राजस्थान (Rajasthan) के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने जयपुर के चौपाल ग्रामीण प्रशिक्षण संस्थान परिसर में गांधी ज्ञान केंद्र एवं चौपाल राजीविका स्टोर (Gandhi Gyan Center and Chaupal Rajivika Store) का उद्घाटन किया. यह एक ऐसा सेंटर है जहां महिलाओं का हैंड मैड किफायती और उम्दा क्वालिटी का खाने-पीने सहित निजी जीवन में काम आने वाली वस्तुओं का भारी कलेक्शन मौजूद है जो बेहद कम दाम पर खरीद के लिए उपलब्ध है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने सेंटर के उद्घाटन करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान (Rajasthan) में महिलाओं के अंदर बहुत सी प्रतिभाएं हैं. प्रदेश में करीब सवा लाख महिला स्वयं सहायता समूह हैं जो अलग-अलग अपने उत्पाद बनाते हैं और ये सभी इंटरनेशनल प्रोडक्ट से भी काफी अच्छे और किफायती है. मुझे खुशी है कि राजस्थान में ग्रामीण विकास मंत्रालय के माध्यम से सभी अधिकारियों ने लोगों को प्रेरित कर प्रशिक्षण दिया है. प्रोफेशनल लोगों के माध्यम से इन महिला स्वयं सहायता समूहों को इतना प्रशिक्षित किया है कि ये उच्च श्रेणी के उत्पादों का निर्माण कर सकती हैं. राजधानी जयपुर (Jaipur) में इस तरह का स्टोर बनाना अपने आप में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि मंदी के दौर के प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं, जो शायद शिक्षित न हो लेकिन उनका प्रयास सराहनीय है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि हमने कुछ दिन पहले निर्णय लिया कि हर ब्लॉक पर एक अच्छा प्रोडक्ट उत्पन्न कर उसे देशभर में बेचा जा सके क्योंकि ऐसी चीजों की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है. अब ये सारा सामान स्टोर में उपलब्ध है, इसका मुझे गर्व है. अब ये हमारी जिम्मेदारी है कि इसको वर्ल्ड क्लास कैसे बना सकते हैं? पायलट ने कहा कि इस स्टोर की सबसे अच्छी बात यह है कि इस सिस्टम में कोई बिचौलिया नहीं है. यहां का सारा पैसा सीधे मैन्युफैक्चरर के बैंक अकाउंट में जाएगा.
उन्होंने बताया कि 2010 में राजस्थान के 63 फीसदी लोग लोग कृषि पर निर्भर थे जो आंकड़ा आज 48 फीसदी हो गया है. इसके बावजूद चंद महीनों में ग्रामीण महिलाएं यहां प्रशिक्षण लेकर अपने हुनर से एक अच्छा प्रोडक्ट का उत्पादन कर सकती हैं. सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं देशभर में एक खाई बढ़ती जा रही है जिसे हमको-आपको मिलकर खत्म करना होगा. देश का एक तिहाई हिस्सा आज भी जरूरी आवश्यकताओं से वंचित है. अगर आप करोड़पति है और आपको कोई कंपनियां फैक्ट्री खोलनी है तो बैंक का मैनेजर खुद आपके घर चेक लेकर आएगा. लेकिन गांव के गरीब किसान को अगर 25 हजार का लोन भी चाहिए तो बैंक के 25 चक्कर काटने पड़ेंगे. अब मुझे ये कहते खुशी हो रही है कि अपने हुनर के बल पर अपना आत्मसम्मान को बरकरार रखने के लिए देश की 99 फीसदी महिलाएं अपना ऋण वापस कर रही हैं.’
पायलट ने वहां मौजूद प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariwas) के बारे में कहा कि हम दोनों संघर्ष के साथी रहे हैं. उन्होंने खाचरियावास से परिवहन में जितना हो सके, इन महिलाओं की मदद करने की अपील की ताकि इन्हें आगे बढ़ने में मदद मिल सके. इस मौके पर ग्रामीण विकास ACS राजेश्वर सिंह, नरेगा आयुक्त पी.सी. किशन के साथ राजीविका समूह से जुड़ी हजारों महिला उपस्थित रहीं.