस महामारी की चपेट में आते हैं तो आम जनता पर इसका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता है. जबकि सरकारों और मंत्रियों को चाहिए कि खुद ही लोगों को इसके प्रति जागरूक करें. बता दें कि उत्तर प्रदेश योगी सरकार में अभी तक 14 मंत्री कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. इनमें डॉ. जीएस धर्मेश, मोहसिन रजा, सिद्धार्थनाथ सिंह, सतीश महाना, भूपेंद्र सिंह चौधरी, मोती सिंह, चौधरी उदय भान सिंह, जय प्रताप सिंह, ब्रजेश पाठक, धर्म सिंह सैनी, महेंद्र सिंह, उपेंद्र तिवारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, योगी सरकार में मंत्री कमल रानी वरुण और चेतन चौहान की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई थी. बता दें कि पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा था कि प्रदेश में लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क क्यों नहीं पहन रहे हैं. अदालत ने प्रदेेश के मुख्य सचिव को तलब करके सवाल जवाब किए थे, उसके बाद उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने कोरोना वायरस के नियमों को सख्ती से लागूू किया है.

यह भी पढ़ें: मोदी राज में अर्थव्यवस्था का बंटाधार, औंधे मुंह गिरी जीडीपी का सूचकांक पहली बार माइनस 24 पर

उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के यह मंत्री अभी तक हो चुके हैं पॉजिटिव-

प्रदेश के राजनीतिक गलियारे से जुड़े कई नेता अभी तक कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं. इनमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के अलावा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उनकी पत्नी और पूर्व मंत्री अमृता रावत, उनकी बहू और बेटा, पू्र्व स्वास्थ्य मंत्री तिलकराज बेहड़, पुरोला से विधायक राजकुमार, लैंसडॉन से विधायक दलीप रावत के भाई की पत्नी और कई सगे-संबंधियों का नाम शामिल हैं. इसी तरह बीजेपी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, राजू भंडारी, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, सितारगंज से विधायक सौरभ बहुगुणा, रुद्रपुर से विधायक राजकुमार ठुकराल के भाई और उनकी बहू, रुद्रपुर के मेयर रामपाल, नैनीताल के बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप रावत और उनकी जिला कार्यकारिणी के बड़ी संख्या में पदाधिकारी भी कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं. इनके अलावा कांग्रेस के कई नेता भी कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं.

यह भी पढ़ें: बेरोजगार युवाओं ने भरी हुंकार- निशाने पर मोदी सरकार #SpeakUpForSSCRailwayStudents

सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क ही इस महामारी को हराने में फिलहाल सबसे बेहतर उपाय-

जब तक इस महामारी का कोई ठोस इलाज सामने नहीं आता है तब तक इस वायरस को हराने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना साथ में सैनिटाइजर का उपयोग ही बेहतर विकल्प माना जा रहा है. स्टडी में यह भी सामने आया है कि यह बीमारी देश में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा बनी रहेगी. बड़े पैमाने पर मास्क का इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना भारत में एक दिसंबर तक कोविड-19 संबंधी दो लाख से अधिक मौतों को कम करने में मददगार सबित हो सकता है.

अमेरिका स्थित वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स ऐंड इवैल्यूएशन की एक स्टडी में बताया गया कि भारत में कोविड-19 संबंधी मौतों की संख्या में आगे कमी लाने का एक अवसर है. लोगों को लगातार मास्क का उपयोग करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रोकथाम संबंधी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है. ऐसे में आप की भी जिम्मेदारी बनती है जब तक इस महामारी का कोई इलाज नहीं मिल जाता, केंद्र और राज्य सरकारों की गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन करें, तभी आप इस खतरनाक वायरस से सुरक्षित रहेंगे.

Leave a Reply