पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र के सियासी घमासान पर देश की सर्वोच्च अदालत ने सुप्रीम फैसला (Supreme court verdict) देते हुए 27 नवम्बर बुधवार शाम 5 बजे तक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का फैसला सुनाया है. विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए फ्लोर टेस्ट में गुप्त मतदान नहीं कराने बल्कि पूरी प्रक्रिया का लाइव टेलिकास्ट कराने के निर्देश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिए. बहुमत परीक्षण की यह प्रक्रिया प्रोटेम स्पीकर द्वारा करवाई जाएगी साथ ही अन्य संवैधानिक मुद्दों पर सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट 6 हफ्तों के बाद शुरू करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया का स्पष्टीकरण (Supreme court verdict) करते हुए कहा कि बुधवार सुबह 11 बजे सबसे पहले विधानसभा में सभी 288 विधायकों को शपथ ग्रहण कराई जाएगी. उसके बाद शाम 5 बजे तक बहुमत परीक्षण होगा. माना जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे अनुभवी विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाएगा. इसके लिए महाराष्ट्र विधानसभा में वरिष्ठता के आधार पर 6 नाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजे गए हैं. लिस्ट में पहला नाम कांग्रेस के बालासाहेब थोराट का आ रहा है. बीजेपी के कालीदास कलमकार का नाम दूसरे स्थान पर है. इनके अलावा, कांग्रेस के केसी पडवी, बहुजन विकास अगाडी पार्टी के हितेंद्र ठाकुर, पूर्व स्पीकर और एनसीपी नेती दिलीप वालसे पाटील और बीजेपी के बब्बन पचपुटे के नाम भी लिस्ट में शामिल है. प्रोटेम स्पीकर ही सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे.
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हालांकि अदालत का ये फैसला (Supreme court verdict) भाजपा और फडणवीस के सपनों पर पानी फेरने जैसा साबित हो सकता है. जिस तरह सोमवार को मुंबई के होटल हयात में शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस के 162 विधायकों की परेड कराई गई और जिस तरह 53 विधायकों के एनसीपी खेमे में लौटने की खबर है, उससे तो यही लगता है कि महाराष्ट्र में कर्नाटक के सियासी ड्रामे जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. अगर फडणवीस शक्ति प्रदर्शन में फेल हो जाते हैं तो शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना तय है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल पुथल शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हुई जिसमें सभी बीजेपी विधायकों को आज देर शाम वानखेडे स्टेडियम में बुलाया गया है जहां एक अहम बैठक आयोजित की गई है. एनसीपी की बैठक भी शुरू हो गई है जिसमें शरद पवार, सुप्रिया सुले समेत अन्य बड़े नेता भी शामिल हैं. एनसीपी द्वारा डिप्टी सीएम अजित पवार को मनाने की कोशिश जारी है. अजित पवार ने अभी तक डिप्टी सीएम पद का कार्यभार नहीं संभाला है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए मैं सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभारी हूं. ये काफी खुशी कि बात है कि महाराष्ट्र का फैसला संविधान दिवस के दिन आया है’.
I am grateful to Hon’ble SC for upholding democratic values and constitutional principles. It’s heartening that the Maharashtra Verdict came on the #ConstitutionDay, a Tribute to Bharatratna Dr. Babasaheb Ambedkar!
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 26, 2019